पिछला भाग पढ़े:- अनजान भाभी के साथ बस से होटल तक का सफर-1
दोस्तों भाभी की चुदाई कहानी का अगला पार्ट शुरू कर रहा हूं। पिछले पार्ट को जरूर पढ़ें। अब आगे-
थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ चेहरा करके सो गई मेरा। लंड अभी भी खड़ा था, और उनकी नज़र उस पर चली गई। मैं भी सोने का नाटक कर रहा था, पर उनकी गरम सांसे मेरे चेहरे पर लग रही थी। मैं थोड़ा अपनी जगह से हिला, तो भाभी की नींद खुल गई और वो बोली-
भाभी: क्या हुआ आसिफ, नींद नहीं आ रही क्या?
मैं: हां नींद तो नहीं आ रही है।
उन्होंने फोन में टाइम देखा तो 11:30 ही हुए थे।
भाभी: अभी तो पूरी रात बाकी है, और हम पुणे भी सुबह 9 बजे तक पहुचेंगे।
मैं: हां रात पूरी बाकी, और नींद भी नहीं आ रही है।
भाभी: तो तुम्हारे पास कोई अच्छी मूवी हो तो लगा लो देख लेंगे। नींद तो मुझे भी नहीं आ रही।
मैं: हां मूवी तो है पर शायद आपको पसंद ना आए।
भाभी हस कर बोलती है: ऐसी कौन सी मूवी है? डर्टी पिक्चर है क्या?
मैं: डर्टी नहीं हॉलिवुड की मूवी है।
भाभी: ठीक है लगा लो मूवी। देख कर बोर हो कर सो जाऊंगी।
मैं: आपकी मर्जी।
मैं जान-बूझ कर एक रोमांटिक मूवी लगा लेता हूं, जिसमे बोल्ड और हॉट सीन्स ज्यादा हो। हम दोनों देखने लगते है मूवी। देखने में वो घुल गई थी, और उनको उनकी साड़ी का ख्याल भी नहीं था। वो शौंक से मूवी देख रही थी, और मैं उनके जिस्म को देख कर मजे ले रहा था उनका पल्लू थोड़ा साइड हो गया था। उनकी क्लीवेज और चिकना पेट दिख रहा था।
उनको ऐसे देख कर मेरे लंड में हलचल होने लगी, और मूवी के बोल्ड सीन्स देख कर वो भी थोड़ा गरम होने लगी थी। उनकी नज़र मेरी तरफ आती है। मैं उनको ही घूर रहा था। मेरा खड़ा लंड देखा, और अपनी साड़ी की तरफ ध्यान गया। फिर उन्होंने साड़ी ठीक की और बोली-
भाभी: ऐसे क्या देख रहे हो मेरी तरफ? इतनी अच्छी मूवी लगाई है, वो देखो।
मैं: मैं कुछ नहीं देख रहा। वो थोड़ा मूवी से अच्छा सीन कहीं और दिख गया था।
भाभी: वो तो दिख रहा है क्या अच्छा सीन्स दिख गया तुमको (मेरे लंड की तरफ देख कर बोली)।
मैं: अच्छा तो क्या दिख गया आपको ऐसा?
भाभी: कुछ नहीं छोड़ो।
मैं: वैसे वो सीन्स कुछ ज्यादा ही बोल्ड थे इस मूवी के (थोड़ा हवसी मुस्कान के साथ बोला)।
भाभी: बेटा अभी तुम बच्चे हो, इधर-उधर ध्यान नहीं देते।
मैं (अपने लंड की तरफ देख कर बोला): आपको लगता है में बच्चा हूं?
