पिछला भाग पढ़े:- बदचलन बीवी-6
मेरी बीवी की चुदाई कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि संजय और उसकी तगड़ी चुदाई हुई। फिर जैसे ही उनकी चुदाई खत्म हुई, तो मैंने ज्योति को कॉल की। अब आगे-
ज्योति ने फ़ोन देखा-
ज्योति: चुप रहना।
संजय: पतिदेव का है? क्या टाइमिंग सही है। झड़ते ही पति को तेरी याद आ गयी।
ज्योति ने चुप रहने का फिर इशारा करते हुए फोन उठाया।
ज्योति: हेलो।
राहुल: कहां हो? घर के लिए निकली या नहीं?
ज्योति: बहुत काम था, बस निकल रही हूं।
राहुल: इतना हांफ क्यो रही हो?
ज्योति: अरे मीटिंग के बाद ऊपर आ रही थी। लिफ्ट खराब थी, सीढ़ी से आई हूं इसलिए।
इधर ज्योति मुझसे बात कर रही थी। उधर संजय ज्योति की चूत टिशू पेपर से साफ कर रहा था, और ज्योति संजय के लंड को दूसरे हाथ से सहला रही थी।
राहुल: चल ध्यान रख अपना और जल्दी निकलो। संजय भी आने वाला है।
ज्योति: हां यार काम ही खत्म नहीं होता, निकल रही हूं।
राहुल: और मेरी जान की चूत कैसी है। अभी भी खुजा रही है? जल्दी आएगी, तभी तो साफ कर पाओगी।
उधर संजय ज्योति के चूत में उंगली कर रहा था। ज्योति मना कर रही थी, और संजय को मस्ती सूझ रही थी। वो खड़ा हुआ, और एक झटके में चूत में लंड डाल दिया। मैं सीसीटीवी में सब देख रहा था।
ज्योति: उफ्फ उई क्या कर रहे हो?!
राहुल: क्या हुआ?
संभलते हुए ज्योति: अरे कुछ नहीं पियून के हाथ से एक बोटल पैर और गिर पड़ा।
राहुल: ज्यादा चोट तो नहीं आई?
उधर असली चोट संजय कर रहा था। दूसरे राउंड की चुदाई उसने शुरू कर दी थी। दोनों जांघो को हाथों से पकड़ कर संजय चोदे जा रहा था।
ज्योति: आह उफ्फ चोट तो आई है पर घर निकलना है, आप रखो फोन।
राहुल: अरे कोई नहीं बर्फ लगा लो।
ज्योति मुझसे बात करते हुए संजय को इशारा कर रही थी रुकने के लिए। लेकिन संजय कहां मानने वाला था। वो लंड चूत से बाहर करता और पूरा पेल देता।
ज्योति: उफ्फ उफ़्फ़फ़ उई उई।
राहुल: ज्यादा दर्द हो रहा है। मैं आता हूं आफिस तेरे।
ज्योति: नहीं बर्फ लगा रहा है तो अच्छा भी लग रहा है, और थोड़ा दर्द भी है।
ज्योति मोबाइल में माइक को म्यूट कर के संजय पर चिल्लाई-
ज्योति: मादरचोद 2 मिनट रुक नहीं सकता? फिर चोद लेना।
संजय: मज़ा आ रहा है पति से बात करते समय तुम्हे चोदने में।
ज्योति: मज़ा आ रहा है तो धीरे चोद ले। तुम्हें पता है ना जोर से चोदते हो तो मेरी चीखें निकल जाती है।
संजय: अच्छा धीरे चोदता हूं आराम-आराम से। पर तुम बात करती रहना। बहुत एक्साइटमेंट हो रहा है।
राहुल: हेलो, आवाज नहीं आ रही।
ज्योति: सुन कोई हरामीपना मत करना, धीरे डालना।
मैं थोड़ा पति की चिंता दूर करूं, नहीं तो आफिस चला जायेगा वो। मैं अनम्यूट कर रही हूं।
ज्योति: हां हेलो, अरे वो म्यूट हो गया था। वो पियून बर्फ लगा के पैर की नस दबा रहा है। दर्द कम हो रहा है।
लंड चूत में फसाये हुए संजय: सर आप चिंता मत करो। अभी तेल लगा के इस ठीक कर दूंगा। मैडम 10-15 मिनट में दौड़ने लगेंगी
राहुल: चलो ये ठीक है। उसको बोलना थोड़ा प्यार से दबाए, नहीं तो बहुत दर्द होगा।
