Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan – Episode 13
कुमुद को आती हुई देख कर कमल थोड़ा सा अचम्भित हुआ। कुमुद ने अपने पति कमल के पास जाकर उसे वहाँ से हटने का इशारा किया और खुद कमल की जगह बैठ गयी।
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कुमुद को आती हुई देख कर कमल थोड़ा सा अचम्भित हुआ। कुमुद ने अपने पति कमल के पास जाकर उसे वहाँ से हटने का इशारा किया और खुद कमल की जगह बैठ गयी।
पति का दोस्त अकेले होटल के कमरे में एक एक कर मेरे शरीर के अंगो की मालिश करता मुझे तड़पा रहा था। जब उसे लगा कि मैं काबू में आ चुकी हूँ, उसने अगला कदम उठाया।
रानी सिर्फ पेंटी पहने हुए अपने स्तनों को अपने हाथों से छुपाने की नाकाम कोशिश करते हुए खड़ी शर्म के मारे मरी जा रही थी। छोटी पेंटी में से रानी के झांटों के बाल भी दिख रहे थे। रानी की समझ में नहीं आ रहा था की वह हाथों से अपने स्तनों को छुपाये या अपनी चूत को।
पैरो की मसाज से शुरू करते हुए राज ने मेरी नंगी कमर और पीठ की मसाज करने की इजाजत ले ली थी। वो हदें पार करते हुए क्या मेरी इस मासूम इजाजत का गलत फायदा उठाएगा?
कुमुद की सांस थम गयी। जब वह थोड़ी देर तक सांस न ले पायी तो थोड़ा सा अलग होकर उसने गहरी साँसे ली और फिर राज और कुमुद दुबारा बाहु पाश में बंध गए और फिर एक गहरे चुम्बन में उलझ गए।
मेरी एक्सरसाइज के निरक्षण के बहाने राज मेरे बदन को छूने लगा। मेरे रोकने पर उसने मेरे बदन को छूने की ऐसी तिकड़म भिड़ाई कि मुझे उसको इजाजत देनी ही पड़ी।
कुमुद कुछ पलों तक राज से नजर से नजर मिलाकर देखती रही। फिर कुमुद धीरे से खिसक कर राज के पास आयी तो राज ने अपनी लम्बी बाहों में कुमुद को लपेट लिया।
हम दो कपल घूमने जाते है, पति मुझे होटल रूम में अपने दोस्त के साथ अकेला छोड़ देते हैं। दोस्त मेरा फायदा उठाने की कोशिश करता हैं, मैं बचने की कोशिश करती हूँ।
राज भी कुमुद को देखता ही रहा। कुमुद का सारा बदन एक सूरज की पहली किरण की तरह चमक रहा था। मुश्किल से कुमुद के स्तनों पर से अपनी नजर हटा कर कमल के पैर छुए।
कुछ कारणों से मैंने अपनी बीवी को गाँव भेज दिया था. इस लिए मैं अब शहर में अकेला पद गया. लेकिन जहा मैं रहता था यह वही की मुह बोली भाभी की सेक्स स्टोरी है!
कमल की बात सुनकर राज की बीबी रानी के पॉंव के निचे से तो जैसे जमीन ही खिसक गयी। कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था, यह सुनकर रानी एकदम गरम भी हो गयी।
राज का माथा ठनक गया। किसी गैरमर्द के सामने नंगी ना होने वाली उसकी बीबी को क्या कमल के सामने नंगी होने में कोई एतराज नहीं था?
परिवार वाले अनजाने में, रिश्ते की परवाह बगैर एक दूसरे को चोदे जा रहे थे। क्या वो अपनी पहचान छिपा वहां से निकल पाए? पढ़ो मेरी हिन्दी सेक्स कहानी का आखिरी भाग।
दूसरे दिन राज ने सारी बातें विस्तार से कमल को सुनाई। कमल ने राज की कही सारी बातें सुनी। उसे सुनकर कमल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
मास्क के पीछे अपनी बहन को भाई नहीं पहचान पाया और अनजाने में उसको चोदने को तैयार था उसका साथ दे रहा था मेरा पति। मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में आगे जानिए!
अपने भाई के साथ मेरे कैसे रिश्ते बने की हम दोनों एक ही हो गए, मैंने अपने सगे भाई के साथ उसे वैगरा की गोली और शराब पिला कर. उससे अपनी चूत और गांड की आग शांत करवाई. मेरी देसी हिन्दी सेक्सी स्टोरी का मजा लीजिये!
ये इंडियन सेक्स स्टोरी इन हिन्दी तब की है जब भाई की नई नई शादी हुई थी। उसका रूम मेरे रूम के बगल में ही था और हमारे रूम के बीच एक दरवाजा था जिसमें थोडी़ सी दरार थी। भाई और भाभी लाईट जला कर चुदाई किया करते थे और मैं उस दरार से उनकी चुदाई देखा करती थी।
राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा, पर रानी के मन में उत्सुकता हुई की आखिर कुछ न कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है?
हम चारो ग्रुप सेक्स के लिए तैयार थे पर आगे एक तूफ़ान आने वाला था जिसकी हमें कल्पना नहीं थी। हम एक ऐसे भंवर में फंस गये थे जिससे बाहर आ पाना मुमकिन नहीं था। मेरी पूरी हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी का मजा लीजिये।
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा।