चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं राहुल 20 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लंबा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर कर उसे अच्छी तरह से नाप सकता है।
मेरे लंड को अक्सर अनुभवी औरतें बहुत ज्यादा पसंद है। चाहे वो भाभी, चाची या आंटी कोई भी हो, सब लंड को भरपूर मज़ा देती है। मौका मिलने पर मैं मस्त नई-नवेली कलियों को भी चोद लेता हूं। मैंने मेरी पिछली कहानी में आपको बताया था कि किस तरह से मैंने सोनिया भाभी को बजाया था।
सोनिया भाभी लगभग 32 साल की मस्त सेक्सी चिकनी माल है। वो ऊपर से लेकर नीचे तक रसमलाई सी है। भाभी का गदराया जिस्म, मस्त जिस्म, और तड़कती-फड़कती जवानी किसी को भी भरपूर मज़ा देने के काफी है।
भाभी के बोबे लगभग 32″ साइज के है। उनके बोबे एक-दम टाइट और रसभरे है। मैंने भाभी के टाईट बोबों को जम कर चूसा था। मैं भाभी के रसभरे बोबों का टेस्ट भूल नहीं पा रहा था। मैं फिर से भाभी के बोबों को चूसने के लिए तड़प रहा था।
भाभी का गौरा चिकना पेट बहुत ही सेक्सी है। पेट के नीचे भाभी की हॉट सेक्सी कमर लगभग 32″ साइज की है। कमर के नीचे भाभी की सेक्सी गांड लगभग 34″ साइज की है। मैंने भाभी की मस्त सेक्सी गांड का खूब फायदा उठाया था। एक बार में ही मैंने भाभी की गांड के छेद को ढीला कर दिया था।
सोनिया भाभी जैसी मस्त माल को चोदने के बाद अब मेरा लंड फिर से भाभी की चूत के लिए कुलबुला रहा था। अब मैं फिर से भाभी को पेलने के लिए तड़प उठा था।
अब मैं अगले दिन फिर से भाभी के घर पहुंच गया। आज भी भाभी घर पर अकेली ही थी। भाभी जी बरामदे में बैठ कर सिलाई कर रही थी। तभी भाभी जी मेरे हाल-चाल पूछने लगी।
“और रोहित सब अच्छा है ना?”
“हां भाभी सब ठीक है।”
“और अब आज कहां जुगाड़ ढूंढ रहा है? तेरी तो सेटिंग आज भी नहीं आई।”
“अब नहीं आई तो कोई बात नहीं भाभी।अब मुझे उनसे अच्छी सेटिंग मिल चुकी है।”
तभी भाभी मुस्कुराने लगी “अच्छा!”
“हां भाभी।”
“कौन है वो जिसको तेरा लंड भा गया?”
तभी मैंने कह ही दिया “आप हो भाभी और कौन है?”
“अच्छा बच्चे, जो हेल्प करे। उसको को ही सेट कर लो। ये अच्छा है।”
“और नहीं तो क्या? उसको तो सेट करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।”
“ओह!” हां भाभी।
अब भाभी की बातों को सुन कर मैं समझ गया था कि भाभी की चूत भी मेरा लंड लेने के लिए कुलबुला रही थी। बस अब इनको बेड पर ले जाने की ज़रूरत थी।
तभी मैंने भाभी से कहा “भाभी अगर आपका ये काम हो गया हो तो अंदर चले?”
तभी भाभी मुस्कुराने लगी “अंदर क्यों?”
“अब आप ज्यादा इतराओ मत। सब पता है आपको अंदर क्यों चलना है?”
“नहीं यार मुझे नहीं पता तू मुझे अंदर चलने के लिए क्यों बोल रहा है? ज़रा बताना तो?”