मुस्कुराते हुए ज्योति: सर कह रहे है थोड़ा प्यार से दबाना, दर्द ना हो।
इतना सुनते ही संजय ज्योति के दोनों चूचों को अपने हाथों में लेकर दबाते हुए बोला-
संजय: आप बेफिक्र रहो। दर्द तो होगा, लेकिन प्यार से करूंगा। आप फोन मत काटना। जब ज्यादा दर्द हो तो आप हिम्मत बांधना।
ज्योति: अब आप हो तो सब दर्द बर्दाश्त कर लूंगी।
इतना बोलते ही ज्योति ने संजय को खींच के एक जोरदार किस किया और बोली-
ज्योति: थोड़ा तेजी से और जल्दी करो। घर जाना है।
संजय: चलो मैडम, फिर आप दर्द बर्दास्त करने को तैयार रहो। मैं शुरू करता हूं फिर से। अपनी टांगे उपर करो।
इतना बोलते ही संजय ने ज्योति की जांघो को हाथ मैं लेकर चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी। ज्योति मुंह पर हाथ रख कर आवाज दबाने की कोशिश करने लगी। अब सुपर फास्ट ट्रेन की रफ्तार से संजय ज्योति को चोदे जा रहा था। अब ज्योति के मुंह से भी आह आह आह उई उई की आवाज आने लगी। साथ में हर धक्के की चट चट की आवाज भी सुनाई पड़ रही थी। सीसीटीवी में दोनों की चुदाई देख रहा था। फ़ोन ज्योति के सिरहाने पर था, और संजय चोदे जा रहा था।
ज्योति: आह आह उफ्फ उफ्फ उफ्फ उफ्फ उई उई उई।
राहुल: कोई नहीं थोड़ा बर्दास्त करो बेटा, दर्द ठीक हो जाएगा।
चुदाई की रफ्तार बढ़ाते हुए संजय: मैडम आराम हो रहा है? अभी जैसे दबा रहा हूं ठीक है?
ज्योति: उफ्फ उफ्फ उफ्फ उई उई बस ऐसे ही जोर से दबाते रहो। पहले से बेहतर है दर्द आह आह आह।
राहुल: बहुत बढ़िया, चलो अच्छा है दर्द कम हो रहा है। पर बीच मैं चट चट की आवाज क्या आ रही है?
ज्योति: अरे कुछ नहीं, वो पैर पर थप्पड़ जैसे मार रहा है।
संजय: सर जी एक हाथ से इस दबाता हूं, और दूसरे हाथ से उसको मरता हूं। उसकी आवाज आ रही है। आप परेशान मत हो। मैडम अब दाहिने तरफ मुड़ जाओ।
इतना बोलते ही ज्योति दाहिनी करवट पर लेट गई। उसके पीछे संजय लेट गया, और संजय ने लंड ज्योति के चूत में डाल कर चोदना शुरू कर दिया। अब चट चट की आवाज उतनी नहीं आ रही थी, लेकिन सीसीटीवी में दिख रहा था कि संजय ज्योति के चूत को पीले जा रहा था। संजय का 7 इंच का लंड ज्योति के चूत में था, और बाएं हाथ से संजय ज्योति के चूचियों को दबा रहा था।
करीब सात-आठ मिनट तक लगातार चोदे जा रहा था। ज्योति आह आह उफ्फ उफ्फ कर रही थी। मैं सीसीटीवी में देख कर बीच-बीच मैं दर्द बर्दास्त करने बोलता, और संजय और जोर से लंड पेल देता। तीनों मज़ा ले रहे थे। तभी संजय ने चूत से लंड निकाला, और खड़ा हो गया।
ज्योति: अरे रुक क्यों गए? दर्द कम हो रहा था। थोड़ा और दबाव ना।
संजय: आखरी राउंड बचा है, बस थोड़ा और दर्द आपको बर्दाश्त करना है। और हां, हो सकता है कल सुबह फिर दर्द हो, पर धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।
इतना बोलते ही फिर से लंड पेल दिया, और चोदने लगा। 3-4 मिनट चोदने के बाद जोर से आह आह उफ्फ की आवाज के साथ दोनों झड़ने लगे। संजय ज्योति के चूची पेट और चेहरे पर लंड का पानी गिरने लगा।
मैंने पूछा: अब पहले से आराम है?
