This story is part of the Kamini ki pyaas series
दोस्तो मैं अपनी कहानी “कामिनी की प्यास” का अगला पार्ट लेके आ गया हूँ,
अब आगे पढ़िए..
अगले दिन सब सामान्य रहा, संदीप बाहर गया था। कामिनी का मन बेचैन था। फिर रात हुई, सन्दीप कमरे में था, वो इंतज़ार में था कि आज भी मामी आएगी। मग़र मामी नहीं आई।
उधर कामिनी कशमकश में थी, वो सोच रही थी कि वो सन्दीप के कमरे में जाये या ना जाये। अगर उसके पति को पता चल गया तो। वो पहले भी एक बार गलती कर चुकी है। उसने किसी तरह अपने आप को संभाला।
ऐसे ही तीन चार दिन निकल गये। फिर एक रात सन्दीप को लग रहा था कि अब तो मामी नहीं आएगी।दिन में वो क्रिकेट खेलने गया था। थकान पहले ही थी, वो सो गया।
उधर बेडरूम में राकेश कामिनी के ऊपर चढ़ गया था। उसने पाँच छ धक्के लगाए और अपना माल छोड़कर लेट गया और थोड़ी देर में खर्राटे लेने लगा। इधर कामिनी फिर से प्यासी रह गई। चूत में उंगली करने से वो ऊब गई थी। वो बिस्तर से उठी और सन्दीप के कमरे की तरफ गई, सन्दीप का दरवाजा अंदर से खुला ही था। ज़रा सा हाथ लगाते ही दरवाजा खुल गया।
सन्दीप गहरी नींद में था, उसने अंडरवियर और बनियान ही पहना था। कामनी धीरे से बेड पर बैठ गई। वो सन्दीप के लन्ड को अपने हाथों से पकड़ना चाहती थी। वो बार बार हाथ आगे बढ़ाती फिर पीछे खींच लेती। उसके माथे पर पसीने की बूंदे आ गईं थी।
कामिनी का दिल जोर से धड़क रहा था। उसके मन में कसमकस चल रही थी। फिर हवस ने डर को मात दी। कामिनी अंडरवियर के ऊपर से ही सन्दीप के लन्ड पर हाथ फिराने लगी। वो सोचने लगी जब ये ऐसे ही इतना बड़ा है तो जब खड़ा होगा तो फिर कितना बड़ा होगा।
ये सोचकर ही उसकी चूत गीली होने लगी। कहते हैं जब हवस का ज़ोर चलता है तो इंसान सब भूल जाता है। कामिनी के साथ भी यही हुआ। हाथ फेरते फेरते उसका हाथ कब अंडरवियर के अंदर गया उसे पता ही ना चला।
धीरे सन्दीप का लन्ड भी खड़ा होने लगा।थोड़े देर में सन्दीप का लन्ड पूरा तन गया। सन्दीप की नींद खुल गई मगर वो सोने का नाटक करने लगा। कामिनी ने लन्ड अंडरवियर से बाहर निकाल लिया।
उसका लगभग सात इंच का लन्ड देखकर, कामिनी से रहा नही गया और वो लन्ड को चाटने लगी। उधर सन्दीप का बुरा हाल हो रहा था। फिर कामिनी लन्ड को चूसने लगी
कभी वो लन्ड को चाटती कभी चूसती। अब सन्दीप से रहा नहीं गया। उसने कामिनी का सिर पकड़ा
सन्दीप- मामी चुसो मेरा लंड, जोर से चूस।
उसकी आवाज सुनकर मानो कामिनी को होश आया। मगर वो फिर भी लन्ड चूसती रही। वो सन्दीप की ओर नहीं देख रही थी।
उसकी चूत उतेजना में पूरी गीली हो चुकी थी। वो सोच रही थी, अभी लन्ड चूत में गया भी नहीं और ये हाल है जब अंदर जाएगा तो क्या होगा।
वो ये सोच हो रही थी कि उसे मुँह के अंदर गर्म माल महसूस हुआ।
सन्दीप – आह मामी मज़ा आ रहा मैं आपके मुँह में झड़ गया।
कामिनी प्यासी औरत की तरह उसका सारा माल गटक गई और उसका लंड चाट चाट कर साफ कर दिया। कामिनी नहीं चाहती थी कि सन्दीप इतनी जल्दी झड़े। मगर वो खुश भी थी कि अब वो इस लंड से अपनी प्यास बुझाएगी।
सन्दीप- मामी अपनी चूत दिखाओ ना।
कामिनी- अच्छा मुझे सिराहने की तरफ आने दे। सन्दीप बेड से उतरा, कामिनी सिराहने में पीठ टिकाकर बैठ गई। उसने नाईटी ऊपर करी।
उसने बैगनी पेंटी पहनी थी जो पूरी गीली हो चुकी थी। संदीप घुटनो के बल उसकी तरफ गया। और उसकी पैंटी को देखने लगा।
फिर वो पेंटी को सूंघने लगा। उसे चूत की खुश्बू मदहोश कर रही थी। वो पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा।
कामिनी- आह सन्दीप, चाट अपनी मामी की प्यास बुझा बेटा।
संदीप – जी मामी आपने मुझे मज़ा दिया तो आपको भी मज़ा देना मेरा फ़र्ज़ बनता है।
फिर सन्दीप ने पैंटी उतार दी, कामिनी की बालों वाली गीली चूत उसके सामने थी। सन्दीप ने जी ब्लू फिल्म देखी थी, उससे मिले ज्ञान का प्रयोग करने का समय आ गया था।
सन्दीप ने चूत पर जीभ फिराना शुरू कर दिया, कामिनी की आह निकल रही थी मगर वो जोर से भी आवाज नहीं कर सकती थी।
सन्दीप मज़े से चूत को चाट रहा था, फिर उसने चूत के दाने को चूसना शुरू किया, अब तो कामिनी को बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने सन्दीप का सिर पकड़ लिया।
कामिनी- चाट, अपनी मामी की चूत का पानी निकाल दे। बहुत प्यासी है ये।
सन्दीप चूत के दाने को चूस रहा था और साथ मे उंगली अंदर बाहर भी कर रहा था।
कामिनी ये दोहरा वार ना झेल पाई और उसकी चूत से उसका काम रस बह गया।
सन्दीप मज़े से उसकी चूत चाटता रहा. उसने कामिनी की चूत चाट चाट कर साफ कर दी।
कामिनि- संदीप अब मैं अपने बेडरूम में जा रही हूँ, बाकी का कार्यक्रम अब कल करेंगे।
संदीप- जी मामी जी।
उसके बाद कामिनी ने अपने कपड़े पहने और बेडरूम में चली गई, अब कामिनी यही सोच रही थी कि कल सन्दीप का लन्ड उसकी चूत में जायेगा। उसकी प्यासी चूत की प्यास बुझेगी।
कहानी जारी रहेगी
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