Muh Boli Garam Bhabhi Ki Sexy Story
कुछ कारणों से मैंने अपनी बीवी को गाँव भेज दिया था. इस लिए मैं अब शहर में अकेला पद गया. लेकिन जहा मैं रहता था यह वही की मुह बोली भाभी की सेक्स स्टोरी है!
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कुछ कारणों से मैंने अपनी बीवी को गाँव भेज दिया था. इस लिए मैं अब शहर में अकेला पद गया. लेकिन जहा मैं रहता था यह वही की मुह बोली भाभी की सेक्स स्टोरी है!
कमल की बात सुनकर राज की बीबी रानी के पॉंव के निचे से तो जैसे जमीन ही खिसक गयी। कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था, यह सुनकर रानी एकदम गरम भी हो गयी।
राज का माथा ठनक गया। किसी गैरमर्द के सामने नंगी ना होने वाली उसकी बीबी को क्या कमल के सामने नंगी होने में कोई एतराज नहीं था?
परिवार वाले अनजाने में, रिश्ते की परवाह बगैर एक दूसरे को चोदे जा रहे थे। क्या वो अपनी पहचान छिपा वहां से निकल पाए? पढ़ो मेरी हिन्दी सेक्स कहानी का आखिरी भाग।
दूसरे दिन राज ने सारी बातें विस्तार से कमल को सुनाई। कमल ने राज की कही सारी बातें सुनी। उसे सुनकर कमल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
मास्क के पीछे अपनी बहन को भाई नहीं पहचान पाया और अनजाने में उसको चोदने को तैयार था उसका साथ दे रहा था मेरा पति। मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में आगे जानिए!
अपने भाई के साथ मेरे कैसे रिश्ते बने की हम दोनों एक ही हो गए, मैंने अपने सगे भाई के साथ उसे वैगरा की गोली और शराब पिला कर. उससे अपनी चूत और गांड की आग शांत करवाई. मेरी देसी हिन्दी सेक्सी स्टोरी का मजा लीजिये!
ये इंडियन सेक्स स्टोरी इन हिन्दी तब की है जब भाई की नई नई शादी हुई थी। उसका रूम मेरे रूम के बगल में ही था और हमारे रूम के बीच एक दरवाजा था जिसमें थोडी़ सी दरार थी। भाई और भाभी लाईट जला कर चुदाई किया करते थे और मैं उस दरार से उनकी चुदाई देखा करती थी।
राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा, पर रानी के मन में उत्सुकता हुई की आखिर कुछ न कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है?
हम चारो ग्रुप सेक्स के लिए तैयार थे पर आगे एक तूफ़ान आने वाला था जिसकी हमें कल्पना नहीं थी। हम एक ऐसे भंवर में फंस गये थे जिससे बाहर आ पाना मुमकिन नहीं था। मेरी पूरी हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी का मजा लीजिये।
करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा।
मेरे पति, पहले प्यार संजू और भाभी ने प्लान बनाया और कही ना कही मैं भी उसमे शामिल हो गयी। मैं अपनी पहचान बिना उजागर किये सब मजे लेने के लिए तैयार हो गई। बाकि सब मेरे पहले देसी ग्रुप सेक्स की कहानी में जानिए।
मेरा दोस्त राज तुझ पर फ़िदा है, ऐसा लगता है। उसे तेरी पतली कमर, सुआकार गाँड़ और करारी चूँचियाँ बहुत पसंद है। मैंने देखा है की जब तू चलती है तो वह तुझे पीछे से ताकता ही रहता है और तेरी गाँड़ हिलाती हुई चाल पर वह फ़िदा लगता है। बेचारा दूसरे कमरे में सोते हुए भी शायद तुम्हारे ही सपने देख रहा होगा।
राज रानी के भरे हुए स्तनों के बिच कैसे अपना सर सटा कर कई बार रानी की गोद में लेट जाता था, यह बताते राज और कमल दोनों अपने हाथों से हस्तमैथुन कर अपना माल निकालते थे।
मैं अपने पहले प्यार से चुदवा चुकी थी और अब बारी थी मेरे पति की। उनको मैंने उनके पहले प्यार के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा। उनका पहला प्यार कौन था ये इससे भी ज्यादा शॉकिगं था मेरे लिए।
यह हिन्दी सेक्स कहानी वैसे तो साधारणसी है पर इसमें वही भाव आपको दिखेंगे। अगर आपमें धैर्य एवं भाव को परखने की शूक्ष्मता के लिए जो समय और सोच चाहिए उसका अभाव है तो आपको मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी नहीं भाएगी।
संजू जो बचपन में मेरा पडोसी था, उसने मुझे अपने दिल की बात बता कर जैसे मुझे वश में कर लिया था। मैंने भी उसकी दीवानगी के मजा लेना ही सही समझा और उसके साथ बिस्तर साँझा किया। उमीद है आपको यह मेरी हिन्दी चुदाई स्टोरी जरुर पसंद आएगी।
जब बरसो बाद मेरा मिलना मेरे बचपन के दोस्त से हुआ तो पुराना प्यार बाहर आया। फिर हम दोनों ने जमकर एक दूसरे के जिस्म के वो मजे लिए जिसके बारे में बरसो पहले सिर्फ सोचते थे पर कर नहीं पाए थे।
शादी संपन्न होने के बाद हम कार से घर लौट रहे थे। उसने एक बार फिर से मेरे मजे लिए, इस बार कार की पिछली सीट पर जब कि उसके माँ बाप आगे की सीट पर बैठे थे। इसके बाद एक बहुत बड़ी मुसीबत हमारा इंतज़ार कर रही थी।
पिछली रात को प्रशांत के साथ बिन शादी सुहागरात मनाने के बाद आज शादी वाले दिन हमारा फिर से मिलन का वादा था। दो तड़पते बदन इतने लोगो की नजरे छिपाते कैसे मिलन करते हैं ये इस देसी हिन्दी स्टोरी में पढ़िए।