पिछला भाग पढ़े:- नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-4
मेरी मोटी मखमली गोरी गांड हिलते देख वो और जोश में आ गये और मेरी गांड पर तेज़-तेज़ हाथ मारने लगे।
वो बोले: बड़ा कांटा माल हो भाभी आप तो। एक-दम मक्खन माल हो यार। क्या मखमली गांड है आपकी!
आज तो चुदाई का मजा लेना ही पड़ेगा। आपकी मखमली गांड में लंड डालना ही पड़ेगा। आज मैं आपको जम कर ठोकूंगा। आपकी पतली कमर, गोरा बदन, और हिलती हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर किसी का भी पानी निकल जाए भाभी।
मैं बोली: तड़पाओ मत जान, अब डाल दो इसे अपनी भाभी की चूत के अन्दर।
वो बोले: चिंता मत करो भाभी, आज तो आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। सारी प्यास मिटा दूंगा मैं इसकी।
मैं बोली: तो डाल दो ना। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा।
इतना कहते ही वो मेरे पीछे आकर लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मैं आहहाह्ह्ह आआहह अआहह आहहहहह करने लगी। उन्होंने अपने लंड पर अच्छी तरह से थूक लगा कर अपना गर्म लंड मेरी चूत पर रखा, और पूरे जोर से एक धक्का दे मारा, और एक झटके के साथ उनका आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया।
लंड घुसते ही मेरी चीखें निकल गई। मैं एक-दम से चिल्ला उठी, मगर मैं बर्दाश्त कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत चीर डाली हो।
मैं चिल्लाई: आई मर गई! आहहहह निकाल लो इसे। मुझसे सहन नहीं हो रहा। मैं मर जाऊंगी!
तो उन्होंने थोड़ा लंड बाहर करके एक ज़ोरदार धक्का मारा, और अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया। मेरी आंखों से आंसू आ गए। उन्होंने कुछ देर लंड मेरी की चूत में डाले रखा। शायद नंदोई जी समझ गये थे कि मैं चुदने को तैयार हो गई थी, तो वो अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगे।
अब मेरी चूत की चुदाई चालू हो चुकी थी। फिर उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला, और फिर से अन्दर घुसा दिया।
जैसे ही उनके लंड ने पूरी तरह से जगह बनाई, तो मैं भी धक्के के मज़े लेने लगी। उन्होंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी। वो अपनी कमर हिला-हिला कर मेरी चूत में धक्के लगाने लगे। उनका लंड मेरी चूत में चलना शुरू हुआ, तो मेरी सिसकारियां बढ़ गई आहहहहह आहहह आआहहहह।
मेरे नंदोई जी मेरे बाल पकड़ कर मुझे पीछे से चोद रहे थे। चुदाई के झटकों के कारण मेरी चूचियां हवा में झूल रही थी, और धक्कों की वजह से आगे-पीछे हो रही थी। हहह आआहहह आहहहह आहहहह की मेरी कामुक आवाजें और साथ में फच फच फच की आवाज़ बाथरूम में गूंज रही थी।
मेरी कामुक सिसकारियां और बढ़ गई थी। मैं मजे से मेरे नंदोई के जोरदार लंड के झटके खा रही थी। उनका लंड मेरी चूत में ठोकर मारता रहा था, और मेरी चूत पूरी शिद्दत से उनके गरमा-गर्म लंड के झटके खा रही थी।
मैं मस्ती से चीख रही थी, और वो मुझे चोदे जा रहे थे। मैं उनका लंड घपा-घप अपने अन्दर ले रही थी, और वो दोनों हाथों से मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी चूत में लंड पेले जा रहे थे। अन्दर से मेरी चूत एक-दम गर्म हो गयी थी। मेरी चूत भी पूरी तरह से लंड के झटके खा कर मज़े ले रही थी।