भाभी मेरे खड़े लंड की तरफ देखती है, और मेरी तरफ देख कर मुस्करा देती है।
भाभी: बच्चू मेरे सामने तो छोटे ही हो।
मैं: वो तो पता चल जाएगा।
मैं अपना एक हाथ उनके हाथ के करीब लाता हूं। वो भी मूवी देख कर थोड़ा गरम हो गई थी। उन्होंने हाथ नहीं हटाया। उनकी उंगली के बीच अपनी उंगली डाल कर हाथ पकड़ लिया, और धीरे-धीरे उनकी तरफ बढ़ने लगा।
भाभी: क्या कर रहे हो आसिफ? हाथ छोड़ो, कोई देख लेगा।
मैं: खुद छुड़ा लो अपना हाथ। और वैसे भी सब सो रहे है। कोई कुछ नहीं देख पाएगा।
भाभी अपना हाथ छुड़ाने की थोड़ी नाकाम कोशिश करती है। पर मैंने उनका हाथ टाइट पकड़ के रखा था। फिर दूसरे हाथ से फोन रखता हूं, और उनका दूसरा हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लेता हूं। फिर मैं उनकी हवस भरी आंखों में देखता हूं। उनकी सांसे मुझसे टकरा रही थी।
भाभी (भाभी थोड़ा मुस्कुराई): अरे आसिफ, बोला ना तेरे को छोड़। कोई देख लेगा।
मैं: अब तो आपका हाथ मेरे हाथों में आ चुका है।
भाभी: आ गया तो क्या कर लेगा तू मेरे साथ? करके दिखा।
मैं: ठीक है, फिर देख लो।
मैं उनके दोनों हाथ जकड़ के उनके थोड़ा ऊपर आता हूं, और अपने होंठ उनके नरम-नरम होंठों पर रख देता हूं। उनके होंठ इतने मीठे थे, चख कर मजा आ गया।
वो मुझे हटाने की कोशिश करने लगी, पर सभी कोशिश नाकाम हो रही थी। फिर वो भी अब मेरा साथ देने लग रही थी, और मेरे होंठ चूसने लग रही थी। उन्होंने अब अपने शरीर को ढीला कर लिया था, और अपने जिस्म को मेरे हवाले कर दिया था। सोचा नहीं था इतनी सेक्सी भाभी इतनी आसानी से मान जाएगी। थोड़ी देर किसिंग करने के बाद दोनों अलग होते है और मैं बोलता हूं-
मैं: देख लिया क्या कर सकता हूं?
भाभी: बस इतना ही? मुझे तो ज्यादा उम्मीद थी तुझसे।
मैं: अच्छा तो आपकी उम्मीद पर खरा उतरूंगा मैं।
मैंने फिर उनका साड़ी का पल्लू हटाया, और उनके बड़े रसीले बूब्स ब्लाउस के ऊपर देखने लगा। उनकी लचीली कमर पर हाथ रखा, और झटके से अपनी तरफ खींच लिया। उनके बूब्स पर प्यार से हाथ फेरने लगा। धीरे-धीरे पेट पर लाया अपना हाथ, और उनकी नाभि में उंगली करने लगा। उनको गुदगुदी होने लगी। गले में मंगलसूत्र और ज्यादा आकर्षित कर रहा था।
मैं फिर से उनके होंठ चूसने लगा। अब वो पूरा साथ दे रही थी, और फुल मजे ले रही थी। एक हाथ से उनके बूब्स ब्लाउस के ऊपर से दबाने लगा। इतने मस्त बूब्स थे उनके। मैं हाथ पीछे पीठ पर ले गया, और ब्लाउस की डोरी खोल दी। फिर होंठों से गले पर आया, और गले को चूमने लगा। वो धीरे-धीरे सिसकियां ले रही थी, ताकि बस में कोई जाग ना जाए। फिर वो हाथ मेरे लंड फेरने लगी और बोली-
भाभी: बहुत सख्त और बड़ा लग रहा है तेरा लंड तो।
मैं: है तो लगेगा ही बड़ा।
उनके ब्लाउस के हुक खोल दिए मैंने, और उनकी ब्राउन रंग की ब्रा में से बूब्स उभर कर बाहर आ रहे थे। मैंने ब्रा के ऊपर से बूब्स दबाए, और क्लीवेज पर जीभ फेरने लगा। मैं ऊपर से ही बूब्स चूसने लगा। वो मेरे को धक्का दी, और मेरे ऊपर आ गई। फिर मेरी शर्ट के बटन खोल कर मेरे बालों वाले सीने को चूमने लगी। फिर सीने से गले पर आ गई, और गले पर हल्का सा काटा।
