बस में मिले अंजान आदमी से रात भर होटल में गांड मरवाई-2 (Bus mein mile anjaan aadmi se raat bhar hotel mein gaand marwayi-2)

पिछला भाग पढ़े:- बस में मिले अंजान आदमी से रात भर होटल में गांड मरवाई

पिछली हिंदी गे सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैं बस में मिले एक अंजान आदमी से होटल में उसकी रंडी बन कर चुद गया था। होटल जाते ही मैं अपने दिशा वाले अवतार में आ गया था। ब्रा-पैंटी और नाइटी में पहन कर मैं आकाश से दो बार चुद चुकी थी।

दो राउंड चुदाई के बाद भी आकाश ने सिर्फ मेरी पैंटी ही उतारी थी। मैं ब्रा और नाइटी में थी। हम दोनों ने थोड़ी देर आराम किया। फिर 7 बजे हम दोनों एक साथ नहाए और रिज की ओर निकल पड़े।

इस बार मैंने रेड ब्रा-पैंटी पहनी। ब्लैक पैंट मैंने दीदी की ही पहनी जो मैं घर से लेकर आई थी। ऊपर रेड टॉप पहना। घर से मैं एक जीन की जैकेट भी लेकर आया था। जैकेट थी तो लड़को वाली, मगर जीन की जैकेट लड़कियों वाली भी लगभग सेम ही होती है तो मैंने यही पहनी। अभी तो मैंने जैकेट के बटन बंद रखे थे। लेकिन बाहर जाकर मैं बटन खोलने वाली थी।

मैंने लिपस्टिक भी लगा ली। लिपस्टिक इस बार ज़्यादा डार्क नहीं लगाई थी। मुंह पर मास्क पहना और फिर जूते पहन कर चल पड़ी। होटल लोअर बाजार के पास ही था, और हमें रिज के लिए भी वहीं से जाना था। लोअर बाजार के रास्ते में बहुत सारी दुकानें हैं। सबसे पहले मैंने एक दुकान से एक पिंक कलर की कैप खरीदी।

फिर हम दोबारा रिज की ओर चल पड़े। रास्ते में मौका पाते ही मैंने कैप पहनी। फिर थोड़ी देर बाद जैकेट के बटन भी खोल दिए। अब मेरा रेड टॉप दिखने लगा। अब मैं पूरी तरफ लड़की की फीलिंग ले रही थी।

अब मैं आकाश से चिपक कर उसका हाथ पकड़ कर चलने लगी। आकाश भी मौका पाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद मेरी गांड सहला देता। मैं बहुत उत्तेजित हो रही थी। मेरे अंदर की लड़की फूट-फूट कर बाहर आ रही थी। मैं गांड मटकाते हुए चल रही थी। फिर करीब 10 मिनट में हम रिज पर पहुंच गए।

रिज पर बहुत भीड़ थी। यहां शाम के समय अक्सर ऐसी ही भीड़ हुआ करती है। यहां कई कपल थे। जो एक-दूसरे के साथ चिपक कर चल रहे थे। मैं भी आकाश से चिपके जा रही थी।

हम काफी देर तक रिज पर घूमते रहे। बीच-बीच में मौका पाकर मैंने और आकाश ने काफी बार किस भी कर ली। 9 बजे के करीब हम रिज से वापस होटल की तरफ़ चल पड़े। रास्ते में हमने एक रेस्टोरेंट में डिनर भी कर लिया। मैं यहां भी लड़की बन कर ही डिनर कर रही थी। काफी लड़के और मर्द मुझे ताड़ भी रहे थे।

डिनर करने के बाद हम दोनों होटल चले गये। होटल के थोड़ा पीछे ही मैंने जैकेट की चेन बंद कर ली, और सिर से कैप भी निकाल ली। दोबारा से मुंह पर मास्क पहन कर मैं होटल रूम में पहुंची। रूम में पहुचंते ही मैंने मास्क उतारा। मुझे जोर से पेशाब लगा था, तो मैं वाशरूम जाने लगी।

मैं: डार्लिंग। मैं पेशाब करके आती हूं।

आकाश: बेबी, मैं भी साथ चलूंगा।

मैं समझ गई कि इस बार मैं वाशरूम में ही चुदने वाली हूं। आकाश मेरे पीछे-पीछे वाशरूम में आ गया। मैंने अपनी पैंट और पैंटी नीचे सरकाई और टॉयलेट सीट पर बैठ गयी।

मैं पेशाब करने लगी। इतने में आकाश ने भी अपनी पैंट नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल दिया। उसके लंड में तनाव था।

