पिछला भाग पढ़े:- नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-3
अब मैं लंड चूसने लगी। मुझे मज़ा आ रहा था। दोस्तों अब धीरे-धीरे वो अपने लंड को मेरे मुंह में अन्दर-बाहर करने लगे। उनकी सिसकारी से मैं भी जोश में आ गई, और तेज-तेज लंड को चूसने लगी। वो मेरे मुंह की चुदाई कर रहे थे। मैं मुंह को आगे-पीछे करके उनका लंड चूसने लगी।
वो अपनी कमर हिला-हिला कर अपना लंड मेरे मुंह में घपा-घप घुसा रहे थे। मैं उनका लंड मेरे मुंह में घपा-घप अन्दर-बाहर लेती जा रही थी। मुझे लगा कि आज तो नंदोई जी अपने लंड को मेरे गले में उतार कर मेरा गला फाड़ ही देंगे।
मैं जितना अन्दर ले सकती थी, अपने मुंह में ले रही थी। वो अपने लंड को सटा-सट मेरे मुंह में डालते जा रहे थे, और बोल रहे थे-
नंदोई: चूस भाभी, अन्दर तक ले मेरे लंड को। चूस, और अंदर तक ले इसे भाभी।
और फिर अचानक से उनकी रफ्तार काफी तेज हो गई।
तो वो बोले: मेरा पानी निकलने वाला है भाभी। जब मेरे लंड से पानी निकले, तो सारा पानी अपने मुंह में ही लेना। अपना मुंह हटाना नहीं।
मैंने उनको इशारे से ओके कहा।
अब उनकी सिसकारियां बढ़ गई: आह आह आह मेरी जान, बहुत मज़ा आ रहा है जान। ऐसे ही करो भाभी।
फिर नंदोई जी बोले: भाभी मेरी पिचकारी निकलने वाली है।
तो मैं ओर जोश में आ गई, और जोर से उनका गर्म लंड मुंह में जल्दी-जल्दी अन्दर-बाहर करने लगी।
वो बोले: आह मेरी जान, आ गया मैं।
और उन्होने अपने लंड का गरमा-गर्म पानी मेरे मुंह में भर दिया। एक के बाद एक लगातार उन्होंने गर्म पानी की धार मेरे मुंह में छोड़ दी। उनके लंड के गर्म पानी से मेरा पूरा मुंह भर गया था। फिर मेने मुंह से थूका और पानी से मुंह साफ किया।
नंदोई जी का लंड ढीला हो गया था। तो मैंने फिर से उनका लंड अपने नाजुक हाथों में लिया, और हिलाने लगी। कुछ ही देर में उनका लंड फिर से तन गया।
वो मेरी चूत को देखते हुए बोले: भाभी, क्या चूत है आपकी! मैंने आज तक इतनी फूली हुई और चिकनी चूत नहीं देखी। और ये चूत पर हल्के-हल्के बाल, कयामत लग रही हो यार। मेरा लंड आपकी चिकनी प्यासी चूत की प्यास बुझायेगा भाभी। आपको देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मैं तो कब से आपकी चूत का स्वाद चखना चाहता था भाभी। मैं कब से आपको पटाने की कोशिश कर रहा था, और आज जाकर आप मेरे हाथ लगी हो भाभी।
नंदोई: आज मैंने देखा कि आप बाथरूम में नहा रही थी, और घर पर कोई नहीं है। तो मैंने सोचा कि आज भाभी को नंगी नहाती देखने का और चोदने का ये अच्छा मौका है।
यह सोच कर मैं आपके बाथरूम के पास आ गया, और आधे खुले हुए दरवाजे में से आपको देखने की कोशिश करने लगा।
नंदोई: अन्दर का मस्त नजारा दिख रहा था। आपने काले रंग की ब्रा ओर पेंटी पहनी हुई थी। इतना देखने में ही मजा आ गया था मुझे तो। भाभी क्या मस्त नज़ारा था यार। आपकी चिकनी गोरी नंगी पीठ के नीचे आपकी गांड पर काले रंग की पेंटी फसी हुई थी। तभी आपने शावर चालू किया, जिससे आपकी पेंटी गीली होती जा रही थी।
नंदोई: आपने अपने पैर फैला रखे थे, जिससे आपकी नंगी पीठ से बहते हुए, आपकी गांड की दरार में जाते हुए पानी की धार साफ़-साफ़ नज़र आने लगी थी। मैं ऐसे ही आपको देख रहा था, और आपके मुंह से सिसकारी की आवाज भी निकलने लगी थी, जो मुझे बाहर सुनाई दे रही थी। आप मज़े में उम्म्ह अहहहह हहहहय याहहहह की आवाज निकाल रही थीं।