कल चुदाने के बाद भाभी अब और ज्यादा फ्लर्टी हो चुकी थी। तभी मैंने भाभी से कहा, “आपको चोदना है इसलिए।”
तभी भाभी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। “कमीने थोड़ा घुमा-फिरा कर ही बोल देता।एक-दम सीधे ही बोल दिया।”
“आप एक-दम सीधा ही सुनना चाहती थी।”
तभी भाभी जी चुप हो गई। मेरी नज़र भाभी के गदराये जिस्म पर अटकी हुई थी। भाभी के जिस्म को देख-देख कर मेरा लंड तूफान मचा रहा था।
तभी भाभी उठी और भैंसो को चारा डालने जाने लगी। अब मैं भी भाभी के पीछे-पीछे आ गया। अब भाभी की गांड को देख कर मेरा लंड भाभी की गांड में घुसने के लिए कुलबुलाने लगा।
अब भाभी भैंसो को चारा डालने लगी। अब मैं भाभी की गांड पर हाथ फेरने लगा। तभी भाभी मेरे हाथ को दूर हटाने लगी।
“यार क्या कर रहा है? भैंसो को चारा तो डालने दो।”
“तो मैं भी तो भैंस को ही चारा डाल रहा हूं भाभी।”
“अब ज्यादा शैतान मत बन।”
तभी मैंने भाभी की गांड पर चपेड़ मार दी।
“आहाह, कमीने दर्द होता है। चपेड़ मत मार।”
“ओह भाभी आप भी क्या कंजूस हो रही हो। मारने दो ना।”
तभी मैंने भाभी की गांड पर तीन-चार चपेड़ें मार दी। भाभी की चीखे निकल पड़ी।
“आईईईई सिससस्स, कमीने मत मार।”
“तो फिर आप जल्दी से अंदर चलो। अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा है।”
“चल रही हूं। पहले थोड़ा तो संभाल ले तेरे लंड को।”
“ये ही तो नहीं संभल रहा है भाभी।”
अब मैं भाभी का अंदर चलने का इतंज़ार करने लगा। भाभी अब भैसों को पानी पिलाने लगी। वो मेरे लंड को तड़पा रही थी। मैं ज्यादा इंतज़ार करने के मूड में नहीं था।
तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ा, और उन्हें अंदर ले जाने लगा। तभी भाभी मुस्कुराने लगी, “कमीने ले लेना मेरी। मैं कहीं भागी थोड़े जा रही हूं। पहले काम तो कर लेने दे।”
“अब तो मुझे मेरा काम करना है भाभी।”
“अरे यार, तू बड़ा ज़िद्दी है।”
“हां भाभी, इस मामले में तो मैं बहुत ज्यादा ज़िद्दी हूं।”.
मैं भाभी को खींच कर अंदर ला रहा था। भाभी मुस्कुराती हुई खिंची चली आ रही थी।
“अरे हाथ तो छोड़, चल रही हूं मैं।”
तभी मैंने भाभी का हाथ छोड़ दिया। अब भाभी चुदाने के लिए अंदर चलने लगी। अब मैं भाभी के गले में हाथ डाल कर उन्हें अंदर ले जा रहा था।
दूसरे हाथ से मैं भाभी की गांड पर हाथ फेर रहा था।
“बहुत पेलूंगा आज भाभी आपको। अब तो आप मेरी सेटिंग बन चुकी हो।”
“पेल लेना जितनी तेरी इच्छा हो। मैं भी तुझसे जम कर बजवाना चाहती हूं। पता नहीं चाची जी के आने के बाद मुझे तेरा लंड मिलेगा या नहीं।”
“अरे आप चिंता मत करो। सब दे दूंगा मैं आपको लंड।”
“हां यार दे देना। तेरा लंड मुझे भा गया है।”
“मुझे भी तो आपकी चूत पसंद आ गई है भाभी।”
भाभी भी चुदाने के लिए तड़प रही थी। तभी मैंने भाभी को अंदर ले लिया और उन्हें झट से बेड पर पटक दिया। अब मैं तुरंत भाभी के ऊपर चढ़ गया। अब मैं भाभी के रसीले होंठो को जम कर चूसने लगा।
भाभी भी मेरे होंठो को पूरी शिद्दत से चूस रही थी। हम दोनों एक-दूसरे की प्यास बुझा रहे थे। तभी कमरे में आउच पुच्च पुच्च ऑउच्च की ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ें गूंज रही थी।
नीचे मेरा लंड भाभी की चूत नापने के लिए तड़प रहा था। मेरा लंड ज्यादा इंतज़ार करने के मूड में नहीं था। उसे भाभी की चूत की तलब लगी थी।
तभी मैं फ़टाफ़ट से भाभी की टांगो में आ गया, और झट से भाभी के पेटिकोट का नाड़ा खोल उनके पेटिकोट साड़ी के साथ भाभी की चड्डी को खोल फेंका।
अब भाभी नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने झट से लंड बाहर निकाल लिया और भाभी की चूत में सेट करने लगा। भाभी की आंखो के हवस साफ-साफ नज़र आ रही थी। वो चुदाने के लिए कुलबुला रही थी।
तभी मैंने भाभी की चूत में लंड पेल दिया। तभी भाभी चिल्ला पड़ी।
“आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई।”
