बहन की चुदाई की इस कहानी में आप सब का हार्दिक अभिनंदन। अगर आप नए पाठक हैं तो मैं आपको बता दूं, कि सपना एक खूबसूरत लड़की है, जो कि गदराई जवानी वाली 5 फिट 4 इंच हाईट वाली लड़की है।
ये घटना तब की है जब सपना एक-दम से औरत बन चुकी थी, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में सपना की चुदाई इतने जोरों-शोरों से हुई, कि जो फिगर पहले 32-30-32 था, वो अब भरपूर तथा अलग-अलग लंड से चुदाई होने की वजह से भारी हो गया। अब उसका फिगर करीब 36-32-38 के आस-पास हो गया। चूतड़ इतने बड़े हो चुके थे कि लंड अगर 7 इंच से कम रहे तो उसमें खो जाता।
जैसा कि मैनें पिछली कहानियों में बताया था कि कैसे जिम के ट्रेनर अफजल और उसके दोस्तों तथा उसके भाई ने मिल कर सपना की खूब चुदाई की थी, और उसका पूरा वीडियो बना लिया था। और एक दफा अमर ने ये बात सुन ली थी, कि सपना जिम के ट्रेनर से चुदी थी, और उसका वीडियो भी बना था। तबसे अमर उस वीडियो को पाने की बहुत कोशिश करता था। क्योंकि वो भी सपना के हुस्न का दीवाना था।
पर अभी तक दूर से ही देख कर मुट्ठ मार लेता था। आपको बता दूं मेरे पड़ोस में दो लड़के थे। जिनमें एक का नाम अमर तथा दूसरे का नाम समर था। दोनों सगे भाई थे, अमर मेरे ही क्लास में साथ पढ़ता था, और समर हमसे एक क्लास पीछे था। उनके घर की छत हमारे घर से लगी हुई थी, मतलब ऐसे, कि अगर चाहें तो एक-दूसरे की छत पर आ जा सकते थे।
आखिरकार एक दिन अमर ने वो वीडियो अफजल की मोबाइल में देख ही लिया। क्योंकि अमर, अफजल, और मैं तीनों एक ही साथ पढ़ते थे, पर मेरी अफजल से बनती नहीं थी। पर जब वो वीडियो अमर ने अफजल से मांगा, तो उसने देने से मना कर दिया।
पर जब से अमर ने सपना को पहली दफा बिना कपड़ों के देखा, तब से उसके होश उड़े थे। क्योंकि जिसे कभी गलत नज़र से नहीं देखे थे, जिसके बारे में कभी गलत नहीं सोचे थे, और लोगों के सामने जिसकी बढ़ाई के पुल बांधते थे, कि लड़की हो तो ऐसी संस्कारी। उसी को लंड पर उछलते देख उनकी आंखे ऐसे फैल गयी थी, कि ये हकीकत नहीं बस सपने देख रहे थे।
पर उस वीडियो को देखने के बाद अमर ने जब समर को बताया तो दोनों भाईयों का सपना के प्रति बर्ताव अलग सा हो गया। अब वो दोनों सपना को हवस भरी नज़रों से देखने लगे। वो दोनों अब सपना को चोदने का प्लान बनाने लगे, कि कैसे सपना को चोदा जाए। क्यूंकि घर पर तो वो चुदाई कर नहीं सकते थे
पड़ोस के दोनों लड़कों की सपना को चोदने की चाहत उसकी चढ़ती जवानी को देख अब बढ़ने लगी थी। पर उन्हे मौका नहीं मिल रहा था, कि कैसे सपना को चोदें, तो वो सही वक्त का इंतजार कर रहे थे। फिर होली के दूसरे दिन रात में वो दोनों भाई, मुझे और विनय को सपना को चोदते हुए देख लिए। पर हम तीनों को ये बात पता नहीं चली।
फिर हम रात में चुदाई करके जब अपने रूम में जाने लगे, तो विनय फिर से सपना को बोला कि, “कल की रात मेरी आखिरी रात है तुम्हारे यहां। परसों मैं चला जाऊंगा। तो कल रात फिर एक बार घमासान चुदाई करेंगे”। जैसे ही विनय ने ये बात बोला, तो मेरी नज़र खिड़की पर गई। मुझे लगा कि खिड़की पर कोई था। पर शायद वो दोनों भाई समझ गए थे कि उन्हें मैंने देख लिया था, तो वो चुपके से भाग निकले।
जब मैंने दरवाजा खोला, तो वहां पर कोई नहीं था। तो विनय और सपना बोले, “क्या हुआ?” तो मैंने बोला कि, ‘शायद यहां पर कोई था।” फिर हम तीनों इधर-उधर देखे तो कोई नहीं दिखा।
तो विनय बोला कि, “क्या भाई, कोई नहीं आएगा इतनी रात में, वो भी 2 बजे।” फिर हम दोनों अपने रूम में चले गए, और सपना अपने रूम में चली गयी, और छत वाला रूम जहां पर चुदाई हमने की थी, वो सपना बन्द कर दी। पर अभी भी मेरे दिमाग में चल रहा था कि कोई तो था छत पर था, और फिर मैं कुछ देर छत पर और रूका। फिर मैंने दूसरी छत पर अमर और समर को टहलते हुए देखा, और तभी वो दोनों हमें देखे। तो मैंने उनसे क्या बात की…
मैं: इतनी रात में क्यूं टहल रहो हो अमर?
