किराएदार ने पहले पटाया फिर बजाया-3 (Kirayedaar ne pehle pataya fir bajaya-3)

पिछला भाग पढ़े:- किराएदार ने पहले पटाया फिर बजाया-2

दोस्तों भाभी की चुदाई कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत करती हूं। कहानी का मजा लेने के लिए पिछला पार्ट ज़रूर पढ़ें।

अब नवीन जी खड़े हो गए और फिर मुझे खड़ी कर मेरी क़मर पकड़ी। अब नवीन मेरे रसीले होंठो पर बची हुई लिपस्टिक को चूसने लगा। अब मैं भी उनके होंठों को खा रही थी। माहौल अब फिर से गर्म होने लगा था।

नवीन मेरी गांड को सहलाता हुआ मेरे होठों को चूस रहा था। वो मेरे सेक्सी चूतड़ों को कस रहा था। तभी नवीन मुझे किस करता हुआ दीवार के सहारे ले गया। अब नवीन ने मेरे चूचों को मुंह में भर लिया, और मेरे रसीले टाइट आमों को चूसने लगा। अब मैं नवीन को बाहों में कस कर उसकी पीठ को सहला रही थी।

“ओह्ह्ह नवीन जी बहुत रस भरा है मेरे चूचों में। अच्छे से रगड़ कर चूसो। आह।”

“उन्ह्ह्ह आहा आह।”

ऐसा लग रहा था जैसे नवीन जी कई महीनों से प्यासे थे। तभी नवीन जी मेरे चूचों को चूसता हुआ बाइट करने लगे। अब मैं दर्द से तिलमिलाने लगी।

“ओह आईईईई सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गाईईई। धीरेरेरे धीरेरेरेरे आराम से नवीन जी।”

मैं बुरी तरह से मचल रही थी। नवीन जी मेरे खजाने का जम कर मज़ा लूट रहे थे।

“ओह मम्मी आह्ह उन्ह सिसस आह्ह।”

फिर थोड़ी देर में ही नवीन जी ने मेरे बूब्स को चूस लिया। अब नवीन मेरी चूत में उंगलियां पेलने लगा। मेरी चूत भट्टी की तरह जल रही थी। तभी मैं कसमसाने लगी।

“उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह आहाहाह सिसस्ससस्स ऊंह ओह्ह नवीन जी। ऐसे मत करो।”

“ओह्ह्ह भाभी जी करने दो। अहहा बहुत आग लगी है आपकी चूत में तो।”

“अब आप और मत भड़काओ मेरी आग को आह्हा सिसस।”

“मैं तो भड़काउंगा भाभी जी।”

नवीन ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत में उंगलियां पेल रहा था। मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। अब मैं पसीने में भीगने लगी थी।

“उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह धीरे-धीरे नवीन जी।”

“ओह भाभी जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”

तभी मैं खुद को नहीं रोक पाई और मेरा पानी निकल गया।

“ओह नवीन जी। मरर्रर्र गैईईईई।”

अब नवीन ने मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया और मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया। अब नवीन मेरी चूत चाटने लगा। तभी मैं शर्म के मारे पानी-पानी होने लगी।

“ओह्ह्ह सिसस आहह उन्ह सिसस।”

“ओह्ह्ह नवीन जी आराम से चाटो। ओह्ह्ह आईई।”

नवीन मेरी चूत को कस कर चाट रहा था। मैं बुरी तरह से कसमसा रही थी। वो मेरी चूत का जम कर मज़ा ले रहा था। मुझे भी नवीन से चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। लंबे समय से मेरी चूत चटवाने की इच्छा थी जो आज पूरी हो रही थी।

“उह सिसस आह्हा आहह ओह्ह्ह मम्मी। आहह सिसस।”

“अच्छे से चाटो नवीन जी। उन्ह्ह्ह ओहह सिस्सस्सस।”

नवीन मेरी जांघे पकड़ कर मेरी चूत के रस को पी रहा था। तभी नवीन मेरी चूत के दाने को खुजाने लगा। अब मैं तड़प उठी।

“ओह्ह्ह मम्मी मर गईई आह्हा सिसस उन्ह आह्हा सिसस।”

अब नवीन चूत को बुरी तरह से चाट रहा था। अब मैं दर्द के मारे बिस्तर को मुट्ठी में समेटने लगी थी। नवीन मेरी चूत में जीभ से तगड़ा हमला कर रहा था। अब मैं नवीन के मुंह को मेरी चूत पर से हटाने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैं नवीन मेरी चूत पर कब्जा कर चुका था।