एक ही झटके में मेरा लंड भाभी की चूत की गदराई को नाप चुका था। मेरा लंड भाभी की चूत की जड़ तक पहुंच चुका था। अब मैं भाभी को दे दना दन चोदने लगा।
“आईईईईई आईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई आईईईईई आईईईईई ओह साले।”
मैं भाभी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से लंड पेलने लगा। मैं भाभी को बुरी तरह से चोद रहा था। भाभी की चूत में मेरा लंड फूल स्पीड में अंदर-बाहर हो रहा था। मेरा लंड भाभी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था।
“आईईईई ओह आईईईईई आईईईईई ओह साले। थोड़ा धीरे-धीरे।”
“अब धीरे-धीरे पेलने का कोई काम नहीं है सोनिया।”
“आह्ह आह्ह ओह चल चोद ले जैसी मर्ज़ी हो।”
मैं चुप-चाप भाभी की चूत में लंड ठोक रहा था। भाभी की चीखें बैडरूम में गूंज रही थी। मेरे लंड के झटकों से भाभी बहुत बुरी तरह से झल्ला रही थी। मैं उनकी चूत की बखिया उधेड़ रहा था।
“आईईईई आईईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह आह्ह।”
“ओह भाभी आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं जम कर भाभी की चूत में लंड ठोक रहा था। मुझे भाभी को बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। ताबड़-तोड़ ठुकाई से भाभी की हालत खराब होती दिख रही थी। वो कह नहीं पा रही थी, लेकिन भाभी की शक्ल बता रही थी कि मेरा लंड भाभी को कितना भारी पड़ रहा था।
“आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह ओह सिससस्स आहा ओह रोहित।”
“आज भाभी तेरी चूत के सारे परखचे उड़ा दूंगा।”
“उड़ा दे साले कमीने।”
मैं भाभी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था। तभी भाभी पानी-पानी हो गई। धुआंधार ठुकाई से जल्दी ही भाभी का पानी निकल चुका था। भाभी पसीने में नहा चुकी थी। उनका बलाऊज पूरा गीला हो चूका था।
धमा-धम ठुकाई से मेरा लंड भाभी जी की चूत की जड़ को भी तहस-नहस कर चुका था।
“आईई आईईईईई ओह धीरे धीरे चोद, आईईईई नहीं झेला जा रहा है मुझसे तेरा लंड।”
“तू ही तो बोल रही थी ज़ोर-ज़ोर से चोदने के लिए।”
“हां लेकिन अब दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है।”
“तो कोई नहीं भाभी मज़ा भी तो बहुत आ रहा है ना?”
दर्द से भाभी जी की गांड फट चुकी थी। मैं तो भाभी जी की चूत में लंड ठोके जा रहा था। भाभी जी की धुंआधार ठुकाई करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आईईईई आईईई सिसस्सस आह आह्ह आह्ह ज़ोर ज़ोर से मत मेरे सैया।”
“मैं तो चोदूंगा मेरी रानी।”
अब भाभी जी बेचारी क्या कहती? वो अब बिना कुछ कहे लंड ठुकवा रही थी। मैं भाभी को बजाए जा रहा था । फिर मैंने ऐसे ही भाभी जी को बहुत देर तक बजाया।
अब मैंने भाभी को फोल्ड कर दिया। अब मैं बेड पर खड़ा होकर भाभी की चूत में जम कर लंड पेलने लगा। भाभी को फोल्ड कर चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी लपक कर लंड ले रही थी।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह साले आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह और ज़ोर ज़ोर से चोद आह सिससस्स।”
“ले तो ले मेरी रानी। आज तेरी ऐसी-तैसी कर ही देता हूं।”
अब मैं भाभी को फिर से ताबड़-तोड़ तरीके से चोदने लगा।
“ओह आहहह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह मेरे सैया।।”
मैं धमा-धम भाभी की चूत में लंड पेल रहा था। भाभी को फोल्ड कर बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं गांड हिला-हिला कर भाभी की चूत में लंड पेल रहा था। भाभी मेरे नीचे दबी हुई थी। मेरा लंड एक-दम सीधा भाभी की गहराई में वार कर रहा था।
“ओह कमीने मेरी कमर दर्द करने लग गई है। आह अब मत चोद।”
“चोदने दे मेरी रानी। फोल्ड कर बजाने में बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं भाभी को बजाये जा रहा था तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से भाभी का पानी निकल गया। भाभी फिर से पसीने में भीग चुकी थी। भाभी का बलाऊज गीला हो चूका था।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह आईईईई आह।”
फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक फोल्ड करके बजाया।
अब मैनें भाभी की चूत में से लंड बाहर निकाला और फिर भाभी की टांगे पकड़ कर मैंने उन्हें बेड के किनारे खींच लिया। अब मैं बेड से नीचे उतर कर भाभी की चूत में लंड सेट करने लगा।
“ओह साले आज तो तू मेरी जम कर लेगा।”
“हां भाभी।”
फिर मैंने भाभी की चूत में लंड पेल दिया और अब मैं भाभी को झमाझम चोदने लगा। मेरा लंड भाभी की चूत में अंदर-बाहर होने लगा। मैं खड़ा-खड़ा भाभी की चूत की बखियां उधेड़ रहा था। भाभी दर्द से झल्ला रही थी।
“आईईईईई आईईईईई ओह ओह सिससस्स।”
मैं भाभी की बुरी तरह से ठुकाई कर रहा था। मेरे लंड के झटकों से बेड चुड़-चुड़ करने लगा था। भाभी आधी बेड पर थी और आधी नीचे लटकी हुई थी। मैं भाभी की चूत में ताबड़-तोड़ लंड पेल रहा था।
“आईईईईई सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह।”
“ओह भाभी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आह्ह।”
“हां मेरे सैया।”
मैं भाभी की चूत में गांड हिला-हिला कर ज़ोर-ज़ोर से लंड पेल रहा था। तभी भाभी की चूत में उबाल आ गया और भाभी का पानी निकल गया। अब मेरे लंड के झटकों से भाभी का पानी टकपने लगा।
फिर मैंने भाभी जी को बहुत देर तक इसी तरह से बजाया। अब मैंने भाभी को खींच कर नीचे ले लिया, और भाभी को घोड़ी बना दिया। मैंने भाभी की चूत में लंड सेट किया और फिर भाभी को घोड़ी बना कर पेलने लगा।
“आह्ह आह ओह सिससस्स आहा सिससस्स ओह आहा सिसस्स।”
“ओह भाभी बहुत मज़ा आ रहा है। आह।”
मैं भाभी की कमर पकड़ कर उन्हें झमाझम चोद रहा था। मेरा लंड भाभी की चूत में सीधा घुस रहा था। मुझे भाभी को घोड़ी बना कर चोदने में बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मैं गांड हिला-हिला कर भाभी की चूत में लंड पेल रहा था। अब भाभी को घोड़ी बन कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहा आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। और चोद अआह आह्ह चोद।”
“हां भाभी, आज तो आपकी खैर नहीं। बहुत मज़ा आ रहा है।”
“ओह रोहित आहा बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”
मैं भाभी को घोड़ी बना कर जम कर बजा रहा था। फिर मैंने भाभी के बाल पकड़।लिये। अब मैं भाभी के बालों को पकड़ कर उन्हें झमा झम चोद रहा था। भाभी लपक-लपक कर मेरा लंड ले रही थी। उन्हें मेरे मोटे तगड़े लंड से चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“उन्ह ओह आह्ह आहाहा ओह सिससस्स ओह मम्मी। बससस्स चोद जा मुझे रोहित। बहुत आराम मिल रहा है।आहा आह्ह।”
“हां भाभी।”
मेरा लंड भाभी की चूत को चोद-चोद कर उसे खोखला कर चुका था। चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। तभी भाभी कांप उठी और उनकी चूत से गरमा-गरम माल नीचे बहने लगा। अब मैं भाभी की बहती हुई नदी में ज़ोरदार झटके मार रहा था। मेरा लंड भाभी की नदी में नहा रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह।”
अब भाभी घोड़ी बन कर बुरी तरह से चुद चुकी थी। अब मेरा लंड थक चूका था। वो बार-बार ढीला पड़ रहा था। तभी मैंने भाभी को उठा कर वापस बेड पर पटक दिया।
अब मैंने भाभी की टांगो को खोल उनकी चूत में लंड पेल दिया और भाभी की ताबड़-तोड़ ठुकाई शुरू कर दी। तभी भाभी की चीखें निकलने लगी।
“आईईईई आईईईईई आईईईई सिससस्स आह्ह मेरे सैया धीरे-धीरे।”
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई के बाद मैंने भाभी की चूत को पूरा भर दिया। अब मैं फिर से भाभी की बाहों में लिपट गया। भाभी ने मुझे बाहों में भर कर मेरे लंड को संभाल लिया। फिर थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
कहानी जारी है…
मुझे मेल करके बताए कहानी कैसी लगी
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अगला भाग पढ़े:- भाभी की जम कर ली-2