अमर: कुछ नहीं भाई, ऐसे ही।
मैं: अच्छा चलो बढ़िया हैं। सेहत के लिए टहलना सही होता है।
अमर: हां ये तो बात सही है भाई, पर और भी चीजें होती हैं सेहत के लिए।
मैं: वो क्या अमर भाई?
अमर: अरे वहीं जो अभी हो रहा था।
मैं: क्या हो रहा था?
अमर: जो अभी तुम कर रहे थे
मैं: मैं… मैं क्या कर रहा था?
अमर: चलो अब छुपाओ मत भाई, मैंने देखा है।
मैं: क्या देखा है तुमने?
अमर: तुम और तुम्हारा दोस्त दोनों मिल कर सपना को चोद रहे थे। पूरी आवाज बाहर आ रही थी, जिसे सुन कर मैं आया तो देखा कि तुम तीनों लीन थे चुदाई में।
मैं ये सुन कर हैरान हो गया, और डर की वजह से मेरा चेहरा बन गया।
फिर अमर मुझे डरा हुआ देख और बोला-
अमर: राजू भाई मुझे भी दिला दो सपना की चूत। मैं जब से सपना को बिना कपड़े का देखा हूं, तब से 3 बार मुट्ठ मार चुका हूं। फिर भी लंड नहीं बैठ रहा।
मैं: साॅरी भाई, वो मेरी बहन है। मैं उसके साथ गलत होते नहीं देख सकता।
तब तक समर बोला-
समर: क्या राजू भाई, आप भी तो चोद ही रहे हो। एक बार मौक देदो, हम भी चोद लेंगे। हम किसी को नहीं बताएंगे।
मैं: तुम पागल हो क्या? किसी दूसरे से चुदवाने के लिए नहीं है मेरी बहन।
समर: अबे साले तू भी तो अपने दोस्त से चुदवा ही रहा था ना अपनी बहन को। वो तो साला पता नहीं कहां का है। प्यारी सी सपना को अपनी रंडी बना कर रखा है साले ने।
मैं: मेरी बहन को रंडी मत बोलना।
समर: रंडी ना बोलूं तो क्या बोलूं? साली रंडी है सपना. भाई के सामने ही दूसरे से चुद रही है। रंडी नहीं तो क्या है वो?
मैं: भोसड़ी के एक बार और रंडी बोला तो तुम्हारी मां चोद दूंगा।
समर: अब तूने हद पार कर दी राजू, अब तो सपना को हम चोदेंगे जरूर, और उसकी गांड मार देंगे। साली को अपनी रंडी ना बनाया तो मेरे नाम समर नहीं।
मैं: चल निकल, बहुत देखे तुम जैसे।
तब तक अमर बोला-
अमर: राजू भाई गुस्सा मत करो। मैं प्यार से बोल रहा हूं यार। मुझे भी चोदने दो सपना को यार। तेरा दोस्त तो चोदता ही है, वैसे मुझे भी चोदने दो यार। माल बहुत बढ़िया है तेरी बहन सपना।
मैं: अमर भाई ऐसा कभी नहीं हो सकता। मेरा दोस्त सपना को एक बार खेत में चोद चुका था। इसलिए अब कुछ नहीं बोल पाता, पर तुम्हे नहीं यार प्लीज।
इतना सुनते ही अमर ने अपनी मोबाईल निकाली, और वीडियो चला दी, जो उसने अभी हम तीनों की चुदाई रिकार्ड की थी, और फिर बोला-
अमर: राजू भाई प्यार से बोल रहा हूं। कल की रात सपना मेरे साथ बिताएगी तो ठीक, नहीं तो ये वीडियो तुम्हारे पापा के पास भेज दूंगा, और सबको बता दूंगा कि तुम अपनी बहन को खुद तो चोदते ही हो, और अपने दोस्त से भी चुदवाए हो।
अमर के मुंह से इतना सुनते ही मेरी हवा निकल गई। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। फिर मैने बोला-
मैं: यार अमर भाई कुछ समझ नहीं आ रहा। प्लीज यार किसी को मत भेजना वीडियो।
अमर: राजू भाई एक ही रास्ता है, क्या सोचे? वैसे मैंने सुना था जब तुम सब आपस में बात कर रहे थे, कि कल चुदाई करेंगे रात में, वो भी लाईट बन्द करके रखेगी कल सपना। ऐसा विनय ने बोला था।
मैं: हां ये बात तो हम किए ही थे। तो इससे कैसे काम बनेगा तुम्हारा?
