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चरम सुख ही परम सुख-2 (Charam Sukh Hi Param Sukh-2)

पिछला भाग पढ़े:- चरम सुख ही परम सुख-1

नमस्कार दोस्तों, भाभी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि मुझे रिसॉर्ट में एक भाभी मिली, जो मसाज के लिए लड़ रही था। फिर मुझे उनकी मसाज करने का मौका मिला, और मैंने उनके कपड़े उतरवा कर उन्हें लिटा दिया। अब आगे-

मैं मेरे साथ मसाज तेल लेकर आया था। क्योंकि मैं सपा में भी जाता हूं, तो तेल खुद का लेकर जाता हूं। तो मैं वही तेल लेकर आया और पूजा को उल्टा लिटा के उनकी टांगों की उंगलियों से मसाज करनी शुरू की। क्योंकि मैंने फिजियोथैरेपी की है, तो मैं रिलैक्स प्वाइंट पर मसाज करता हूं‌ अपनी वाइफ की, जब भी उसको थकान होती है।‌ इससे वह रिलैक्स हो जाती है।

लेकिन प्रोफेशनली यह मेरी पहली मसाज थी, तो मैंने पूजा के ऊपर मसाज करनी शुरू की, टांगों से शुरू होते हुए नितंब, और नितंबों से कंधों पर। फिर कंधे से गले पर मसाज करते हुए अपनी पूरे बॉडी को पास लेकर जा रहा था।

तो वो बोली: मसाज पार्लर में तो वह बहुत सी और भी सर्विस देते हैं। आप भी कोई एक्स्ट्रा सर्विस देते हो क्या राज जी (वो मजे लेने के मूड में बोली)?

मैं बोला: मैडम मैं सारी स्वीट सर्विस देता हूं। बस आप बोलिए कि कौन सी सर्विस चाहिए? हर सर्विस का चार्ज लगेगा।

तो वो हंसने लगी और बोली: राज आप चार्ज की बात बहुत करते हो। चार्ज ले लेना आप, सर्विस बताओ।

तो मैंने कहा: मैडम आप बोलिए आपको क्या चाहिए?

वो बोली: आपके हाथों में तो जादू है। आपने तो मसाज से ही मेरे बदन को एक बहुत जबरदस्त आनंद और रिलैक्स दे दिया।‌

मैं: अब इससे आगे भी कुछ चाहिए?

मैं मसाज करता जा रहा था। वह बोलती जा रही थी। फिर धीरे-धीरे उनके नितंबों से होते हुए मैं उनकी गांड के छेद के ऊपर ऊंगली घुमा-घुमा के तेल अंदर घुसा रहा था। मेरा हाथ कभी-कभी पीछे से चूत पर भी टच हो रहा था, क्योंकि वह खुल कर मसाज ले रही थी।

वह बोल रही थी: आप कहीं भी बिना टच मत रखना मेरी बॉडी को।

उसने ब्रा-पेंटी पहन रखी थी। वो मैंने उतरवा दिए, और नंगी होकर मस्ती में होते हुए मुझे अब उन्होंने बोला-

भाभी: मेरे को बॉडी से बॉडी मसाज लेनी है।

करीबन एक घंटे तक मैंने मसाज दी।

पहले मैंने कहा: मैडम आप अच्छे से मेरी मसाज का आनंद लीजिए।

मैंने जो एक बार पूरी बॉडी पर तेल लगा कर मसाज की, उससे उनकी बॉडी में एक झनझनाहट सी आ गई और वो सिहार उठी। उनकी चूत से बहता हुआ पानी बाहर निकल कर दाने पर चमक रहा था। उनकी चूत पर कोई बाल नहीं थे। उसमें पानी की बूंदे साफ दिखाई दे रही थी। पूजा की चूत का दाना उभरा हुआ था, और अंदर के लिप्स दाने के साथ बाहर निकल कर पिंक पुसी आग लगा रही थी।

वह अपने आप में अलग चूत थी, और पूजा ने कहा: अब मुझे बॉडी से बॉडी मसाज दीजिए सारे कपड़े उतार के।

फिर मैं सीधा होके पूजा पर लेट गया, और अपनी बॉडी का टच देने लगा। जिससे पूजा बहुत ज्यादा गर्म होने लगी। उसकी सांसों से पता चल रहा था कि वह मदहोश होती जा रही थी।

