हेल्लो फ्रेंड्स, मेरी मौसी की चुदाई कहानी का मजा लें। मैं मोहित 20 साल का हो चुका था, लेकिन चूत कैसी होती है, इससे मेरा लंड अभी अपरिचित नहीं था। मेरा लोड़ा 7 इंच का है। तभी मेरे दिमाग में मेरी मौसी का ख्याल आया।
हमारी कॉलोनी में मेरी शिवानी मौसी भी रहती है। शिवानी लगभग 36 साल की मस्त बिंदास औरत है। मौसी का गोरा-चिट्टा बदन, 34″ के बोबे, 32″ की कमर, और 34″ की उठती मटकती सेक्सी गांड मेरे लंड को भड़का देती है। अक्सर मैं मौसी के घर पर आता-जाता रहता हूं। मौसा जी के शॉप पर जाने और बच्चों के स्कूल जाने के बाद मौसी घर पर फ्री ही रहती है।
मौसी घर पर अक्सर गाउन पहनती है, जिसमें मौसी के जिस्म का शेप साफ-साफ नज़र आता है। मौसी मुझे अच्छा लड़का समझती थी, लेकिन अब इस अच्छे लड़की की नियत मौसी पर बिगड़ने लगी थी। अब मौसी के मस्त फिगर, बड़ी-बड़ी चूचियों, और सेक्सी गांड को देख कर मेरा लंड लोहे की रॉड बन जाता था।
अब एक दिन मौसी पोछा लगा रही थी।तभी मौसी के चूचों को देख कर मेरा लोड़ा फड़फड़ा गया। अब मौसी ने मुझे उनके चूचों को ताड़ते हुए देख लिया, और फिर गाउन को ठीक किया। अब उस दिन के बाद मौसी समझ गई थी कि मैं अब बड़ा हो गया था, और उनकी ही चूत लेने की फिराक में था।
अब मौसी को पेलने के लिए धीरे-धीरे मेरी भी हिम्मत बढ़ रही थी। एक दिन मौसी किचन में खाना बना रही थी। तभी मैं भी मौसी के पीछे जाकर खड़ा हो गया।
“मौसी मुझे भी रोटी बनाना सिखाओ ना यार।”
“अरे तू क्या करेगा यार?”
“अरे मौसी आप तो सिखाओ यार।”
अब मौसी मुझे रोटी बेलना सिखा रही थी।तभी मेरा लंड बुरी तरह से बांस का डंडा बन गया, और उनकी गांड में गढ़ने लगा।
अब मौसी सब कुछ समझ रही थी, लेकिन वो चुप थी। वो मुझे रोटियां बेलना सिखा रही थी। तभी मैंने मौसी को जोर से धक्का दिया, और उन्हें किचन की बेसिन की सटा दिया।
“मोहित क्या कर रहा है यार?”
“मैं तो कुछ नही कर रहा हूं मौसी।”
तभी मौसी मुस्कुराने लगी, “अब मुझे ज्यादा बना मत। जो तू कर रहा है वो मैं सब समझती हूं।”
“जब आप सब समझती ही हो, तो फिर दे ही दो ना मौसी।”
“नहीं यार मोहित, मैं ऐसा नही कर सकती।”
“आप चाहो तो सब कर सकती हो मौसी।”
तभी मैंने मौसी के चूचे पकड़ लिए, और उन पर हाथ फेरने लगा।
“उन्ह्ह क्या मस्त गोल-गोल चूचे है आपके आहा।”
तभी मौसी उनके चूचों पर से हाथ हटाने लगी, लेकिन तभी मैंने मौसी के चूचे जोर से दबा दिए।
“आईईईई मम्मी, सिस्सस्स।”
अब आगे से मैं मौसी के चूचे पकड़ मसल रहा था, और पीछे से उनकी गांड में लंड रगड़ रहा था। अब भला मौसी कहां तक खुद को रोकती? वो गर्म होने लगी।
“आह उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा।”
तभी मैंने लोहा गर्म देख कर गैस बंद कर दी, और मौसी को मेरी तरफ घुमा कर उनके गुलाबी होठों को चूसने लगा। अब मौसी के होठों को चूसने के साथ ही मैं उनकी सेक्सी गांड को सहलाने लगा। किचन में माहोल गर्म हो चुका था। मौसी और मेरे होठों को चूसने की आवाजे आ रही थी। मैं उनकी गांड और चूचों को सहला रहा था।
अब मैंने मौसी को उठाया, और उन्हें बेडरूम में लाने लगा।
“मोहित यार कोई देख लेगा।”
“अब आप नखरे मत दिखाओ।”
तभी मैंने मौसी को उठा कर बेड पर पटक दिया, और झट से उनके गाउन को ऊपर उठा कर पेंटी को खोल फेंका। अब मैंने पजामा खोल मेरा मोटा तगड़ा मूसल निकाला, और मौसी की चिकनी चूत पर रगड़ने लगा। मौसी की चिकनी चूत को देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। आज मैं पहली बार चूत के दर्शन कर रहा था।
अब मैंने मौसी की चिकनी टांगों को खोल कर उनकी भोंसड़ी में लोड़ा गाढ़ दिया। तभी मेरे मोटे तगड़े लोड़े ने मौसी की चीखें निकाल दी।