अमर: अगर कल रात तुम दोनों की जगह हम दोनों रूम में जाएं, तो सपना को पता भी नहीं चलेगा। और फिर हम दोनों भाई सपना की गांड तोड़ चुदाई करेंगे।
मैं: आइडिया तो अच्छा है तुम्हारा, पर सपना जान जाएगी तो बवाल हो जाएगा।
अमर: अरे भाई कुछ बवाल नहीं होगा, बस एक बार वो मेरे सामने नंगी आ जाए। तो फिर कुछ भी हो जाए उसे अपनी पकड़ में रखूंगा और उसे चोदे बिना नहीं छोडूंगा। और जब तक वो जोर-जोर से उहहहह आहहहह की आवाज ना निकाल देगी, तब तक उसे पेलूंगा।
मैं: ठीक है भाई, पर ध्यान से। रात में 11 बजे आ जाना। पर वीडियो किसी को मत भेजना।
अमर: राजू भाई मेरा लंड जैसे ही सपना की चूत को स्पर्श करेगा, तुम मेरा फोन लेकर वीडियो डिलीट कर देना, और हां तुम हम सबके साथ रूम में ही रहना, पूरी चुदाई देखना हमारी।
मैं: भाई मैं क्यूं? उधर विनय भी रहेगा, और उसके रहते तो सपना को नहीं चोद पाओगे। तो 11 बजे जैसे ही सपना रूम में जाकर लाईट बन्द करे, तुरन्त तुम छत के सीढ़ी का दरवाजा बन्द कर देना। हम दोनों को लगेगा कि सपना ने बन्द किया है। फिर कोई पंगा भी नहीं होगा, और तुम चूत भी खोद देना सपना की।
अमर: भाई तुम भी सपना के पीछे ही आ जाना, और फिर मैं सीढ़ी का दरवाजा बन्द कर दूंगा। विनय नीचे ही रह जाएगा। फिर हम सपना को बजाएंगे। उसको अपने लंड पर नचाएंगे।
मैं: ठीक है भाई। कल मिलते हैं।
और फिर मैं नीचे रूम में आ गया।
फिर जब सुबह सपना छत पर कपड़े फैलाने गई तो उसने देखा कि खिड़की के पास ढेर सारा वीर्य गिरा हुआ था, जिस पर चींटियां इकट्ठा हो रखी थी। तो सपना को लग गया कि हो ना हो कल यहां पर कोई तो था। फिर वो सोचने लगी जो भी रहा होगा वो खिड़की से पूरी चुदाई जरूर देखा होगा, और फिर अपना पूरा माल वहीं खिड़की के बाहर ही गिरा दिया होगा अपना लंड हिला-हिला कर।
सपना मन ही मन डर भी रही थी, पर मन ही मन सोच रही थी कि आखिर कौन था जिसने सिर्फ चुदाई देख कर इतना माल गिरा दिया है। वो मन ही मन उसके बारे में सोचने लगी। पर उसे क्या पता कोई अकेला नहीं दो लोग थे वहां पर। फिर ये बात सपना ने विनय को बताई, और फिर विनय ने मुझे बताया।
पर मुझे तो मालूम ही था कि कौन था वो, और फिर आज सपना का क्या हाल होने वाला था। खैर मैं रात होने का इंतजार करने लगा।
आखिर रात में क्या होगा? जानने के लिए बने रहें। कमेंट करके जरूर बताएं बहन की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी?