पिछला भाग पढ़े:- मैं और मेरा गे परिवार-2
हेलो दोस्तों अब तक आपने पढ़ा कि कैसे अगले दिन मैंने उसे साड़ी में देखा, और उसे खेल-खेल में अपनी बीवी बना कर उसे कमरे में ले जा कर उसे प्रपोज किया।और वो भी हमेशा के लिए मेरी बीवी बनने के लिए तैयार हो गया। अब आगे।
दोस्तों अब किरन लड़की की तरह ही बात करेगा। तो फिर मैं मंगलसूत्र उसे पहना देता हूं, और फिर टेबल से सिंदूर की डब्बी उठा के उसकी मांग में सिंदूर भर देता हूं।
और बोलता हूं: आज से हम पति पत्नी हुए।
तो मैं देखता हूं कि उसकी आंखो में आंसू आ गए, और फिर उसने झुक कर मेरे पैर छुए। तो मैंने उसे उठाया और अपने गले से लगा लिया। उसने सुबकते हुए मुझसे बोला।
किरन: सुनिए जी, प्लीज मुझे कभी छोड़ कर मत जाना। मम्मी पापा के चले जाने के बाद एक सिर्फ आप ही बचे हो जिसे मैं बहुत प्यार करती हूं।
मैं: नहीं मेरी जान, मैं तुझे कभी छोड़ कर नहीं जाऊंगा। चाहे कुछ भी हो जाए। चलो अब रोना बंद करो, और मुस्कुराओ। अपने पति की बात मानोगी ना बोलो?
फिर वो मुस्करा कर बोलती है।
किरन: जी, मैं आपकी सब बात मानूंगी, आप जो कहेंगे वो करूंगी।
मैं: तो फिर अपने पति को एक प्यारी सी किस देदो।
तो वो शरमा कर मेरे गाल पर किस कर देती है। तो मैं उससे बोलता हूं-
मैं: ये थोड़ी ना किस है। मेरे होठों पे किस करो, उसे किस कहेंगे।
किरन शरमा रही होती है, फिर मेरे दोबारा बोलने पे वो बोलती है-
किरन: अच्छा ठीक है, आप अपनी आंखे बंद करो।
मैं अपनी आंखे बंद कर लेता हूं, और वो अचानक से मेरे होठों को चूम लेती है। तो मैं अपनी आंखे खोलता हूं, और उससे बोलता हूं-
मैं: अरे तुम इतना शरमा रही हो 1 किस करने में। पता नहीं सुहागरात में कितना शरमाओगी। अच्छा सुहागरात तो मनाओगी ना मेरे साथ?
वो फिर दोबारा शरमा जाती है, और धीरे से बोलती है-
किरन: जी जरूर, आपको खुश रखना मेरा धर्म है।
मैं: ठीक है। तो चलो थोड़ा सो लेते है। रात में दादा जी और उनकी बीवी यानी चाचा जी की रासलीला देखेंगे दोनो मिल कर। आ जाओ मेरी बाहों में मेरी जान, सोते हैं।
और हम लिपट कर एक-दूसरे की बाहों में सो जाते है। शाम को गेट की घंटी बजने से मेरी नींद खुली। मैंने आंख खोल के देखा कि किरन मेरे सीने पर सर रख कर सो रही थी। बहुत ही प्यारी लग रही थी, और फिर से घंटी बजी तो मैंने किरन थोड़ा साइड में सुला के नीचे गया। दरवाजा खोला तो सामने दादा जी और चाचा खड़े थे। उन्होंने अन्दर आते हुए पूछा।
दादा जी: कहा था राज, कब से घंटी बजा रहे है?
मैं: वो दादा जी सो रहा था।
दादा जी: अच्छा ठीक है, और किरन कहा है?
मैं: वो भी सो रहा है दादा जी।
दादा जी: चलो ठीक है। अच्छा हम बाहर से खाना ले आए हैं। हम दोनों ने तो बाहर से खाना खा लिया है, तुम दोनों भी खाना खा के सो जाना।
मैं: जी ठीक है।
मैंने चाचा के हाथ से खाना लिया, और रसोई में जाकर एक ही प्लेट में मेरे और किरन के लिए खाना निकाल लिया। तो चाचा जी एक ही प्लेट देख पूछते है।
चाचा जी: राज एक ही प्लेट खाना ले जा रहे हो, किरन नहीं खायेगा क्या?
मैं: वो चाचा जी मैंने अपने और किरन के लिए एक ही प्लेट में निकाल लिया है।
चाचा जी: अच्छा ठीक है।
फिर दादा जी बोले।
दादा जी: सुनो राज हमें कल एक हफ्ते के लिए मुंबई जाना पड़ रहा है। मुझे और तुम्हारे चाचा को, तो क्या तुम और किरन अकेले रह लोगे?
