ये कहानी है मेरी और मेरी साली कविता के बीच की। उसकी उम्र 22 साल की थी जब मेरी शादी हुई तब। और उसका कमसिन फ़िगर 28-30-30 के लगभग था।
मेरी शादी को 2 साल हो गए थे। मेरी बीवी पेट से थी। बात उन दिनों की है, जब मेरी साली ने मेरी हेल्प की हर तरह से, जी हां हर तरह से।
एक बार जब मैं ससुराल गया था, तब उस दिन ससुराल में कोई नहीं था। सासू माँ और ससुर कहीं किसी काम से गए हुए थे। और मेरी वहां जरूरत मेरी साली को थी किसी काम के कारण। जब मैं वहां पहुंचा, तब मैं और वो अकेले थे। बारिश के दिन थे, और साली को बैंक में कोई जरूरी कम था।
मैं और वो काम निपटा कर लौट रहे थे, कि अचानक रास्ते में बारिश होने लगी थी। वो थोड़ा भीग गई थी, जिससे वो और ज्यादा सेक्सी लगने लगी थी। उससे मुझे मन ही मन प्यार था, और कहीं ना कहीं मैं भी भूखा था। बस यहीं वो पल था जिसका हम दोनों वेट कर रहे थे।
बस फिर क्या था, हम दोनों जैसे-तैसे घर तो आ गए थे, पर आग बहुत लगी थी दोनों के जिस्म में। फिर बात आगे बड़ी। शाम हुई, और मेरे और उसके बीच बात भी आगे दूसरों मुद्दों पर चलने लगी। बातों-बातों में बात सेक्स पर ही गई जहां मैं ले जाना चाहता था। और वो भी यहीं चाहती थी।
कमसिन 22 साल की साली, जो पूरी कुवारी हो, किसका मन नहीं करेगा। वो थोड़ी सेक्स से घबरा रही थी। कारण पूछा, तो उनसे शर्माते हुए एक ही बताया और जो मैं भी मानता था। वो हमेशा से अपने स्तनों से नाखुश रहती थी, क्यूंकि वो कुछ ज्यादा ही छोटे थे, लगभग 28″ के थे उन दिनों। बस मुझे भी ऐसे ही मौके की तलाश थी।
मैंने उसे समझाना चालू किया कि डरने की कोई बात नहीं थी और उसकी शादी में काफी टाइम था, मेरी अगर बात मन लेगी तो। और उसकी इस प्रोब्लेम का मैं हल निकाल दूंगा। उसने भी हा भर ली, और वो भी तैयार हो गई मेरी हर बात मानने को।
पहले दिन मैंने उसे हल्का सा गर्म सारसों का तेल दिया और उससे बोला कि नहाते वक़्त वो इस तेल से मालिश करे अपने दोनों स्तनो की आराम-आराम से। उसने मेरी बात मानी, और वही किया जैसा मैंने उसको बोला था।शाम का वक़्त था। मैंने उसे एक डिब्बी दी, और उसे अपने स्तनों पर हल्की मालिश करने को कहा।
उसने पूछा: जीजू इसमे क्या है?
मैंने उसे बताया: इसमे मेरा वीर्य है।
उसने पूछा: यह क्या होता है?
मैंने पूछा: तुझे नहीं मालूम का सच मे?
उसने कहा: नहीं जीजू।
फिर मैंने उसे समझाना चालू किया:
देख यह है मेरा वीर्य। इसी से तेरी बहना पेट से हुई है और तू मौसी बनेगी।
वो थोड़ा शर्मा गई और हसने लगी।
मैंने उसे बताया: यह अपने दोनों स्तनों पर लगा कर मालिश कर, और तेरा साइज़ एक महीने में ही बढ़ने लग जाएगा
उसने वही ढक्कन खोला, और बोलने लगी: जीजू मुझे डर लग रहा है।
मैंने उसे पूछा: कैसा डर?
तो बोलती है: इससे मैं कहीं पेट से तो नहीं हो जाऊँगी?
तो मैं हसने लगा।
वो फिर पूछती है: बताओ ना जीजू, कहीं मेरा भी पेट तो नहीं फुला दोगे आप जीजू?
