Purana Pyaar, Chudai Ki Bahaar – Episode 5
हम चारो ग्रुप सेक्स के लिए तैयार थे पर आगे एक तूफ़ान आने वाला था जिसकी हमें कल्पना नहीं थी। हम एक ऐसे भंवर में फंस गये थे जिससे बाहर आ पाना मुमकिन नहीं था। मेरी पूरी हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी का मजा लीजिये।
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हम चारो ग्रुप सेक्स के लिए तैयार थे पर आगे एक तूफ़ान आने वाला था जिसकी हमें कल्पना नहीं थी। हम एक ऐसे भंवर में फंस गये थे जिससे बाहर आ पाना मुमकिन नहीं था। मेरी पूरी हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी का मजा लीजिये।
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा।
मेरे पति, पहले प्यार संजू और भाभी ने प्लान बनाया और कही ना कही मैं भी उसमे शामिल हो गयी। मैं अपनी पहचान बिना उजागर किये सब मजे लेने के लिए तैयार हो गई। बाकि सब मेरे पहले देसी ग्रुप सेक्स की कहानी में जानिए।
मेरा दोस्त राज तुझ पर फ़िदा है, ऐसा लगता है। उसे तेरी पतली कमर, सुआकार गाँड़ और करारी चूँचियाँ बहुत पसंद है। मैंने देखा है की जब तू चलती है तो वह तुझे पीछे से ताकता ही रहता है और तेरी गाँड़ हिलाती हुई चाल पर वह फ़िदा लगता है। बेचारा दूसरे कमरे में सोते हुए भी शायद तुम्हारे ही सपने देख रहा होगा।
राज रानी के भरे हुए स्तनों के बिच कैसे अपना सर सटा कर कई बार रानी की गोद में लेट जाता था, यह बताते राज और कमल दोनों अपने हाथों से हस्तमैथुन कर अपना माल निकालते थे।
मैं अपने पहले प्यार से चुदवा चुकी थी और अब बारी थी मेरे पति की। उनको मैंने उनके पहले प्यार के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा। उनका पहला प्यार कौन था ये इससे भी ज्यादा शॉकिगं था मेरे लिए।
यह हिन्दी सेक्स कहानी वैसे तो साधारणसी है पर इसमें वही भाव आपको दिखेंगे। अगर आपमें धैर्य एवं भाव को परखने की शूक्ष्मता के लिए जो समय और सोच चाहिए उसका अभाव है तो आपको मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी नहीं भाएगी।
संजू जो बचपन में मेरा पडोसी था, उसने मुझे अपने दिल की बात बता कर जैसे मुझे वश में कर लिया था। मैंने भी उसकी दीवानगी के मजा लेना ही सही समझा और उसके साथ बिस्तर साँझा किया। उमीद है आपको यह मेरी हिन्दी चुदाई स्टोरी जरुर पसंद आएगी।
जब बरसो बाद मेरा मिलना मेरे बचपन के दोस्त से हुआ तो पुराना प्यार बाहर आया। फिर हम दोनों ने जमकर एक दूसरे के जिस्म के वो मजे लिए जिसके बारे में बरसो पहले सिर्फ सोचते थे पर कर नहीं पाए थे।
शादी संपन्न होने के बाद हम कार से घर लौट रहे थे। उसने एक बार फिर से मेरे मजे लिए, इस बार कार की पिछली सीट पर जब कि उसके माँ बाप आगे की सीट पर बैठे थे। इसके बाद एक बहुत बड़ी मुसीबत हमारा इंतज़ार कर रही थी।
पिछली रात को प्रशांत के साथ बिन शादी सुहागरात मनाने के बाद आज शादी वाले दिन हमारा फिर से मिलन का वादा था। दो तड़पते बदन इतने लोगो की नजरे छिपाते कैसे मिलन करते हैं ये इस देसी हिन्दी स्टोरी में पढ़िए।
मेरी हिन्दी चुदाई की कहानी के इस भाग में पढ़िए, अपने पडोसी के साथ एक बेगानी शादी में मेरे नंग्न जिस्म पर मेरा पडोसी फ़िदा हो गया, उसने पहले मुझे मस्त किया और फिर मेरे जम के मजे लुट कर मेरे साथ सुहागरात मनाई।
एक शादी में शिरकत करते हुए महिला संगीत के दौरान और बाद में कैसे मेरे पडोसी ने मेरा फायदा उठाया और फिर मुझे पहले निवस्त्र कर दिया गया और मैं अपने नग्न जिस्म को छुपाने की लाख कोशिश करती रही, पर उसने तो मुझे ही अपनी भुजाओ में समां लिया।
रंजन समझ चूका था की मैं उससे चुदना चाहती हूँ, क्योकि मैंने खुद उसे हरी झंडी दिखाई थी. इसलिए इस बार मैंने पति को भी डबल क्रॉस किया। आगे पढ़िए क्या हमें इतना करने के बाद वो फल मिला जिसके लिए इतने पापड बेले थे।
पिछली बार साजिश में चोट खाने के बाद हमारी फिर से हिम्मत नहीं हो पा रही थी साजिश को आगे बढ़ाने की, पर फिर किस्मत से हमको फिर मौका मिला। तो हमने इसे एक बार फिर अजमाने का सोचा!
संदीप तो मेरी चूत में अपना बीज भर चूका था, उसके बाद बारी रोनक को थी. मैंने पहले ही महसूस कर लिया था की उसका लूँ संदीप से बड़ा और मोटा है. मजा लो मेरी इस आगे की सेक्स कहानी का!
कहानी के इस दूसरे भाग में पढ़िए किसे हमने अपना अगला शिकार चुना। जिसको साजिश के तहत सेक्स करना था और हमारे प्लान के मुताबिक डरा धमका कर हमेशा के लिए भगा देना था। मगर इस बार ये आसान नहीं था। हम खुद थोड़ा ऐसे फंस गए कि बहुत मुश्किल पेश आयी।
मैं और मेरे पति ने मिलकर एक ऐसा षड़यंत्र रचा जिसमे एक मर्द को अपने जाल में फंसा कर एक मकसद के तहत अपने साथ सेक्स के लिए प्रेरित किया। वो क्या षड़यंत्र था और उसके कैसे अमलीजामा पहनाया उसके लिए पढ़िए ये रोमांचक हिन्दी सेक्स कहानी।
इस हिन्दी सेक्स कहानी के इस दुसरे प्रकरण में पढ़िए, किस तरह मैंने दूसरे जागरण की तैयारी की और किस तरह की बाधाएं आयी। क्या हमारा मिलन फिर हो पायेगा? यह कहानी के इस नए प्रकरण में जानिये।
जब जाने अनजाने में परिस्थितिवश जागरण की वो रात मेरे लिए कभी ना भूलने वाली एक मधुर मिलन की रात बन गयी। जिसके बारे में कभी नहीं सोचा वो अनचाहा संगम हो गया। आशा है आपको यह हिन्दी सेक्स कहानी पसंद आएगी।