Nayi Dagar, Naye Humsafar – Episode 9
मैं पूरी तैयारी के साथ होटल रूम पहुंची जहा जोसफ मेरा इंतजार कर रहा था। जोसफ का गेंडे रूपी बदन मेरा शोषण करने वाला था। क्या मैं उसको सब कुछ करने दूंगी और वो सब सहन कर पाऊँगी, इस भाग में जानिये।
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मैं पूरी तैयारी के साथ होटल रूम पहुंची जहा जोसफ मेरा इंतजार कर रहा था। जोसफ का गेंडे रूपी बदन मेरा शोषण करने वाला था। क्या मैं उसको सब कुछ करने दूंगी और वो सब सहन कर पाऊँगी, इस भाग में जानिये।
आधी रात बित चुकी थी। कुछ ही घंटों में सुबह होने वाली थी। सुनीलजी का मन खट्टा हो रहा था की एक वक्त आएगा जब उन्हें आयेशा को छोड़ कर जाना पड़ेगा।
जोसफ ने मुझे जैक के साथ रंगे हाथों पकड लिया था और मुसीबत मेरी कंपनी और उसके बॉस राहुल पर आ गयी थी। मुझे अब जोसफ से होटल में अकेले मिलने जाना था।
मैं अब जैक की तरफ आकर्षित थी और ये बात राहुल बॉस को पता चल गयी। उसका दर्द सामने दिख रहा था। क्या मुझे राहुल के साथ होना चाहिए या अपने आकर्षण जैक के साथ आगे बढ़ना, ये आगे जानिए।
राहों में मिले चलते चलते, हमराही हमारे आज हैं वह। जिनको ना कभी देखा भी था, देखो हम बिस्तर आज हैं वह।। पढ़िए और कहानी का लुफ्त उठाइए!
एक औरत अपने जवान बेटे और ऑफिस के कर्मचारी के साथ एक ही कमरे में सोई थी। इसके पीछे का राज क्या था ये मुझे जानना था। तब मुझे ये पता नहीं था कि ये तीनो मेरे इस सफर के हमसफ़र बनने वाले थे।
Thakur ke bhai ne thakur ke beton ko maar diya or fir thakur sarabi ho gaya or fir somya thakur se chudti hai or thakur ko rasta dikhati hai.
राहुल ने वो करने की कोशिश की जिसकी मुझे उस से उम्मीद नहीं थी।अब हमारा रिश्ता एक अलग ही दिशा में जाने वाला था या सब कुछ नार्मल होगा ये आगे पढ़िए।
राहों में मिले चलते चलते हमराही हमारे आज हैं वह।
जिनको ना कभी देखा भी था देखो हम बिस्तर आज हैं वह।।
मैं ऑफिस की सालाना पार्टी में पूरी तरह तैयार होकर गयी की आज बॉस राहुल से तारीफ़ सुन ही लुंगी। मेरा प्लान एकदम सही जा रहा था और जो नहीं सोचा वो भी हो रहा था।
छोटे कपडे पहन कर भी मेरे जवान बॉस का ईमान नहीं डोला सकी. मैंने एक कदम और आगे बढ़ाया तो मुझे थोड़ी कामयाबी मिल ही गयी. कैसे? इस एपिसोड में जानिए!
कालिया के हाथ में वही बंदूक थी और वह बन्दुक को सुनीलजी और जस्सूजी की और तान कर सुनीता से क्या बोला ये इस एपिसोड में जानिए!
मैंने अब प्रयास शुरू किये कि मेरे बॉस का ईमान डोल जाये और मेरी तारीफ़ कर दे। मेरे इन प्रयासों में मैं अपनी सीमा लांघ गयी। इसका क्या परिंणाम हुआ इस भाग में जाने।
ये मेरी वापसी की कहानी है। नयी नौकरी ज्वाइन की थी अपनी इज्जत बनाने के लिए और बॉस भी ईमानदार मिला था पर फिर भी मेरी जिद मुझे कहा ले गयी ये इस रोमांचक यात्रा में मेरे साथ चल कर पता करिये।
कमसिन कातिल कामिनियाँ भी होती कुर्बां कुर्बानी पर। न्यौछावर कर देती वह सब कुछ ऐसी वीरल जवानी पर। पढ़िए और एक नए एपिसोड मजा लीजिए।
सुनीता ज़िंदा बचती है या नहीं, जस्सूजी सुनीता को बचा पाते हैं या नहीं और क्या जस्सूजी खुद बच पाते हौं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
Reeta office me padhne ke liye aati hai or fir computer per porn dekhne lagti hai or main usko ye sab karte huye dekh leta hoon or fir kya hota hai janiye!
जस्सूजी ने देखा की सुनीता पानी के अंदर रुक गयी पर एक ही जगह भँवर के कारण गोल गोल घूम रही थी। पानी में खतरनाक भँवर हो रहे थे।
सुनीलजी ने आगे पोजीशन ले ली, करीब ५० कदम पीछे सुनीता और सबसे पीछे जस्सूजी गन को हाथ में लेकर चल दिए। बारिश काफी तेज होने लगी थी।
गर्मी और पसीने के मारे जस्सूजी, सुनीलजी और सुनीता की हालत खराब थी। ऊबड़खाबड़ रास्ते पर इतना लंबा सफर वह भी घोड़े पर हाथ पाँव बंधे हुए करना थकावट देने वाला था।