“आईईईई मम्मी मर गई। आईईईई मम्मी। उन्ह्ह्ह्ह आईईईई।”
एक ही झटके में मेरा लोड़ा मौसी की भोंसड़ी को फाड़ कर अंदर घुस चुका था।अब मैं मौसी की चिकनी भोंसड़ी की धुआधार ठुकाई करने लगा।
“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस आहा आईईईई आईईईई ओह्ह्ह्ह मोहित आह।”
मैं मौसी की टांगे पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उन्हें बजा रहा था। मेरे लोड़े की गहरी ठुकाई से मौसी की भोंसड़ी का भूगोल बदल रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”
मेरा मोटा काला लोड़ा मौसी की भोंसड़ी में तगड़ा घमासान मचा रहा था। मौसी बुरी तरह से चुद रही थी।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह उंह ओह आह्ह आहा आह्ह आह्ह।”
मेरे लोड़े के हर एक झटके के साथ ही मौसी के चेहरे की भाव भंगिमाएं बदल रही थी। उन्हें मेरा भारी-भरकम लंड बहुत भारी पड़ रहा था। तभी मौसी मेरे लोड़े के कहर को ज्यादा देर तक नहीं झेल पाई, और मौसी की भोंसड़ी से गरमा-गरम पानी निकल गया।
“आह्हा आह्हा ओह्ह्ह मम्मी मर गईई।”
मैं मौसी को पेले जा रहा था। मौसी मेरे लोड़े की ठुकाई से कराह रही थी। अब मैंने मौसी की चिकनी टांगों को चौड़ा किया, और मेरा मूंह उनकी चिकनी भोंसड़ी पर रख दिया।
“उन्ह्ह्ह क्या भोंसड़ी है आपकी ऊंह।”
मैं मौसी की भोंसड़ी को चाट रहा था। मौसी आंखे बंद कर उनकी भोंसड़ी को रगड़ा रही थी।
“उन्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
मैं मौसी की चिकनी टांगों को फैला कर उनकी भोंसड़ी चाट रहा था। मौसी की भोंसड़ी के नमकीन पानी को चाटने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। तभी मौसी मेरे बालों को खींचने लगी।
“उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स उह्ह्ह्ह मोहित। सिस्सस्स चाट मेरी चूत को। उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
“ओह्ह्ह्ह मम्मी। बहुत मजा आ रहा है। उन्ह्ह्ह सिससस्स।”
अब मैंने मौसी की भोंसड़ी को चाटा, और और मौसी के गाउन को खोल फेंका। तभी मौसी का नंगा, चिकना, गदराया बदन, बड़े-बड़े बूब्स, मक्खन जैसा पेट देख कर मेरा लंड बुरी तरह से ठन गया। अब मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया, और उनके चूचों को दबाने लगा। तभी मौसी मीठे दर्द से सिहारने लगी।
“आहा आह आईईईई सिस्सस्स्स उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मम्मी। आराम से उन्ह्ह्ह्ह।”
“ओह्ह्ह मौसी। आहा बहुत मजा आ रहा है। आपके बूब्स दबाने में आह। मैं तो आपके चूचियों को दबाने के लिए बहुत दिनों से तड़प रहा था।”
“आहा सिसस्सस्स उन्ह्ह्ह।”
फिर मैंने मौसी की चूचियों को दबा कर लाल कर दिया। अब मैं बेड से नीचे उतर आया, और फिर मौसी की चिकनी टांगों को पकड़ा और उन्हें बेड के किनारे पर खींच लिया। अब मैंने मौसी की चिकनी चमेली भोंसड़ी में लोड़ा लगा दिया। फिर मौसी की चिकनी टांगों को पकड़ कर जोर से लोड़ा ठोक दिया।
“आईईईई मम्मी। मर गई। सिस्सस्स्स।”
अब मैं मौसी की भोंसड़ी में दे दना दन लोड़ा पेलने लगा। तभी मौसी मेरे लोड़े के तूफान में उड़ने लगी। उनकी चीखें फिर से बेडरूम में गूंजने लगी।
“आहा आह्ह सिससस्स आईईईई मम्मी सिसस्स आहा सिस्सस्सस क्या लोड़ा है तेरा आह।”
“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में मौसी आहा।”
अब मेरे लोड़े की दमदार ठुकाई से मौसी पिघल कर पानी-पानी होने लगी। वो और लोड़ा मांगने लगी।
“आह आईईईई ठोक मुझे। आहा आईईईई बहुत मजा आ गया तेरे लंड से चुदने में आह।”
मैं गांड हिला-हिला कर मौसी की चूत में लंड पेले जा रहा था। मेरे लंड के झटकों से मौसी का बेड चुड़-चुड़ कर रहा था। मौसी आधी बेड पर थी, और आधी नीचे लटकी हुई थी।