फिर मैंने उससे पूछा: तुझे नहीं पता क्या कि बच्चे कहां से होते है?
तो वो कहती है: जीजू वो तो पता है। पर यह भी तो वही है। इसी ने तो दीदी का पेट फुला दिया। अब कहीं मेरा नहीं फूल जाए।
मैंने कहा: पगली इसे जब तू तेरी योनि द्वार से अंदर लेगी, तब ही कोई चान्स है तेरे पेट से होने का। नहीं तो नहीं।
वो कहती है: जीजू मुझे डर लग रहा है।
मैंने कहा: पगली तेरी योनि में मत लगाना तू। बस अपने दोनों स्तनों पर अच्छे से मल लेना।
वो कहती है: जीजू ठीक है मैं लगाती हूं।
मैंने कहा: अगर कोई दिक्कत आए तो बता देना। मैं यही हूं।
ठीक है कह कर वो नहाने को चली गई।
जब वो नहा कर आई, तो उसने बताया उसने अच्छे से लगा तो लिया था, अब देखो क्या होता है।
मैंने कहा: डर मत तू। बस तू अपने दोनों स्तनो का साइज़ नाप करके मुझे बता दे, तांकि मैं एक हफ्ते में कोई अंतर आया कि नहीं यह देख सकूं।
थोड़ी देर में उसने दोनों का साइज़ नाप कर मुझे बताया। उस टाइम पर उसके बूब का साइज़ 28″ था।
मैंने उसे कहा: अब एक हफ्ते बाद नापेंगे कि कितना अंतर आया कितना नहीं।
अगले दिन सुभा हुई, और हमारी बात चालू हुई।
उसने पूछा: जीजू आज क्या करवाना है?
मैंने कहा: आज उल्टा करेंगे। सुभा तू मेरे वीर्य से मालिश करेगी, और श्याम को तेल से।
उसने कहा: जीजू दोनों टाइम वीर्य से क्यूँ नहीं कर सकती?
मैंने कहा: ठीक है। अगर तुझे दोनों टाइम करना है, तो दोनों टाइम कर लेना उसी से।
वो: जीजू आप बाथरूम यूस कर लो, फिर मैं चली जाऊँगी।
उसने मुझे वही डिब्बी दी कल वाली। मैं जब बाथरूम में था, तब मैंने उसके लिए फिर अपना वीर्य निकाला। निकाल कर उसे देने गया तब वो फिर मुझसे बोली-
वो: जीजू पेट से ना हो जाऊं कहीं मैं आज।
मैंने आज उसकी क्लास ले ली।
मैंने उसे साइड में बिठाया, और बोला-
मैं: बेटा तु सुन। आज मैं तुझे बताता हूं कि पेट से कैसे होते है।
मैं: बता तेरा महीना कब आया था?
वो: जीजू वो तो आने वाला है एक दो दिन में।
मे: अब सुन। महीने आने के दस दिन बाद अगर कोई जोड़ा संबंध बनाता है, तो उस टाइम पर लड़के का वीर्य लड़की की योनि में जाता है। और वह प्रवेश करके बच्चा बनाते है। और मेरा वीर्य तेरी योनि में नहीं जा रहा, तो तू टेंशन ना ले। बस तू इसे अपने दोनों दूधों पर लगाना, ना कि तेरी योनि में।
वो: जीजू पर मैंने तो सुना है वीर्य औरत के शरीर में अगर कहीं से भी चला जाए, तो वो पेट से हो जाती है।
मे: नहीं पगली, तुझे कुछ नहीं आता। मैं तुझे सब अच्छे से बताता हूं। कुछ लडकियां मर्दों के वीर्य की दीवानी होती है। तो वो उसे खाती भी है, और निगल लेती है। और कुछ तो इसे अपने शरीर पर लगाती है। उससे स्किन अच्छे से गलो करती है। बहुत सी कहानियां है। तू जा, इसे अभी अपने दोनों दूधों पर लगा ले, और नहा ले।
और वो नहाने चली गई।
वो: जीजू आप भी ना, कहां-कहां से ऐसे आइडियास लाते हो। मैंने तो लगा लिया आपका पूरा वीर्य। शाम के लिए आपको फिर निकालना होगा, पूरा लगा लिया मैंने। मैंने कहा: अब कल मिलेगा, आज नहीं।
उसने मुझे ओके कहा, और मोबाइल में सर्च करने लगी जो-जो मैंने उसे बताया था। उसे जो-जो मैंने बताया था, वो सब सही लगने लगा। अब वो और खुशी-खुशी शाम होने का इंतज़ार करने लगी।
शाम को उसने मुझे कहा: जीजू आपको दिक्कत आती हो तो मैं निकाल दूं आपका वीर्य?
