Site icon Desi Kahani

ट्रेन में मिली भाभी को उनके घर जाके चोदा

मेरा नाम रुद्रांश है और मैं 25 साल का हूं। मैं दिल्ली से हूं और अभी बैंगलोर में जॉब करता हूं। मेरी हाईट 5’10 है और मेरा वजन 70 किलो है। ये कहानी तब की है जब मैं 19 साल का था। मैं अपनी परीक्षा खतम करके गुजरात से दिल्ली लौट रहा था और मेरे साथ मेरे कुछ साथी भी थे।

जब हम लोग ट्रेन में बैठे तो हमारी सबकी ट्रेन की सीट कन्फर्म नहीं थी। हमारे सामने नीचे वाली सीट पर दो भाभी बैठी हुई थी और वो भी दिल्ली जा रही थी, ये बात मुझे बात में पता चली जब हमारी बात शुरू हुई।

अब आते हैं कहानी पर।।।

हम लोग शांति से बैठे हुए थे तभी उनमें से एक भाभी ने पूछा की आप लोगो का एग्जाम था क्या तो मेरे दोस्तों ने बात करनी शुरू दी। मैं बैठा हुआ था तभी भाभी ने कहा कि ये बीच वाली सीट खाली है जब तक कोई नहीं आता तब तक आप लेट जाइए।

मैं भी सोचा कि बैठे रहने से अच्छा है की मैं लेट जाता हूं। बीच सीट पर मैं बैठा था और दोनो की नीचे वाली सीट पर दोनो भाभियां उफ्फ वो गदराया हुआ बदन जिसे देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाए और फिर तो मैं तो जवान था।

भाभी ने पूछा की आपका भी एग्जाम था मैने बस जी में जवाब दिया ।उन्होंने फिर पूछा की कैसा हुआ मैने बोला की हां अच्छा हुआ, फिर उन्होंने कहा कि शादी हो गई तुम्हारी तभी मैं बोला की नही अभी नहीं।

उसी वक्त जो दूसरी भाभी थी जिसका नाम था कामिनी। ऐसा लग रहा था जैसे उसके बदन से रस टपक रहा हो और मैं जाऊं और उसके बदन का सारा रस अपने होठों से चूस जाऊं।

उपर से उनके दूध देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो उस कमीज से बाहर आने को त्यार थे। कामिनी भाभी बोली कि अच्छा हुआ शादी नहीं की और कभी करना भी मत। शादी के बाद जिंदगी खराब हो जाती है।

मैं समझ गया की कामिनी भाभी अपने शादी से खुश नहीं है। हमारी बातें हो ही रही थी तभी वो अगले स्टेशन पर बीच वाली सीट जिसकी थी वो आ गया और रात के २ बज चुके थे।

मैं नीचे आ गया देखा तो मेरे दोस्त सो चुके थे तभी कामिनी भाभी ने कहा मेरी सीट पर आ जाओ मुझे वैसे भी ट्रेन में नींद नहीं आती। मैं बैठ गया रात हो चुकी थी और ए सी की वजह से ठंड भी हो गई थी।

तभी कामिनी भाभी ने कम्बल निकाल लिया और ओढ़ लिया तो थोड़ा कम्बल मैने भी अपने शरीर पर रख लिया। फिर वो बताने लगी की उनकी जिंदगी शादी के बाद कैसे बदली और वो दुखी क्यों है।

तभी मैंने उनसे कहा की मुझे हाथ पढ़ना आता है लाइए मैं बता दूं कि आपकी जिंदगी कैसी होगी आगे?

उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और मेरा लंड खड़ा हो गया, मानो जैसे अभी मेरे जींस से बाहर आ जायेगा। मैंने उनका हाथ पकड़ा और बोला की इसमें लिखा है की जो आपके सामने बैठा है वो आपको हमेशा खुश रखेगा।

ये सुन के वो हसने लगी, मैं उनका हाथ थोड़ा सहलाने लगा और उनकी तरफ देखने लगा उनकी आंखों में और धीरे धीरे कामिनी भाभी मेरे इतना करीब आ गई की मेरे होठ कभी उनके होंठों को चूसने लगा मुझे खबर भी नही हुई।