“आह्ह सिसस्स आह्ह ओह आहा आईई। खूब चोद तेरी मौसी को ऊंह आहा।”
“हां मौसी।”
मेरे लंड के ज़ोरदार झटकों से मौसी के चूचे उछल रहे थे। मैं मौसी को जम कर चोद रहा था। मेरे लोड़े की ज़ोरदार ठुकाई से मौसी बौखला गई, और उनका पानी भोंसड़ी से टपकने लगा।
“आह्ह आह आह्ह आह्हा आईईईई।”
अब मेरे लंड के झटकों से मौसी का पानी नीचे गिर रहा था। मैं मौसी की टांगे पकड़ कर उन्हें जम कर चोद रहा था। मैं पसीने मे पूरा लथ-पथ हो चुका था।
“आह्ह आह्म उन्ह आह्ह आईई आह्ह।”
“ओह्ह्ह मौसी क्या भोंसड़ी है आपकी आह।”
अब मैंने मौसी को वापस बेड पर पटक दिया और उनके चूचों को मुंह में भर लिया, और उनको पागलों की तरह चूसने लगा।
“उन्ह सिससस्स ओह मौसी। बहुत रसदार है आपके चूचे, उन्ह।”
मैं सबड़-सबड़ कर मौसी के चूचों का रस पी रहा था। मौसी के चूचे पीने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
“ओह्ह्ह्ह मोहित। उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
मौसी मेरे बालों को सहला रही थी। वो उनके बगीचे को मुझे लुटा रही थी। मैं जम कर उनके बगीचे के आम चूस रहा था।
“ओह मौसी, आह्ह उंह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत दिनों से मैं आपके बोबे चूसने के लिए तड़प रहा था, आह्ह।”
“अच्छे से चूस ले मोहित। आहह उन्ह। मिटा ले तेरी भूख।”
फिर मैंने मौसी के चूचों को चूस कर निचोड़ डाला। अब मौसी ने मुझे झटका दिया, और वो मेरे ऊपर आ गई।
अब मौसी ने मेरा मोटा काला लोड़ा हाथ में लिया, और उसे प्यार से सहलाने लगी।
“बहुत ही मस्त लोड़ा है तेरा यार। मैंने तो ऐसा सोचा भी नही था।”
“बहुत प्यासा है मौसी ये।”
“कोई नहीं, आज मैं इसकी सारी प्यास बुझा दूंगी।”
तभी मौसी ने मेरे लंड को मसल कर लाल कर दिया। अब मौसी मेरे लोड़े पर बैठ गई और उन्होंने जल्दी से भोंसड़ी में लोड़ा ले लिया। अब मौसी मेरे लोड़े पर चढ़ कर चुदने लगी।
“आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आहा आहा आईईईई सिस्सस्स आह आहा।”
तभी मौसी के तगड़े झटको से उनके चूचे हिलने लगे। आज मौसी नंगी होकर बहुत सेक्सी लग रही थी।
“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मोहित, आह आईईईई। बहुत आग लगी है मेरी भोंसड़ी में आह आहा।”
“बुझा लो मौसी आपकी भोंसड़ी की आग।”
“आह आहा आईईईई सिस्सस्स आह।”
मौसी मेरे लोड़े पर चढ़ कर कहर ढा रही थी। वो चुद-चुद कर बेहाल हो रही थी। मुझे भी मौसी को मेरे लंड की सवारी कराने में मजा आ रहा था।
“आहा मौसी, बहुत ही कमाल की माल हो आप, आह आह।”
“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आह आहा आईईईई।”
तभी तूफानी झटकों से मौसी का पानी निकल गया, और मौसी मेरे ऊपर ढेर हो गई।
अब मैंने फिर से मौसी की टांगो को खोल लिया और मेरे हथियार के सुपाड़े को भाभी की भोंसड़ी मे रगड़ने लगा।
“ओह्ह्ह्ह मोहित।”
अब मैं मौसी की भोंसड़ी मे लोड़ा फिट कर फिर से झमाझम चोदने लगा। अबकी बार मैं मौसी को बाहों मे कस कर बजा रहा था।
“आईई सिसस ओह्ह्ह मोहित फक मी। ओह्ह्ह आईई वेरि फास्ट।”
“ओह्ह्ह येस मौसी।”
मौसी टांगों को खोल कर लोड़ा ठुकवा रही थी। अब ताबड़-तोड़ ठुकाई से अब तो मौसी को दिन में तारे नज़र आने लगे थे। वो नुकीले नाखूनों से मेरी पीठ को खोद रही थी। मौसी के टाइट चूचे मेरी बॉडी की रगड़ से पिचक रहे थे।
“आईईईई सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह ओह”
तभी मेरा लोड़ा झड़ने की कगार पर पहुंच गया, और फिर मैंने मौसी की चिकनी चमेली भोंसड़ी में लंड को पिघला दिया।
“ओह्ह्ह मौसी।”
मौसी की चुदाई कहानी जारी रहेगी……..
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अगला भाग पढ़े:- मौसी की चिकनी भोंसड़ी-2