ये सुन कर तो मेरी आंखे ही चमक गई, और मैं मन में सोचने लगा, कि अब तो मैं किरन के साथ सुहागरात मनाऊंगा, और एक हफ्ते तक उसे खूब चोदूंगा। मैं तो जैसे खो ही गया था। तो दादा जी के दोबारा पूछने पे मुझे होश आया।
दादा जी: कहा खो गए राज? मैंने पूछा कि तुम रह लोगे?
मैं: जी दादा जी, हम रह लेंगे। आप बेफिक्र हो कर जाइए।
दादा जी: ठीक है, तुम लोग खाना खा लो, और फिर सो जाना।
फिर मैं ऊपर आ गया रूम में देखा, तो किरन अभी भी सो रहा था। तो मैंने खाना टेबल पर रखा, और उसे उठाया। तो वो कुनमुनाते हुए उठा। फिर मैंने उसे बोला-
मैं: उठ जाओ मेरी डार्लिंग, खाना खाना है। और दादा जी और चाचा भी आ गए हैं।
तो वो एक दम से डर गया, और जल्दी से उठते हुए बोला-
किरन: क्या दादा जी और चाचा जी आ गए। आपने मुझे उठाया क्यू नहीं? मैं जल्दी से कपड़े बदल कर आती हूं।
मैं: अरे उसकी जरूरत नहीं है, ऐसे ही रहो। दादा जी ने बोला है खाना खा के सो जाना। और वो अभी अपने कमरे में होंगे, तो कोई चिंता की बात नहीं है।
किरन: ठीक है, जैसा आप कहो।
फिर हम खाना खाते हैं, और एक-दूसरे को खिलाते है, और खुद भी खाते है, और जल्दी खाना खतम कर देते है। मैं फिर प्लेट साइड में रख देता हूं। फिर हम हाथ धोते है, और आकर बेड पर बैठ जाते है। फिर मैं बात शुरू करता हूं।
मैं: जान तुम्हे पता है दादा जी और चाचा कल एक हफ्ते के लिए मुंबई जा रहे है किसी काम से।
किरन: क्या? पर क्यूं? और हमें अकेले छोड़ कर जा रहे है।
मैं: अरे अच्छा है ना। हम दोनों अकेले रहेंगे। और इस पूरे हफ्ते तुम साड़ी में रह सकोगी, और हम खूब प्यार करेंगे।
किरन: जी ठीक है, जैसा आप बोले।
मैं: चलो अब नीचे चलते है दादा जी और चाचा की रासलीला देखने।
किरन: देखना जरूरी है? उन्होने कपड़े नहीं पहने होंगे। मुझे शर्म आएगी।
मैं: अरे चल ना मेरी जान, मजा आएगा।
किरन: अच्छा ठीक है चलते है। पहले मुझे ये पायल, चूड़ियां और ये झुमके उतार ने दो।
मैं: क्यूं?
किरन: क्यूंकी इनसे आवाजें आयेगी तो वो लोग सुन लेंगे।
मैं: वाह मेरी जान, तेरा दिमाग तो काफी तेज चलता है। ओके चल जल्दी उतार फिर चलते है।
फिर उसने सब चीजें उतार दी, और हम धीरे-धीरे चलते हुए नीचे आ गए। खिड़की से अंदर झांकने लगे।
अन्दर सिर्फ दादा जी ही दिख रहे थे। वो भी कच्छे मे बेड पर लेटे हुए थे, और बोल रहे थे।
दादा जी: रूपा और कितना टाइम लगेगा मेरी जान?
अंदर बाथरूम से आवाज आई।
चाचा: बस दो मिनट और।
मैंने किरन को बोला।
मैं: लगता है चाचा दादा जी के लिए तैयार हो रहे हैं। तू भी मेरे लिए तैयार होगी ना मेरी जान?
