Amit Uncle Aur Rohit Bhaiya Se Chuda
जानिए पापा के दोस्त और उनके बेटे के साथ एक नया रिश्ता बना, वो दोनों में घर आये थे और उसी रात उन दोनों के लोडे मेरी गांड में घुस गए!
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जानिए पापा के दोस्त और उनके बेटे के साथ एक नया रिश्ता बना, वो दोनों में घर आये थे और उसी रात उन दोनों के लोडे मेरी गांड में घुस गए!
जस्सूजी अपने लम्बे कद के कारण थोड़ा सा पॉंव लंबा करने में कष्ट महसूस कर रहे थे। सुनीता ने जब यह देखा तो जस्सूजी के दोनों पाँव उठाकर अपनी गोद में ले लिए।
सुबह होते ही सब नहा धो कर फ्रेश होकर ट्रैन में ले जाने के लिए नाश्ता बगैरह बची खुची तैयारी होते ही सब कपडे पहन कर ट्रिप पर जाने के लिए तैयार होने लगे।
अनायास ही सुनीता अपने पति के लण्ड के साथ जस्सूजी के लण्ड की तुलना करने लगी। सुनीलजी का लण्ड काफी लंबा और मोटा था पर जस्सूजी के सामने शायद कुछ भी नही।
ये मेरी और मेरी भाभी की चुदाई का दूसरा भाग है, जिसमे जाने शिमला में भाभी और मेरे बीच क्या क्या हुआ था, उमीद है यह भाग भी आपको पसंद आएगा!
सुनीता ने जब जस्सूजी से यह वाक्य सुने तो वह गदगद हो गयी। सुनीता के हाथ में जस्सूजी का आधा तना हुआ लंड था जिसे वह प्यार से सेहला रही थी।
Dosti girlfriend ke birthday ke moke par mujhe kaise uski friend Neha ki chudai karne ka moka mil gya, ye aap is kahani me janege.
सुनीता जानती थी की उसमें उतनी हिम्मत नहीं थी की वह जस्सूजी को रोक सके। इसका कारण यह था की वह खुद भी जस्सूजी से चुदवाना चाहती थी।
सुनील की पत्नी सुनीता की बात सुनकर जस्सूजी की पत्नी ज्योतिजी का मुंह छोटा हो गया। उनके मुंह पर लिखे निराशा और कुंठा के भाव सुनीता को साफ़ नजर आ रहे थे।
ये मेरी और मेरी भाभी की चुदाई की कहानी है। मेरी भाभी का और मेरा हनीमून शिमला में उनके डेढ़ साल के बेटे के साथ। जानिए मैंने कैसे मजे किया!
मनी ने भी समय की नज़ाकत समझी और एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी। अजय ने भी अपना नाईट सूट उतार दिया। अब आगे क्या हुआ इसके लिए पूरी कहानी पढ़िए!
अजय कुछ दिन तो देखता रहा के शायद आज मोबाईल की स्विच खुल जाये। उसके मन में उलटे सीधे ख्याल आने लगे जैसे के उसका मोबाइल पकड़ा न गया हो।
सुनीता फिर अपनी मूल पोजीशन में वापस आ गयी। ज्योतिजी सुनीता की टाँगों के बिच स्थित सुनीता की चूत पर हाथ फेर कर उसे सहलाने और दबाने लगीं।
करीब 10 मिनट के सफर के बाद मनी का घर आ गया। मनी ने निचे उतरते हुए अजय को अंदर आने का न्योता दिया। उधर अजय भी न चाहते हुए मना न कर पाया।
हमारी आज की कहानी भी अजय मट्टू नाम के एक दोस्त की खुद की आप बीती है। वो लुधियाना से ही है। कैसे एक लड़की के वरोंग नंबर पर बात से लेकर वो चुदाई तक पहोंच गया.
जब मानिनियोँ का मन लाखों, मिन्नत मन्नत नहीं मानता है। तब कभी कभी कोई बिरला, रख जान हथेली ठानता है।। कहानी के 17वे एपिसोड का लुफ्त उठाइए!
ज्योति जी की बेबाक बातें सुनकर सुनीता की तो बोलती ही बंद हो गयी थी। सुनीता बेचारी चौड़ी, फूली हुई आँखों से ज्योति जी बातें सुन रही थी।
अजय ने कैसे अपने दोस्त को खूनदान करने के बाद उसकी कुवारी बहन ज्योति को अपने प्यार का इजहार किया और खूनदान के बदले उनकी कुवारी चूत चोदी!
सुनीता गाउन पहने हुए थी। सो वह ऐसे ही कर्नल साहब की पत्नी ज्योति को मिलने के लिए चल पड़ी। सुबह के दस बजे होंगे। सब मर्द लोग अपने दफ्तर जा चुके थे।
जस्सूजी और उनकी पत्नी ज्योतिजी एक और और दूसरी और सुनीता और उसके पति सुनील जी। एक दूसरे को क्या क्या गुल खिलाते हैं? आगे पढ़िए।