ज्योति ने कहा: अब पहले से बहुत आराम हो गया।
उसके शरीर पर संजय के लंड का पानी भरा हुआ था। अब समझ में आ रहा था कि संजय के लंड से कितना पानी निकलता है। पूरा पेट और चेहरे पर सिर्फ और सिर्फ संजय के लंड का पानी था।
ज्योति: चलो अब दर्द बहुत कम हुआ। मैं घर निकलती हूं। आप भी फोन रखो, अपना काम करो, और परेशान मत हो। सब ठीक है।
संजय: सर चिंता मत करो। जब तक मैं हूं, दर्द होगा तो आराम पहुंचाने की गारेंटी मेरी है।
मैं समझ रहा था कि अपने लंड से ज्योति को आराम पहुंचाने के बाद अब दोनों थोड़े सुस्ती में आ गए थे। मैंने भी बाय बोल कर फोन काटा। सीसीटीवी में दिख रहा था कि टिशू पेपर लेकर संजय ज्योति के पेट और चेहरे पर मौजूद अपने लंड के पानी को साफ कर रहा था।
ज्योति: अपने मन की कर ली तुमने?
संजय: अलग ही मज़ा आ रहा था।
ज्योति: किसी दिन फसा दोगे तुम। और कल फिर दर्द होगा, ये क्यों बोला?
संजय: रात बाकी है, और तेरी गांड भी मारनी है। याद है जब भी तेरी गांड मरता हूं तो 2 दिन तो ठीक से चल नहीं पाती हो।
ज्योति: डराओ मत अभी से, बहुत बेरहमी से गांड मरते हो तुम। वो गोआ की याद आ जाती है।
संजय: आखिर गोआ में जाकर तुम गांड देने को तैयार हुई थी। याद है 2 दिन के लिए गए थे और 5 दिन रुके थे? आरिफ भी मिला था, और फिर हम तीनों ने जबरदस्त मस्ती की थी, पहली बार थ्रीसम भी।
ज्योति: गोआ के वो तीन दिन खुद तो सोते थे, पर तुम दोनों ने एक मिनट भी सोने नहीं दिया था। सैंडविच बना के चोदा था।
संजय: मस्त था वो समय। चल आरिफ को कॉल करता हूं।
ज्योति: हां लगा फ़ोन बात करते है।
संजय आरिफ को फोन लगाया। आरिफ ने फोन उठाया। हाय-हैलो होने के बाद संजय ने कहा कि वीडियो कॉल कर तुझे एक सरप्राइज दिखानी है। उसके बाद संजय ने फोन काटा और वीडियो कॉल लगाया।
वीडियो कॉल पर-
संजय: हेलो दोस्त, कैसे हो? कहां हो?
आरिफ: भाई हैदराबाद में अपने होटल के आफिस में हूं, और तू शाम के वक़्त नंगा क्या कर रहा है? किसी की ले रहा है क्या?
संजय: हां भाई मस्त माल को चोदा हूं, देखेगा उसे?