तो वो मुस्कराते हुए बोला।
किरन: हां होऊंगी, आपको हमेशा खुश रखने के लिए सब कुछ करूंगी।
मैं: आई लव यू मेरी जान।
किरन: आई लव यू टू जी।
फिर हम दोबारा से देखने लगते है। अंदर चाचा जी बाथरूम से बाहर निकल कर आते है। ब्रा और पैंटी के उपर एक सेक्सी पारदर्शी नाइटी पहन कर। क्या माल लग रहे थे चाचा जी। उनको देख कर दादा जी अपना लंड मसल कर बोलते है।
दादा जी: क्या माल लग रही है मेरी रानी, आज तो तुझे खूब चोदूंगा।
चाचा जी: तो चोदिए ना खूब, वैसे भी हम कल जा ही रहे है मुंबई शादी करने, तो वहां से हनीमून मना के ही आयेंगे। और वहां जाके मैं अपने पसंद के लड़कियो वाले कपड़े खरीदूंगी। और एक हफ्ते तक लड़की बन कर ही रहूंगी।
दादा जी: हां वहा जाके शादी और सुहागरात मनाऊंगा, और एक हफ्ते तक तुझे खूब रगड़ कर चोदूंगा। आजा अब अपनी चुदाई शुरू करते है।
मैं: ओह, तो ये लोग शादी और हनीमून मनाने जा रहे है।
किरन: हां जी। ये लोग तो मजे करने के लिए मुंबई जा रहे है।
मैं: तू क्यों चिंता करती है मेरी रानी? हम भी कल रात सुहागरात मनाएंगे। और एक हफ्ते तक खूब प्यार करेंगे।
किरन: जी। पर डर लग रहा है। मैंने पढ़ा है बहुत दर्द होता है पहली बार में।
मैं: डरती क्यू है? मैं हूं ना। बहुत प्यार से करुंगा। बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा मेरी जान को। हां शुरूवात में हल्का दर्द होगा। बाद में तुम्हे भी मजा आएगा। ठीक है चलो अब अन्दर देखते हैं।
अन्दर दादा जी चाचा को किस करते हुए उनकी नाइटी निकाल देते है। और एक हाथ से उनकी एक चूची दबाते है। और एक हाथ से गांड। और चाचा जी दादा जी का लंड मसलने लगते है। फिर धीरे-धीरे दादा जी उनकी ब्रा और पेंटी निकाल देते है, और उनकी चूचियां चूसने लगते है। चाचा जी आहें भरने लगते है।
चाचा जी: आह चूसो मेरे राजा, चूसो, बहुत तंग करती है ये आपकी रानी को। आह सारा दूध पी जाओ अपनी रांड का।
मैंने किरन को कहा-
मैं: देख लो मेरी जान क्या-क्या होता है। और हमें कल यही सब करना है। तुम भी ये सब करोगी ना।
किरन: हां करुंगी। मैंने भी फोन में ये सब देखा है। आप जो भी करने को कहोगे मैं सब करुंगी।
मैं: अरे वाह। मेरी बीवी तो सब जानती है। चल ठीक है कल अपनी सुहागरात में खूब मजे करेंगे और सब चीज करेंगे। वैसे भी कल से एक हफ्ते तक घर पर सिर्फ हम ही रहने वाले हैं। तो खूब प्यार करेंगे। चल अब अन्दर देखते है।
और अंदर का दृश्य ये था, कि चाचा जी दादा जी का लंड चूस रहे थे। और दादा जी बड़बड़ा रहे थे।
दादा जी: आह चूस रूपा मेरी रांड। इन 12 सालो में जितना मजा तूने मुझे दिया है। उतना मजा तो तेरी मां ने भी कभी नहीं दिया। मुश्किल से बस 20 से 25 बार ही चूदाई की होगी मैंने तेरी मां की।
चाचा जी: 20-25 बार ही क्यों।
चाचा जी मुंह से लंड निकाल कर पूछते है। फिर दोबारा से चूसने लग जाते है।
दादा जी: क्योंकि उसको सेक्स में ज्यादा रुचि नहीं थी। वो बस भजन कीर्तन में ही लगी रहती थी। तेरे भाई के होने के 10 साल बाद तू पैदा हुई। अच्छा हुआ उस समय मैंने तेरी मां के साथ सेक्स किया। नहीं तो।
चाचा जी: नहीं तो क्या मेरे राजा। क्या हुआ मां के साथ सेक्स करने से।
दादा जी: नहीं तो तू कहां से आती मेरी जान? और हम इतना प्यार थोड़ी कर पाते। चल आजा अब तेरी चूदाई करता हूं।
फिर दादा जी ने चाचा जी को बेड के उपर कुतिया बनाया। और फिर उनकी गांड के छेद पर लंड का टोपा रख कर एक ही धक्के में पूरा लंड डाल दिया। और चाचा की बस हल्की सी आह निकली। फिर दादा जी दे दना दन चाचा की चूदाई करने लगे।
और इधर मे खिड़की के पास किरन को अपने आगे खड़ा करके। उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ रहा था और साथ में उसकी गर्दन पे किस कर रहा था। फिर ऐसे ही आधा घंटा और उनकी चूदाई चली और वो वैसे ही नंगे एक-दूसरे से चिपक कर सो गए।
और मैं भी अपने लोअर में झड़ गया। फिर मैं किरन को अपनी गोदी में उठा कर अपने कमरे मे ले आया, और हम भी एक-दूसरे से लिपट कर सो गए।
दोस्तों फिर मिलेंगे अगले पार्ट में।