“आहह आह सिसस आईई ओह्ह्ह नवीन जी। रुक जाओ ना। मेरा पानी निकल जाएगा।”

लेकिन नवीन मेरी नहीं सुन रहा था। तभी मैंने नवीन के सिर को पकड़ कर जोर से मेरी चूत पर दबा दिया, और फिर क्या था। मेरी चूत से फव्वारा फुट पड़ा। मैं बहुत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी।

“ओह्ह्ह रोहित जी मर गई मैं तो।”

अब नवीन मेरी चूत के गरमा-गरम माल को चाटने लगा। मैं पसीने में लथपथ होकर नवीन के बालों को सहला रही थी। नवीन मजे से मेरी चूत का पानी पी रहा था।

“सिसस्ससस्स उन्ह्ह्ह्ह। पी लो मेरा पानी। आहा सिस्सस्सस।”

फिर नवीन ने मेरी चूत चाट कर साफ़ कर दी। अब नवीन ने फिर से मेरी चूत में लंड रखा और मुझे बाहों में कस लिया। अब नवीन दे दना दन मेरी चूत में लंड पेलने लगा। तभी मेरे बेडरूम में लंड ठोकने की आवाजे गूंजने लगी।

“आहा आहा आईईईई सिस्सस्स उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आहा आईईईई आईईईई।”

“ओह्ह्ह मेरी जान आहा बहुत रसभरी माल है तू। आज तो तेरी चूत की खैर नहीं।”

“आह आह्हा उन्ह आह ओह आहा अआईईई अआईईई ओह मम्मी। फाड़ दो आज मेरी चूत को उन्ह्ह्ह्ह आहा सिसासस।”

“हां भाभी जी। आज तो बुरा हाल कर दूंगा आपकी चूत का।”

नवीन मुझे बाहों में कस कर जम कर चोद रहा था। मेरी टांगे हवा में लहरा रही थी। मैं नवीन की पीठ को नाखूनों से खोद रही थी।

“आह आहा उन्ह ओह नवीन जी। बहुत मस्त तरीके से चोदते हो आप तो आह्ह्ह अब बहुत अच्छा लग रहा है।”

“मुझे भी आपको चोदने में बहुत मस्त मज़ा आ रहा है भाभी जी।”

“उन्ह आह आहा अआईईई अआईईई मर गई आहा आह अआईईई। बस पेले जाओ आप तो।”

नवीन के खतरनाक झटके मेरी चूत को तहस-नहस कर रहे थे। मैं बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। तभी मैं पसीने में लथपथ हो गई और मेरा पानी निकल गया।

“आह्हा सिसस आह्ह उन्ह आह्ह्ह आह्हा सिसस।”

“ओह्ह्ह भाभी जी आह्ह्ह बहुत रसीली चूत है आपकी अहहा।”

“बजा लो नवीन जी। आहह। आपका लंड बहुत मज़ा दे रहा है। आह्हा।”

नवीन मेरी चूत की बखिया उधेड़ रहा था। उसका लंड मेरी चूत में भयंकर घमासान मचा रहा था। आज मुझे नए लंड से चुदने में बहुत मजा आ रहा था।

“ओह्ह्ह नवीन जी, ऊंह आह्हा।”

फिर नवीन ने मुझे बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब नवीन भी बुरी तरह से हांफ गया था। अब मैंने नवीन को बेड पर पटक दिया और मैं उसके ऊपर चढ़ गई। अब मैं उसके होठों को चूसने लगी। अब मेरी चूत की प्यास बढ़ने लगी थी।

तभी मैं उसकी चेस्ट पर किस करती हुई उसके लंड पर पहुंच गई। अब मैं उसके भारी भरकम लंड को मुट्ठी में कसने लगी।

“ओह्ह्ह्ह नवीन जी बहुत ही मस्त लंड है आपका तो।”

“हां भाभी जी लेकिन ये बहुत प्यासा है।”

“कोई बात नहीं। आज मैं इसकी पूरी प्यास बुझा दूंगी।”

तभी मैं घोड़ी बन गई और नवीन के लंड को छपाक से मुंह में ले लिया। अब मैं नवीन के मोटे तगड़े लंड को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। नवीन के लंड को चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे पति के लंड को चूसने में मुझे इतना मजा नहीं आया था।

“आह्ह भाभी जी बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह ऐसे ही चूसो। ओह सिससस्स।”

मैं नवीन के लंड को लबालब चूस रही थी। आज मुझे समझ में आ रहा था कि मुझे ऐसे ही मोटे तगड़े लंड की सख्त ज़रूरत थी।

“ओह भाभी जी आप तो बहुत तगड़ी खिलाडी निकली। आह्ह बससस्स ऐसे ही चूसती रहो, आह्ह।”