उनका हाथ मेरे जींस के उपर से ही मेरे लंड को मसल रहे थे और मैं उनके होठों को चूसते ही जा रहा था। फिर मैने अपना हाथ उनके कमीज के अंदर डाल दिया। उनके 36 के दूध दबाने में जो मजा आ रहा था वो मैं बयां भी नहीं कर सकता।

कामिनी भाभी के निप्पलो को मैं अपनी उंगलियों से रगड़ रहा था और उनके निप्पल पूरी तरह टाइट हो चुके थे। मैने उनकी कमीज को थोड़ा नीचे करके उनके बड़े बड़े बूब्स को बाहर निकाल लिया और जीभ लगा कर कामिनी भाभी के दूध का रसपान करने लगा।

मैं अपनी जीभ से कामिनी भाभी के निप्पलो को चाट रहा था। कामिनी भाभी पूरी गरम हो चुकी थी। उन्होंने मेरे जींस का बेल्ट उतार दिया और जींस नीचे करके मेरा लंड अपने जीभ से चाटने लगी।

मजा तो बहुत आ रहा था लेकिन डर भी था की कोई देख न ले। लेकिन भाभी मेरा लंड चूसने में इतना खो गई की वो ये भूल गई की वो ट्रेन में हैं। वो 10 मिनट तक मेरा लंड चुस्ती रही और मैं उनके बाल को उपर कर रहा था और लंड चूसते हुए कामिनी भाभी का चेहरा देख रहा था।

कुछ देर बाद मैं भी कामिनी भाभी के बाल को पकड़ के अपना पूरा लंड भाभी के मुंह में डालने लगा। भाभी इतनी गरम हो गई की उन्होंने मुझे इशारा किया की ये लंड मेरी चूत में डाल दो।

उन्होंने धीरे से मेरे कान में कहा की इतना बड़ा लंड मैने आज तक नहीं लिया। अब मेरी चूत भी गरम हो चुकी है मुझे चोद दो आज अपने लंड से। मैं भी कामिनी भाभी की बाते सुनकर पूरे जोश में आ गया और झट से उनकी सलवार नीचे करके उनके गोरे जांघो को सहलाया और जीभ से चाटने लगा।

तभी भाभी के मुंह से आह उफ्फ की आवाज आई। मैंने उनकी काली रंग की पैंटी उतार दी और जो नजारा मैने देखा क्या बताऊं! गोरी गोरी चूत बिल्कुल भी बाल नही, वो देखते ही मेरे जीभ खुद से कामिनी भाभी की चूत में घुस गया और उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और भाभी सिसकारी भरती रही।

मैने भाभी की चूत के एक उंगली डाल दी और उनकी चूत में उंगली करने लगा। वो पागलों की तरह तड़पने लगी जैसे किसी ने अरसे बाद उनकी चूत को छुआ हो। जब उनसे रहा नही गया तो कामिनी भाभी ने खुद मेरा लंड अपने हाथों से लेके चूत पर रगड़ने लगी।

उफ्फ कामिनी भाभी की चूत मानो किसी भट्टी की तरह गरम हो रखी थी। मैं अपना लंड कामिनी भाभी की चूत पर रगड़ने लगा और उनके मुंह से आह उफ्फ ओह रुद्रांश आह ऐसी सिसकारी निकलने लगी। और जैसे ही मैने अपना लंड कामिनी भाभी की चूत के अंदर डाला भाभी की चीख निकल गई।

(आप सबको बता दूं मेरा लंड 8 इंच का है)

मैने उनके मुंह पर हाथ रखा और झटके मारने शुरू कर दिए। मेरा पूरा लंड कामिनी भाभी की गोरी चूत में जा रहा था और भाभी चीखने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरा हाथ भाभी के मुंह पर होने के कारण उनकी आवाज दब गई।

मैं उनके बूब्स को मसल रहा था और नीचे से उनकी चूत में अपना मोटा लम्बा लंड अंदर बाहर कर रहा था। उनको चोदने में जो मजा आ रहा था की मैं क्या ही बताऊं।

लेकिन बस कुछ ही झटके मारे थे की टीटी टिकट चेक करने आ गया। हम जल्दी से अलग हो गए और भाभी ने अपने कपड़े ठीक किए और मैने भी।

अगली सुबह मैने भाभी को उनके घर जाकर कैसे चोदा ये अगली कहानी में।

मेरी कहानी कैसी लगी आप लोग मुझे मेल कर सकते हैं – creativemind496@gmail।com

Exit mobile version