मैं अपने दोनों हाथों से उनकी गांड दबाने लगा। उनकी साड़ी निकाल दी, और अब सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में ही मेरे ऊपर थी। उसने मेरे होंठ चूसे और सीधे मेरे लंड के पास आयी। फिर बिना देरी के मेरी पैंट और अंडरवियर नीचे कर दिए, और अपने कोमल हाथों से लंड हिलाने लगी। मेरे मुंह से आवाज निकल रही थी, पर हम बस में थे तो ज्यादा जोर से निकाल नहीं पा रहा था।
भाभी लंड हिलाते हुए बोली: आहह साले, सही में मस्त लंड है तेरा।
मैं: तो इसको मुंह में ले कार देखो, और ज्यादा मजा आएगा।
वो लंड को मुंह के पास लायी, और जीभ से टोपे को चाटने लगी। अब वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं पूरे मजे ले रहा था। धीरे-धीरे पूरा लंड मुंह में लिया और मजे से चूसने लगी। मैं उसको देख रहा था उसका मंगलसूत्र बार-बार मेरे गोटों से टकरा रहा था, पर वो निकाल नहीं रही थी।
फिर मैं उसकी ब्रा निकाल देता हूं। अब मैं एक बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। उनके रसीले मीठे बूब्स चूसने में मजा आ रहा था। वो हल्की-हल्की सिसकियां ले रही थी धीमी आवाज में। मैं दोनों बूब्स पर टूट पड़ा, और एक भूखे की तरह बूब्स पीने लगा। वो मेरे बालों में हाथ डाल कर सहला रही थी। मैंने उनके दोनों बूब्स निचोड़ दिए।
फिर पेटीकोट ऊपर करके अंदर मुंह घुसा दिया, और पैंटी निकाल दी। उनकी चूत पहले से ही गीली हो रही थी। चूत पर हल्के-हल्के बाल भी थे। जांघों को दोनों हाथो से पकड़ के मुंह उनकी चूत में घुसा दिया। आवाज बाहर ना आए इसलिए उन्होंने अपनी ही ब्रा अपने मुंह में डाल ली। मैं धीरे-धीरे चूत के आस-पास जीभ फेरने लगा। उनकी हवस चरम पर थी, और जोर-जोर से सिसकियां लेना चाहती थी, मगर ले नहीं पा रही थी।
मैं उनकी चूत के अंदर जीभ डाल के चूसने लगा। उनकी जांघों पर मेरे नाखून के निशान हो गए। मैं अपनी जीभ का सही इस्तेमाल कर रहा था, और उनको पूरे मजे दे रहा था। फिर मेरे मुंह पर उन्होंने अपना सारा अमृत छोड़ दिया, और ऐसे ही निढाल हो गई।
मैं: तो केसा लगा मेरी जान? आ गया मजा?
भाभी: हां आसिफ, मजा आ गया मुझे तो।
मैं: तो अब मेरी बारी मजे लेने की।
भाभी: यहां नहीं।
मैं: तो फिर?
भाभी: पुणे पहुंच कर होटल बुक कर लेंगे, और वहां पूरा खुल कर मजे करेंगे।
मैं: होटल तो मैंने मेरे लिए पहले ही बुक कर लिया है।
भाभी: फिर तो अच्छी बात है।
मैं: तुम्हारा पानी तो निकल गया, मेरा तो निकला नहीं।
भाभी: बस इतनी सी बात!
भाभी मेरे लंड के पास आती है, और हिलाने लगती है। मैं आंखें बंद करके मजे लेता हूं। वो सारा लंड मुंह में ले लेती है, और जोर-जोर से चूसने लगती है। कभी जोर से तो कभी धीरे चूसती है। फिर मैं उनके मुंह के अंदर ही सारा पानी निकाल देता हूं, और वो पूरा पानी पी जाती है। हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहते है।
भाभी: तो आसिफ, आ गया मजा?
मैं: हां मेरी जान, पर पूरे मजे कल लूंगा।
भाभी: हां बिल्कुल ले लेना।
फिर हम सो जाते है। इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में। इस भाभी की चुदाई कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया दे khanabdulasif01@gmail.com पर।