मैंने कहा: निकाल सके तो निकाल ले, तेरी मर्जी।
वो बोली: जीजू आप पैंट उतार दो। मैं बॉटल में निकाल दूँगी।
मैंने कहा: केसे निकलते है तुझे आता भी है?
बोली: जीजू बाथरूम ही करोगे आप, मैं बॉटल पकड़ लूँगी, और सुसू कर देना।
मैं हसने लगा और बोला: पगली यह मेरा सुसू नहीं है। यह तो वीर्य है। इसे एसे नहीं निकालते। इसे हाथों से सहला-सहला कर निकालते है।
वो बोली: जीजू कैसे, बताओ मुझे भी?
फिर मैंने उसे एक विडियो दिखाया, जिसमें एक लड़की लड़के का निकाल रही होती है। फिर उसे देख कर वो चार्ज हो गई, और बोलती है-
वो: मुझे भी आपका निकालना है प्लीज।
मैंने उसको कहा: तू अपना टॉप निकाल दे, मैं अपनी निक्कर निकाल देता हूं। मुझे भी शर्मा नहीं आएगी और तुझे भी।
थोड़ा शर्माने के बाद वो मान ही गई। फिर उसने अपना टॉप और ब्रा उतार दी। अब दोनों चूचियां मेरे सामने थी और मेरी चड्डी उतार कर वो मेरा लंड हिलाने लग गई। उसके हाथ में आते ही मेरा लंड और तगड़ा हो गया।
वो बोली: जीजू, आगे क्या करना है?
मैंने उसे समझाना चालू किया: अब तू इसे प्यार से सहला ले, और थोड़ी देर में मेरा वीर्य आ जाएगा बाहर। मैं लेट गया और वो हिलाने लगी।उसके दोनों दुदू पर मेरी नजर थी, और मैं उसके बारे में सोचने लगा।
वो बोली: जीजू रिंकि (उसकी बड़ी बहन) भी एसा करती है क्या?
मैं: हां, वो तो इससे ज्यादा करती है।
वो: जीजू मुझे बताओ क्या-क्या होता है?
मे: सुन, वो और मैं तो दोनों नंगे होते है। वो प्यार से सहलाती है, और फिर मुंह में भी लेती है।
वो: मुंह में भी लेती है?
मे: हां खूब चूसती है वो तो प्यार से, और इसका जो माल निकलता है वो भी निगल जाती है। कभी अपने दूध पर लगाती है, तो कभी पूरे शरीर पर लगाती है।
वो: जीजू एक बात पूछनी थी। आपसे बात कर रही हूं तो मुझे मेरी योनि से कुछ पानी जैसा निकल रहा है। क्या मैंने सुसू कर दिया है?
मैंने उसे समझाया कि वो क्या था, और उससे क्या होता है। यह उसकी जवानी थी, जो बाहर आ रही थी।
थोड़ी देर बाद बोलती है-
वो: जीजू क्या मैं इसे मुंह में लेलूं।
मैंने कहा: क्यूँ नहीं, लेले, जो तुझे करना है कर ले।
वो: जीजू मैंने आज तक कोई लिंग नहीं देखा था। फ़र्स्ट टाइम देख रही हूं। वो भी इतना बड़ा और आपका।
मैं: झूठी, तेरे cousin भाई का लिंग नहीं देखा तूने?
वो: जीजू वो तो बच्चा है। 10 साल का ही तो है। हां पर वो जब छोटा था, तब मैंने उसका खूब देखा था।
यह कह कर उसने मेरा मुंह में रख लिया। वो मुंह में टोपे को चाटने लगी, तो कभी चूसने लगी। आज उसका मूड ही अलग लग रहा था।
वो: जीजू बहुत मजा आ रहा है। और करने का दिल कर रहा है।
मैंने कहा: करती जा तुझे जो करना हो, जैसे करना हो।
वो: जीजू आप पलट जाओ। मुझे आपका पीछे का हिस्सा देखना है। क्या-क्या है आपके पास।
ऐसा कह कर उसने मुझे जबरदस्ती पलट दिया, और मेरे कूल्हे पर हाथ फेरती है।
फिर उसने पूछा: जीजू आपकी गांड यही है ना ?
मैंने कहा: हां।
फिर मैंने कहा: रिंकि यहा भी पप्पी देती है।
वो: मैं भी देदूं क्या?
मैंने कहा: तेरी मर्ज़ी।
यह सुन कर उसने मुझे वह एक किस दिया और वो और गर्म हो गई। मेरा लंड अब शोर मचा रहा था कि उसे अब उसकी चूत चाहिए।
मैंने उससे कहा: अब मेरी बारी। मुझे कुछ देखना है। तुम कपड़े उतारो, और मुझे सब दिखा दो।
यह सुन कर उसने सारे कपड़े हटा दिए। उसकी चड्डी गीली थी। जवानी उसकी चड्डी में से पानी की तरह बह रही थी।
वो: जीजू क्या विचार है आपका अब?
मैंने कहा: बस तू और मैं कुछ कर लेते है।
वो: जीजू पेट से ना हो जाऊ मैं। और मैं कुंवारी भी हूं, तो बहुत दर्द होगा मुझे।
मैंने उसे समझाया: मैं कंडोम इस्तेमाल करूंगा। कोई डर नहीं है इसमें।
वो मान गई। बस अब दर्द ना हो ऐसा कुछ करना था। मैंने बड़े प्यार से उसकी चूत को चाटा, और थोड़ी देर उसे ऐसे ही तड़पने दिया। वो जीजू-जीजू सिसकाने लगी। मैं और तेज स्पीड में चाटने लगा। फिर धीरे से उंगली डाल कर उसे और मजा दिया।
अब घोड़ी तैयार थी। उसे मैंने नीचे लिटा दिया, और कंडोम फेंक कर पूरा लंड उसके अंदर पेल दिया। उसका ब्लड आने लगा। वो थोड़ा सा डरी, लेकिन फिर एंजॉय करने लगी। आह आह की आवाजों में मैं और चार्ज हो गया।
जी भर के ठुकाई हुई। लगातार जीजा ने अपनी प्यारी साली को जी भर के प्यार दिया, और खूब प्यार लिया भी।
फिर थोड़ा ब्रेक लिया हम दोनों ने, और मैं उसकी गांड की तरफ और वो मेरे लंड की तरफ थी। यानि 69 पोसिशन में।
मैंने उसे अपना एक दर्द बताया कि उसकी बहन मुझे कभी अपनी गांड नहीं देती थी, और मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया। इससे वो और चार्ज हो गई। उसे बहुत अच्छा लगने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड में अपनी एक उंगली डालने की कोशिश की, जिससे उसे भयंकर दर्द हुआ और वो माना करने लगी।
मैंने प्यार से उसे समझाया: इसमे और मजा है। इससे तुम्हारा दुबला-पतला शरीर और निखार जाएगा।
वो थोड़ा डरने के बाद मानने लगी। मैंने उसे उल्टा लिटा दिया, और तेल लेकर उसकी गांड में लगाने लगा, जिससे उसे दर्द कम हो। मैंने अपनी उंगली पर तेल लगाया, और अंदर डालना चालू किया थोड़ा-थोड़ा करके। मैंने उसे अंदर कर ही दिया, और कम से कम मेरी उंगली तो अंदर गई।
फिर मैंने उसे थोड़ी देर वहीं रहने दिया और अंदर उंगली करने लगा, जिससे उसकी गांड में थोड़ी जगह बन जाए।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।