वो मुझे घोड़ी बना कर बहुत तेज़ और गहराई तक जोरदार झटके मार रहे थे।
मैं उनसे बोल रही थी: आपका लंड बहुत जबरदस्त है। मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं। प्लीज आज तो मेरी प्यास को बुझा दो। आपका लंड देख कर मेरे सब्र का बांध टूट गया है।
वो बोलने लगे: भाभी क्या गरम चूत हैं आपकी। मेरा पूरा लंड गर्मी के मारे जोश पर है आहहहहहह! चुद लो आज जी भर कर अपने नंदोई के इस गर्म लंड से। आज मैं आपकी चिकनी रसीली चूत का भोसड़ा बना दूंगा। भाभी बहुत प्यासी थी आपकी चूत आहहहह। इसकी सारी प्यास मिटा दूंगा आज मैं भाभी।
मैं भी अपनी मोटी गांड उठा-उठा कर उनका का साथ दे रही थी। मेरी चूचियां हवा में हिल रही थी, और वो तेज़ी से मेरी गांड मार रहे थे, और मैं कामुक आवाज में बोल रही थी-
मैं: आहहह आहहहह आहहहह मेरे नंदोई जी! फाड़ दो भाभी की इस चूत को। भोसड़ा बना दो इसका। और जोर से चोदो आहह आहहहहह, बहुत प्यासी है यह चूत।
में कामुक आवाज में सिसकारियां भर रही थी: आहहह आह और अंदर डालो! थोड़ा और अंदर! और जोर से झटके मारो। फाड़ डालों आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दों आहहह आहहह।
वो अपने भूखे लंड को मेरी चूत में धका-धक पेल रहे थे। अपने गर्म लंड को मेरी चूत में घुसा कर झटके पर झटके मार रहे थे।
अचानक मुझे महसूस हुआ कि वो अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद के उपर रगड़ रहे थे। मैं समझ गई कि अब ये मेरी गांड भी मारेगा और मेरी गांड फाड़ेगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, पर डर भी लग रहा था, कि आज तो गांड में लंड लेना पड़ेगा। मैं गांड में लंड खाने के लिए उतावली हो रही थी, क्योंकि मैं चुदाई के नशे में थी।
अब उन्होंने अपने दोनों हाथ से मेरे चूतड़ खोले और गांड के छेद पर थूक दिया।उसके बाद मेरी गांड के छेद में अपनी एक उंगली घुसाने लगे। लेकिन मेरी गांड कसी हुई होने के कारण उनकी उंगली अन्दर नहीं जा पा रही थी।
फिर उन्होंने वहां से शैम्पू का पाउच उठाया और फाड़ कर पूरा का पूरा मेरी गांड के छेद पर ढोल दिया, और फिर गांड के छेद में उंगली डालने लगे। अब उनकी ऊंगली मेरी गांड में घुस गयी थी। फिर वो मेरी गांड में ऊंगली अन्दर-बाहर करने लगे। मैं अआहह आहहह आहहह की आवाज़ कर रही थी।
मेरे पूरे जिस्म में आग लग गयी थी। मेरी चूत लंड के झटके खा रहा थी, और ऊंगली मेरी गांड में चल रही थी। उन्होंने मेरी गांड में ऊंगली करके मेरी गांड के छेद को चौड़ा कर दिया।
मेरी मोटी गांड हिलते देख वो और जोश में आ गये, और तेज़-तेज़ चोदते हुए चूतड़ पर हाथ मारने लगे। मैं घोड़ी बनी हुई थी और वो पीछे से मेरी चूत में लंड डाल के चुदाई कर रहे थे। उनके लंड के झटके खा-खा कर मैं फिर से झड़ गई। वो मेरी चूत में घपा-घप लंड घुसा कर ताबड़-तोड़ चोद रहे थे, और मैं घोड़ी बन कर पीछे से अपनी चूत की चुदाई करवा रही थी।
वो बोले: भाभी आज मुझे मत रोकना।
शायद उनका पूरा ध्यान मेरी गोरी मखमली गांड पर ही था।
वो बोले: भाभी मेरी नज़र आपकी फूली हुई गांड पर पड़ गई। क्या मखमली गांड है भाभी आपकी। मुझे आपकी चूत चोदते हुए आपकी गांड मारने का मन हो गया भाभी।
अब उनका लंड पेलना रुक गया, तो मैंने पीछे मुड़ कर देखा और पूछा: रुक क्यों गए?
आगे की कहानी अगले भाग में।
अगला भाग पढ़े:- नंदोई जी ने मेरे घर पर मेरी चुदाई की-6