फिर मैंने नवीन जी के लंड को चूस कर निचोड़ डाला। अब नवीन जी मुझसे उनके लंड की सवारी करने के लिए कहने लगे लेकिन मुझे शर्म आ रही थी। आज मैं पहले बार किसी गैर मर्द से चुद रही थी, तो अभी मैं इतना नहीं खुली थी। लेकिन नवीन जी मान नहीं रहे थे।

“अरे भाभी जी, शरमाओ मत और चढ़ जाओ।”

“अरे यार नवीन जी रहने दो आप तो।”

तभी मैं बगल में लेट गई लेकिन नवीन जी ने मुझे फिर से उनके ऊपर चढ़ा लिया। अब भला मैं क्या करती? तभी मैं मुस्कुराते हुए नवीन जी के लंड पर बैठ गई और फिर चूत में लंड सेट कर लिया। अब मैं झटके दे देकर चुदने लगी।

“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा उन्ह्ह।”

“हां ऐसे ही चुदो भाभी जी।”

“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह ओह नवीन जी उन्ह्ह्ह आहा सिस्सस्स।”

“मिटा लो भाभी जी आपकी चूत की आग। आप भी तो बहुत प्यासी हो।”

“हां नवीन जी आज तो खूब चुदूंगी मैं। आह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपसे चुदाने में। आहा आह्ह।”

“हां भाभी जी जम कर चुदो। जितनी मर्ज़ी हो उतनी। मुझे कोई दिक्कत नहीं।”

तभी मैं जोश में आकर जोर-जोर से झटके मारनी।

“आहा आईईईई ऊंह उन्ह्ह्ह्ह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मम्मी बहुत मजा आ रहा है। आहा आह आह उन्ह्ह्ह्ह।”

“उह्ह्ह्ह्ह भाभी जी।”

मेरे हर झटके से मेरे मोटे-मोटे बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। अब धीरे-धीरे मैं पसीने में भीगने लगी थी।

“आह्ह आहा सिससस्स आह्ह ओह नवीन जी। उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह।”

“बससस्स लेती रहो लंड भाभी जी।”.

मैं झमा-झम चुद रही थी। आज तो मैं रुकने का नाम नहीं ले रही थी। मैं ज़ोर-ज़ोर से नवीन जी के लंड के ऊपर कूद रही थी। तभी मेरा पानी निकल गया और मैं थक हार कर नवीन जी लिपट गई।

“ओह्ह्ह्ह नवीन जी उन्न्ह्ह्ह।”

अब नवीन जी मुझे वापस बिस्तर पर पटका और मेरी चूत में लंड गाड़ दिया। अब नवीन जी मुझे फिर से बजाने लगे।

“उह्ह्ह्ह निकिता। आहा बहुत ही गजब की माल है तू उन्न्ह्ह।”

“आह आहा आईईईई सिसासस्स उन्ह्ह्ह। खूब चोदो इस माल को नवीन जी।”

“आह आहा आईईईई ऊंह हां निकिता।”

“आहा आहा आईईईई बहुत मजा आ रहा है आपके मोटे तगड़े लंड से चुदने में। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह मैं तो मस्त हो गई आहा।”

“हां मेरी रानी।”

नवीन जी मुझे जम कर चोद रहे थे। उनका भारी भरकम लंड मेरी चूत को चोद चोद कर लाल कर चुका था। मैं भी उनके लंड को जम कर चूत में ठुकवा रही थी।

“ओह्ह्ह्ह नवीन जी ठोके जाओ मेरी चूत में लंड उन्ह्ह्ह्ह आहहा।”

“हां निकिता।”

तभी नवीन जी ने चोद-चोद कर एकबार फिर से मेरा पानी निकाल दिया। अब नवीन जी बेड से नीचे उतर गए। अब नवीन जी ने मेरी टांगें पकड़ कर मुझे पलंग के किनारे खींच लिया। अब उन्होंने मेरी चूत में लंड सेट किया और फिर मेरी टांगो को पकड़ कर दे देना बजाने लगे। तभी मेरी चीखें फिर से निकलने लगी।

“आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह आहा आईईईई आईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मी।”

“आहा भाभी जी।”

“आह्ह सिसस आहाहा आराम से चोदो नवीन जी आह्ह्ह आहा उन्ह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा है आह्ह्ह।”

“ओह्ह्ह निकिता मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है, आह्हा।”

“उन्ह्ह्ह आहा सिस्सस्स आहा आईईईई।”