आरिफ: दिखा दे भाई। तेरी पसंद तो अच्छी ही होती है।
संजय ने ज्योति को अपनी तरफ खींचा, और अब कैमरे के सामने टॉवल लपेटे ज्योति थी। उसे देखते ही-
आरिफ: अरे मेरी जान, मेरी रांड, कैसी है तू? साले सबसे टॉप की माल चोद रहा है बे।
ज्योति: मैं ठीक हूं, ये साला संजय पागल है।
आरिफ: पहले टॉवल तो हटा, और ये संजय तेरे घर आया हुआ है क्या?
संजय: मैं तो पहली बार आया हूं। लेकिन लगता है तुम पहले भी घर आ कर ज्योति को चोद चुके हो।
आरिफ: यार साल में एक चक्कर तो लगा लेता हूं। सुबह 11 बजे तक आता हूं, और 6 बजे शाम तक चोदता हूं। फिर वापस आ जाता हूं। असली चुदाई तो ज्योति के साथ ही है। मज़ा पूरा देती है।
ज्योति: यार तुम दोनों ही असली पति हो। मेरे असली चुदाई का मज़ा तुम दोनों ही देते हो।
संजय ने ज्योति का टॉवल खींच लिया। अब वो भी नंगी थी।
आरिफ: यार तेरे चूचे पीने का मन करने लगा।
संजय: तो फिर से गोआ टाइप प्रोग्राम बनाया जाए
ज्योति: मैं तो तुम दोनों के लिए हमेशा तैयार रहती हूं। बनाओ प्रोग्राम। लेकिन मेरा थोड़ा ख्याल रखना, और आराम भी करने देना।
आरिफ: मेरी जान खयाल रखने के लिए ही प्रोग्राम बना रहे है। अगले हफ्ते आ जाओ हैदराबाद।
ज्योति: एक शर्त पर, गोआ की तरह हरामीपना नहीं करोगे।
संजय: कौन सा हरामीपना मेरी जान? बस तुम्हारी सेवा करेंगे
ज्योति: कितना शरीफ बन रहा है ये बहनचोद संजय। चूत और गांड एक साथ चोदते समय संजय ने कहा था कि इसका मुंह तो खाली है वहां भी एक लंड होना चाहिए। फिर एक लौंडा पकड़ लाया था संजय ने। फिर चूत, गांड और मुंह सब में लंड डाल के रात भर चुदाई की मेरी।
संजय: आरिफ एक बात बता, मज़ा आया था ना? और साली तुमने भी तो पूरा मज़ा लिया था। याद है वो लौंडा आधी रात भाग गया, ये बोल कर कि तीन लोग चोद रहे है, लेकिन ये रंडी तो शांत ही नहीं हो रही है, मेरे बस का नहीं है अब।
तीनों हसने लगे, और अगले हफ्ते का प्रोग्राम फाइनल करने की बात कर फ़ोन रख दिया। उधर मैं एक बार और मुठ मार कर बैठा, और सोचने लगा गोवा, थ्रीसम और अब तो एक साथ तीन लंड से चुदाई।
मैं अपनी बीवी ज्योति के बारे में सोचने लगा कि क्या औरत और रांड थी वो। लंड की ऐसी भूखी औरत ना कभी सुना और ना कभी देखा था।
ज्योति किचन में चखना और दारू की व्यवस्था में जुटी हुई थी। वो भी नंगी, साथ मैं संजय भी था, और वो भी नंगा था। अभी पूरी रात बाकी थी, कई नए खुलासे बाकी थे। ज्योति की पहली चुदाई और चुसाई के साथ गोआ में 3 लंड से चुदाई की कहानी भी बाकी है। जो अगली कहानी में बताऊंगा। आप लोगो को मेरी बदचलन बीवी ज्योति और उसकी कहानी कैसी लगी जरूर मेल कर के बताइएगा। अगर पसंद आएगी तभी आगे लिखूंगा।
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