नंदोई: ये सब देख कर, सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया था। तो मेरा भी हाथ अपनी पैंट के अन्दर चला गया। फिर आपने पेंटी धीरे-धीरे नीचे की, और उसे अपनी टांगों से पूरी बाहर निकाल दिया। आह भाभी एक-दम चिकनी मखमली गांड देख कर मेरा लंड तन गया भाभी। ये नज़ारा देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा।
नंदोई: आप तब बाथरूम में अपनी चूत में ज़ोर-ज़ोर से उंगली करने लगी थी, और आपके मुंह से आहहहह ओऊऊऊ ओहहहह यस आआआहहहहह की आवाज़ और तेज होती जा रही थी। आपने शायद दो उंगलियां चूत के अन्दर डाल रखी थी भाभी, और तेजी से अन्दर-बाहर कर रही थीं। थोड़ी ही देर में आप झड़ गई थी, और आपकी चिकनी चूत में से पानी बह निकला भाभी।
फिर उन्होंने बाल्टी को उल्टा करके मुझे उस पर बिठाया और खुद नीचे बैठ गये, और मेरी चूत पर अपना मुंह रख कर मेरी चूत की खुशबू लेने लगे। फिर उन्होंने मेरी चूत पर अपना मुंह रख दिया, और मेरी चूत को चौड़ी करके अपने दांतों से चूत की फांकों को खींच-खींच कर बाहर करने लगे। वो चूत के दाने को भी धीरे-धीरे काटने लगे।
कुल मिला कर वो मेरी चूत को पूरी तरह से गर्म कर रहे थे, और में पागल हो रही थी। नंदोई जी मेरी चूत को चाट रहे थे। फिर उन्होंने धीरे-धीरे अपनी जीभ मेरी चिकनी चूत के अंदर डाल दी।
मैं उनका सिर पकड़ के उनका मुंह चूत के अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी। वो मेरी चूत को लपर-लपर करके चाटे जा रहे थे। और मैं पागलों की तरह बोले जा रही थी-
मैं: नंदोई जी खा जाओ मेरी चूत आहहह! डाल दो अपनी जीभ पूरी अन्दर तक और तेज करो आहहहहहह और तेज आहहहहह ओहहहहह उहहहहहह। ऐसे ही मेरी चूत को चाटते रहो, बहुत मजा आ रहा है। आहहहह नंदोई जी मार ही डालोगे आज तो आहहहहहह।
मैं अपनी चूत को हिला-हिला कर चटवा रही थी। वो मेरी चूत को ऐसे चाट रहे थे, जैसे बहुत दिन से भूखे हो। वो मेरे मोटे चूतड़ों पर हाथ रख के मेरी गर्म चूत को चाट रहे थे। अचानक से मेरे पैर कांपने लगे और मेरा शरीर अकड़ गया। मैं बुरी तरह से तड़प उठी, और मेरी चूत इस तरह से मचल उठी कि जैसे कि में अब झड़ने वाली थी।
मैंने नंदोई जी का मुंह अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पूरी तरह से सटा दिया, और मैं अपनी गांड को धीरे से हिला-हिला कर अपनी चूत उनके पूरे मुंह पर रगड़ने लगी। मुझे लंड की जबरदस्त तलब हो रही थी। मेरा मन हो रहा था कि मैं नंदोई जी का लंड पकड़ कर अपनी चूत में खुद ही घुसेड़ लूं, और ताबड़-तोड़ उछल कूद करूं। जिससे मेरी जलती हुई चूत को ठंडक मिल जाए।
नंदोई जी अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर सरका कर जल्दी-जल्दी चाटने लगे। मैं पूरी तरह से उत्तेजना में तो थी ही, और जीभ की रगड़ लगते ही मेरी चूत खुल कर फफक पड़ी, और मैं ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां लेने लगी। फिर एक-दम से चूत में से तेज पानी की धार निकली, और सीधा उनके के मुंह में गई। मैं उनके मुंह में ही झड़ गयी। मेरी चूत से रस टपकने लगा था।
अब उन्होने मुझे घोड़ी बनने को कहा, तो मैं समझ गई कि अब वो वक़्त आ गया था, कि मेरी चूत को नया जवान लंड मिलने वाला था। मैं खड़ी होकर अपने दोनों हाथों को नल पर रख कर नंगी होकर घोड़ी बन गई। मैंने अपनी काले रंग की ब्रा, पेंटी, सलवार एवं कमीज उतार कर बाथरूम के आधे खुले दरवाजे पर लटका रखी थी।………..
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