फिर उसने कहा: पीछे से हो गई तो अब आगे से कीजिए।

फिर वह सीधी होकर लेट गई, और मैं उल्टा होकर उसके ऊपर लेट गया। मेरा लंड बार-बार चूत पर टच हो रहा था। गोली ने भी अपना असर शुरू कर दिया था।
मेरा लौड़ा आकर में अच्छा है। 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। वह चूत के ऊपर बार-बार टच हो रहा था। फिर भी मैंने अपनी मसाज जारी रखी चुंबनों से, और हाथों से। उंगलियों की मसाज, कंधों की मसाज, कंधे पर बार-बार किस करना, बूब्स की मसाज अपनी छाती से उसके बूब्स रगड़ के, और बॉडी से बॉडी रगड़ के। हम ऐ.सी. के अंदर भी पसीना पसीना हो गए थे। वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। पूजा ने मुझे पूरी तरह पकड़ लिया और कहा-

पूजा: राज अब मुझे चाहिए। मुझे सब करो। मेरी प्यास मिटा दो राज। मुझे चोदो। मेरे जिस्म को नोचो। मेरी चूत को भोसड़ा बना दो। इसकी आग को बुझा दो‌। मेरी प्यास मिटा दो‌।

और फिर मैं देर तक उसको गर्म करने के बाद खड़ा हो गया और पूजा बैठ गई। मैंने अपना लौड़ा पूजा के मुंह के पास लेजा कर उनके मुंह पर फिराया, तो उसने खुद से लौड़े को अपने आप मुंह में ले लिया। मेरा लौड़ा अपने मुंह में लेकर वो चूसने लगी। लेकिन मुझे पूजा को भी तो आनंद देना था, तो हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए, और एक-दूसरे को चूसने और चाटने लगे।

मैं पूजा की चूत के दाने को रगड़ रहा था। फिर मैं उसको जीभ से चाटने लगा, और वो सिहार उठी। फिर मैं अंदर तक अपनी जीभ घुमाने लगा, और वो जोर-जोर से मेरा लौड़ा चूसने लगी, कभी आंड चूस रही थी, तो कभी जीभ से मेरी गांड चाट रही थी। मैं उसकी चूत के अन्दर तक अपनी जीभ घुमाने लगा और वो नीचे से उछल-उछल कर मज़े ले रही थी।

करीब 15 से 20 मिनट की घमासान चुसाई से अब हम दोनों ही चरम पर पहुंच गए। वह मेरा पूरा वीर्य पी गई, और मैं उसका पूरा पानी पी गया। फिर वह शांत होकर बिस्तर पर गिर गई, और मैं भी उसके साथ लेट गया। इस तरह हम पहले चरण का सुख लेकर बिस्तर पर लेट गए। मेरे सीने पर सर रख कर पूजा बोलने लगी-

पूजा: राज एक औरत को सिर्फ पैसा और संभोग नहीं चाइए। एक महिला चाहती है प्रेम, मोहोब्बत, लगाव, अपनत्व, समय, समर्पण, सहयोग। मैंने कभी भी आज तक किसी गैर मर्द के बारे में सोचा तक नहीं था। लेकिन आज मुझे कोई गिल्ट भी नहीं है। क्योंकि आज तक पति के साथ जो किया, वो तो बस पति-पत्नी है तो चलो सैक्स करते है और कर लिया। लेकिन संभोग का आनंद क्या होता है ये आज पता चला।

भाभी: हमारे देश में संभोग को गलत कार्य माना गाया है, और इसकी कोई बात नहीं करता, और चुप-चाप अन्तर मन की भावनाओं को दबाए चलते रहते है। चरम सुख ही परम सुख है।

मैंने बोला: पूजा सही बात है, संभोग एक कला है, क्रिया नहीं कार्य नहीं। संभोग को आनंद की उस सीमा तक लेजाया जाए, कि स्वर्ग लोक भी फीका लगे।

पूरी चुदाई के लिए मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा कि कैसे मैंने पूजा की चूत मारी। उसके बाद उसकी गांड मारी, और तीन दिन तक उसकी मसाज की। आपके विचार मुझे उत्साहित करते हैं कि मैं आगे लिखूं, और अपने बारे में और बताऊं। अगला पार्ट जल्दी हाजिर होगा। अपनी फीडबैक के लिए rajforyou2686@gmail.com पर मेल करे।

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