नवीन मेरी चूत में दे दना दन लंड पेले जा रहा था। उनके लंड के झटको से मेरे बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। मैं आधी पलंग पर टिकी हुई थी और आधी नीचे लटकी हुई थी। नवीन का लंड मेरी चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। मेरी चूत का हाल फिर से बेहाल होने लगा था।

“आईई आईई ओह्ह्ह आह्हह आहा आईई ओह्ह नवीन जी आहा आईईईई आईईईई।”

“उह्ह भाभी जी। बहुत मजा आ रहा है। आहा।”

नवीन के लंड के ज़ोरदार झटको से पलंग भी चुड़-चुड़ करने लगा था। नवीन कस कर मेरी चूत में जम कर लंड पेल रहा था। अब तो मेरी चूत का गुलाबी हिस्सा बाहर दिखने लगा था। आज मैं मस्त होकर लंड ठुकवाये जा रही थी। तभी मेरा पानी निकल गया।

“आह्ह आहाहा ओह सिसस आहह। गई मैं तो।”

अब नवीन जी का लंड मेरी पानी से भरी हुई चूत में गोते लगा रहा था। मैं फिर से पसीने के भीग गई थी। नवीन जी मुझे बजाए जा रहा था। नवीन जी के लंड के तूफान से मेरी चूत का पानी नीचे टपक रहा था।

“आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

फिर मैंने बहुत देर तक नवीन जी ने मुझे ऐसे ही बजाया। आज तो मेरी चूत की हालत खराब हो गई थी। ऐसी ठुकाई मेरी पहले कभी नहीं हुई थी। अब नवीन जी ने मुझे बेड से नीचे खींच लिया और फिर उन्होंने मुझे दीवार से उलटा चिपका दिया।

अब नवीन जी मेरे मखमली जिस्म को। पीछे से किस कर रहे थे। उनका मोटा तगड़ा लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। मैं उनके किस करने से सिहर रही थी।

“ओह्ह्ह्ह सिसससस उन्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह।”

आज नवीन जी मेरे पूरे नंगे जिस्म के साथ खेल रहे थे। अब नवीन जी किस करते हुए मेरी गांड तक पहुंच गए और फिर नीचे बैठ गए।

“आहा क्या मस्त गांड है उन्ह्ह्ह। एक-दम सेक्सी चूतड़ है।”

अब नवीन जी किस करते हुए मेरे चूतड़ को। काट रहे थे। तभी मेरी सिसकारियां फूटने लगी।

“आहा उन्ह्ह्ह्ह सिसस्सस आईईईई।”

मैं बुरी तरह से मचल रही थी। वो मेरे गोल गोल चिकने चूतड़ को काट रहे थे। आज कोई पहली बार मेरे बदन से इस तरह से खेल रहा था। मुझे आज बहुत मजा आ रहा था।

“आहा आईईईई सिस्सस्सस।”

अब नवीन जी खड़े हो गए और मेरी गांड पर चपेड़ मारने लगे।

“आहा बहुत ही सेक्सी मस्त चूतड़ है तेरे तो। ओह्ह्ह्ह निकिता, उन्ह्ह्ह।”

“उह्ह्ह्ह्ह आहा सिसासस्स उन्ह्ह्ह।”

“ओह निकिता आहा। बहुत ही मस्त गांड है तेरी आहा।”

नवीन जी मेरी गांड को तड़ा-तड़ बजा रहे थे। उनको मेरे चूतड़ों के साथ खेलने में बहुत मजा आ रहा था। मैं दर्द से कराह रही थी लेकिन मैं नवीन जी को मना नहीं कर पा रही थी।

“आहा आह आईईईई सिसस्सस्स उन्ह्ह्ह आहा आईईईई।”

फिर नवीन जी मुझे बेड के पास ले आए और मुझे घोड़ी बना दिया। अब नवीन जी मेरी गांड में लंड डालने लगे। तभी मैं बिदक गई और मैं खड़ी हो गई।

“नवीन जी क्या कर रहे हो यार?”

“डालने दो ना यार भाभी जी।”

“नहीं यार नवीन जी गांड मत मत डालो।”

“अरे यार भाभी जी। आप डालने तो दो। बहुत मजा आयेगा आपको भी।”

“नहीं यार नवीन जी। गांड में तो बिलकुल नहीं।”

“अरे भाभी जी। गांड में डालने का अलग ही मजा आता है, और मैं आपको ये मजा देना चाहता हूं।”

“नहीं नवीन जी। आप तो रहने दो यार। आपका लंड तो मेरी गांड ही फाड़ देगा।”

“अरे नहीं फाड़ेगा यार।”