आकाश अपना लंड मेरे होंठो के सामने ले आया। मैंने जल्दी से मुंह में ले लिया। मैं टॉयलेट सीट पर बैठ कर ही आकाश का लंड चूस रही थी। काफी देर चूसने के बाद उसका लंड पूरे जोश में आ गया था। आकाश ने मुझे वहीं पर वाशबेसिन के सहारे खड़ी करके घोड़ी बना दिया। जल्दी से लंड पर कंडोम चढ़ाया, और मेरी गांड में पेल दिया।

आकाश मेरी गांड चोदने लगा। मैं खुद को शीशे में चुदते हुए देख रही थी। आकाश मुझे लगातार चोदते जा रहा था। एक ही पोजीशन में खड़े-खड़े मैं गई। मैंने आकाश को बोला भी, मगर उसने सुना नहीं। वो लगातार झटके मारता रहा। काफी देर ऐसे ही चोदने के बाद आकाश ने लंड बाहर निकाला, और मुझे बैठने को बोला।

मैंने थोड़ी राहत की सांस ली। मैं टॉयलेट सीट पर बैठ गई। आकाश ने कॉन्डम निकाल कर लंड मेरे मुंह में घुसा दिया। आकाश मेरा सिर पकड़ कर झटके मारने लगा। कुछ झटकों में ही उसने सारा माल मेरे मुंह में निकाल दिया। मैं सारा माल पी गई।

आकाश बाहर चला गया। मैं थोड़ी देर ऐसे ही बैठी रही। 5 मिनट बाद उठ कर मैंने पैंट पहनी। मुंह धोया और लिपस्टिक लगाने लगी। इस बार मैं लिपस्टिक डार्क लगा रही थी। तभी आकाश अंदर आया, और टॉयलेट करने लगा। मैं लिपस्टिक लगा कर बाहर निकल गई। थोड़ी रेस्ट करने के लिए बिस्तर पर लेट गई।

आकाश आया और मेरे ऊपर चढ़ गया। वो मेरी गर्दन और होंठों को चूमने लगा। मैं धीरे-धीरे गर्म होने लगी। थोड़ी देर में आकाश ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसके लंड में फिर तनाव आ गया था। वो मेरे चेहरे के ऊपर आ गया और लंड फिर से मुंह में दे दिया।

मैं अच्छे से लंड चूसने लगी। फिर कुछ देर में आकाश ने मेरी पैंट और पैंटी उतार दी। मैं टॉप और ब्रा में थी। आकाश ने मुझे उल्टा लिटाया और लंड मेरी गांड से सटा कर एक ही झटके में अंदर घुसा दिया। आकाश मेरी गांड मारने के साथ-साथ गर्दन पर काट भी रहा था। इससे मैं और पागल हो रही थी। काफी देर तक आकाश ने मुझे ऐसे ही चोदा।

फिर अपने लंड पर बिठा कर चोदने लगा। ऐसे ही अलग-अलग पोज़ में काफी देर तक चोदता रहा। काफी देर बाद मेरे मुंह में सारा पानी निकाल दिया। इसके बाद उसने एक बार और मेरी गांड मारी। अब एक बजने वाला था। हम दोनों सो गए। सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली तो मैं आकाश की बाहों में जकड़ी हुई थी। हम दोनों पूरे नंगे थे।

मुझे ध्यान आया कि कल शाम से अब तक मैं 5 बार चुद चुकी थी, लेकिन अभी तक एक बार भी मेरे लंड का पानी नहीं निकला था। मैं लड़की के रूप में इतना ढल चुकी थी कि मुझे अपने लंड का कोई ध्यान ही नहीं था।

मेरी पैंटी सामने ही पड़ी थी। मैंने पैंटी खींची और उसको अपने लंड पर मसलने लगी। मैं हिल रही थी तो मेरी गांड खुद ही आकाश के लंड पर रगड़ रही थी। आकाश का लंड खड़ा हो रहा था, और मुझ पर भी आकाश की पकड़ मजबूत हो रही थी। मैं समझ गई कि आकाश उठ चुका है। मैंने आकाश के लंड पर अपनी गांड जोर से दबा दी।

थोड़ी देर लंड मेरी गांड पर रगड़ने के बाद आकाश ने लेटे-लेटे ही मुझे चोदना शुरु कर दिया। करीब 10 मिनट में आकाश झड़ गया और लंड निकाल कर लेट गया। फिर मैं दोबारा अपना लंड हिलाने लगी। करीब एक मिनट में ही मैं अपनी पैंटी में झड़ गई।

थोड़ी देर बाद हम उठे और नहा कर तैयार हुए, और अपने अपने गंतव्य पर निकल पड़े।

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