Amrita Ek Chudakkad Salesgirl
ये इसी गर्मियो की बात है के मैं एक दिन अपने घर में अकेला था। हमारा पूरा परिवार रिश्तेदारी में बुआ की लड़की की आ रही शादी के लिए कपड़े वगैरा खरीदने बाज़ार गया हुआ था।
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ये इसी गर्मियो की बात है के मैं एक दिन अपने घर में अकेला था। हमारा पूरा परिवार रिश्तेदारी में बुआ की लड़की की आ रही शादी के लिए कपड़े वगैरा खरीदने बाज़ार गया हुआ था।
अनिल उसे देखता ही रह गया। नीना की कमर ऐसे लग रही थी जैसे दो पर्वतों के बिच में घाटी हो। उसके उरोज से उसकी कमर का उतार और फिर उसकी कमर से कूल्हों का उभार इतना रोमांचक और अद्भुत था की देखते ही बनता था।
मैंने अपनी पत्नी को उस गाउन में जब देखा तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसके पिछेकी रौशनी में उसकी टाँगे, उसके नितम्ब, उसके स्तन, निपल बल्कि उसकी चूत की गहराई तक नजर आ रही थी।
परन्तु अनिल का बड़े मर्यादित रूप में सारी सेक्सुअल बातों को बताना तथा गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना नीना को अच्छा लगा। इसी कारण वश जब अनिल ने नीना का हाथ थामा और अपनी जांघ पर रखा तो वह कुछ न बोली।
ये राजस्थान के एक छोटे से गांव की कहानी है। जहां भीमा एक गरीब मज़दूर, जो अपनी पत्नी शांति और बेटे विजय के साथ अपने मालिक जमीदार राजेन्द्र सिंह की हवेली के बाहर एक छोटी सी झोपडी में रहता था।
नीना ने जैसे ही अनिल को देखा तो थोड़ी सहमा सी गयी। उसे दोपहर की अनिल की शरारत याद आयी। आजतक किसीने भी ऐसी हिमत नहीं दिखाई थी की नीना की मर्जी के बगैर इसको छू भी सके।
ऐसे ही कुछ हफ्ते बीत गए। समय को बितते देर नहीं लगती। सर्दियाँ जानेको थी। गर्मी दरवाजे पर दस्तक दे रही थी। शहर के लोग मस्ती में होली के त्यौहार की तैयारियां कर रहे थे।
अनीता ने एकबार मुझे रात के दस बजे फ़ोन किया की उसके बाथरूम का नलका ज्यादा पानी लीक कर रहा था। यदि उसको तुरंत ठीक नहीं किया तो उसकी पानी की टंकी खाली हो सकती थी। अनिल उस समय टूर पर था।
मुझे ऐसा लगा जैसे अनिलने लिफाफा जान बुझ कर गिराया था। मैंने झुक कर जैसे उसे उठाया तो उसमे से एक तस्वीर फिसल कर बहार निकल पड़ी। वह तस्वीर उसकी पत्नी अनीता की थी।
मैं जानता था की अनिल को तो मेरे घर जाने का बहाना चाहिए था। उसे इससे बढ़िया बहाना और क्या मिल सकता था? उसने तुरंत कहा की वह मेरे घर के पास ही कहीं जा रहा था। वह जरूर मैगी के पैकेट पहुंचा देगा।
जब मैं वापस आया तो अनिल की पत्नी उसके पति को मेरी सुन्दर पत्नी के साथ करीब से डांस करते देख रही थी। मुझे अनीता बहुत सुन्दर लग रही थी। मैं अनिल की पत्नी अनीता की और बहुत आकर्षित था, पर अपने विचारों को मन में ही दबा कर रखता था।
नीना के कॉलेज में हजारों लड़को में कुछ ही लड़कियां थी। उनमे से एक नीना थी। परन्तु वह मन की इतनी मज़बूत थी की कोई लड़का उसे छेड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।
मुह पर दुपट्टा बंधी मेरी बुढ्ढी ताई दबे मुह कुछ बड़बड़ा रही थी, कुछ कहना चाह रही थी लेकिन उसकी आवाज़ उसके मुह में ही दबी रह गयी।
ये बात करीब 6 महीने पुरानी है जब हमारे एरिये की सड़के बन रही थी। आपको तो पता ही है सड़क वालो की लेबर में औरते भी होती है। उनके बारे में तो सब जानते ही है।
ये बात तब की है जब मैं पढ़ाई पूरी करके घर से कुछ कामकाज के लिए सपनों की महानगरी मुम्बई में आया था। उस वक़्त मैं बहुत खुश था के जिस शहर को देखने के लिए बचपन से टीवी या अखबार में ही देखकर दिल बेहला लेता था.
चाची एक बात बोलनी है बुरा न मानना, ये लण्ड झिलमिल को देखकर नही तुझे देखकर खड़ा हुआ था और जब से तुझे गौशाला में दूध निकालते हुए देखा तबसे खड़ा है, बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है, क्या करूँ.
ये घटना लगभग 5 साल पुरानी है जब मैं 18 साल का था और सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जनता था. लेकिन उस समय मैंने पहली बार गे पोर्न देखा था जिसमे एक बड़ी उम्र का आदमी एक 19-20 साल के लड़के क साथ सेक्स कर रहा था।
चुप कर तू लड़की, भाई बतायेगा उसे ध्यान से सुनना, तेरे भले की ही बात है, अब तू जवान हो गयी है, बाहर पंखू की तरह कोई गलती न करे इसलिए समझ बात को.
मैं राहुल दिलवाला उम्र 28 साल, रंग गोरा, कद 5 फीट 9 इंच, लण्ड का कद 6.5 इंच व मोटाई 4 इंच, बालों से भरी हुई चौड़ी छाती जिसे देखकर मेरे सभी दोस्तों की माँ और सभी भाभियों, आंटियों व तमाम औरतों के मुह में और चूत में पानी आ जाता है।
अब हम दोनों जीजू साली अस्पताल में राज की माँ की देखभाल के लिए रुक गए। माजी और सोनिया को खाना खिलाया । इतने में रात हो गयी। हम दोनों हाल में ही एक बेंच पर बैठे थे। करीब 12 बजे तक हम दोनो बाते करते रहे।