नवीन जी मेरी गांड में लंड डालने की बहुत कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं उन्हे गांड में लंड नहीं घुसाने दे रही थी। फिर नवीन जी ने कहा “यार भाभी जी गांड में नहीं तो कोई बात नहीं। लेकिन घोड़ी तो बनो।”

“हां आप घोड़ी बना कर ही बजा लो।”

तभी मैं घोड़ी बन गई। अब नवीन जी ने मेरी चूत में लंड टिकाया, और फिर मेरे बालो को चोटी बना कर मुझे पेलने लग गई।

“आहा आहा आईईईई ऊंह आहा आईईईई सिसससस आहा आहा।”

“ओह्ह्ह मेरी जान आहा बहुत मजा आ रहा है उन्ह्ह्ह।”

“ओह्ह्ह्ह आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह ओह्ह्ह मेरे सैया।”

“आह आहा ओह्ह्ह्ह मेरी रानी।”

“आह आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह।”

नवीन जी मेरी चोटी को पकड़ कर मुझे दे दना-दन चोद रहे थे। मैं ऊपर की तरफ़ मुंह करके चुद रही थी। नवीन जी के लंड को तगड़ी ठुकाई से मुझे छत का पंखा नज़र आ रहा था।

“आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह आहा सिस्सस्स उन्ह्ह्ह्ह।”

“ओह्ह्ह मेरी रानी। आहा आहा।”

“चोद ले मेरे सैया। आहा आहा। खूब चोद तेरी रानी को। आह आह।”

“हां मेरी रानी।”

अब नवीन जी मेरी चोटी छोड़ दी और हाथ नीचे ले जाकर मेरे बूब्स पकड़ लिए। अब नवीन जी मेरे बूब्स को दबा कर मुझे घोड़ी बना कर पेल रहे थे।

“आहा मेरी रानी। क्या माल है तू।”

“आह आहा आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह्ह पेले जाओ इस रानी‌ को।”

“हां मेरी रानी। आहा ओह्ह्ह्ह।”

नवीन जी मेरी चूत को ताबड़तोड़ तरीके से चोद रहे थे। नवीन जी के धक्के मुझे बेड से चिपका चुके थे। तभी नवीन जी के लंड ने मेरा पानी निकाल दिया।

“ओह्ह्ह नवीन जी, उन्ह्ह्ह।”

फिर नवीन जी ने मुझे बजा कर बेड पर पटक दिया और मेरे बूब्स को फिर से चूसने लगे।

“ओह्ह्ह नवीन जी। उन्ह्ह्ह।”

वो जल्दी-जल्दी मेरे बूब्स को निचोड़ रहे थे। आज तो नवीन जी ने मेरे बूब्स का नजारा ही बदल दिया था। उनका तो मेरे बूब्स चूसने से मन ही नहीं भर रहा था।

“उन्ह्ह्ह सिस्सस्सस।”

फिर नवीन जी ने फटाफट से मेरे बूब्स को चूसा और झट से मेरे भोसड़े में लंड सेट कर दिया। आज पहली बार की ठुकाई में नवीन जी मेरी चूत का भोसड़ा बना चुके थे। अब वो मेरी फिर से लेने लगे।

“आहा आह सिस आहा आईईईई ऊंह उह्ह्ह्ह सिसस्सस।”

“ओह्ह्ह्ह भाभी जी। मजा आ गया आज तो, आहा।”

“हां नवीन जी। मैं तो आपके लंड की दीवानी हो गई। आह आहा आईईईई।”

“मैं भी आपके बदन का गुलाम हो गया भाभी जी।”

“अहाह आईईईई सिस्सस्स।”

तभी नवीन जी अकड़ने लगे और उनका लंड पानी-पानी हो गया। अब नवीन जी ने मेरे भोसड़े में उनके लंड का पानी भर दिया और मेरे नंगे जिस्म से लिपट गए।

“ओह्ह्ह भाभी जी।”

अब मैंने नवीन जी को मेरी बाहों में कस लिया। अब हम दोनों जिस्म मेरे बेडरूम में नंगे पड़े थे। आज मैं पहली बार किसी गैर मर्द से चुदी थी। लेकिन चुदने में मेरे जिस्म का पुर्जा-पुर्जा ढीला हो गया था। अब तो मेरे उठने की भी बस की बात नहीं थी। नवीन जी ने आज मुझे खूब बजाया था। मैं नवीन जी का लंड लेकर बहुत खुश थी। फिर बहुत देर बाद हम दोनों उठे और हमने कपड़े पहन लिए। अब नवीन जी उनके कमरे में चले गए और मैं थक हार कर मेरे बेड पर पड़ गई। आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे बताए–

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