पिछला भाग पढ़े:- सपना की जवानी का मजा गन्ने के खेत में लिया-1
फिर जब सपना भी मुझे किस करने में व्यस्त हो गयी, तो मैंने बिना देर किए फटाक से लंड सपना की चूत में पेल दिया, सपना तुरन्त चिहुक गयी और रोने लगी। उसके मुंह से ‘उई मां मर गई’ की आवाज निकल गयी, और फिर मुझसे बोली कि, “बता नहीं सकते थे कि घुसाने जा रहे हो”?
मैंने बोला कि, “मेरी रानी बहुत देर से तड़प रही थी, तो मुझसे उसका दुख देखा नहीं गया, और मैंने पेल दिया”। तो वो हंसने लगी। पर उसके आंखों में आंसू थे क्यूंकि कुछ भी हो चुदाई तो अभी एक ही बार हुई थी, तो अभी तो दर्द तो होगा ही।
फिर मैंने सपना को कस कर पकड़ लिया और लंड को सटासट सटसट अन्दर-बाहर करने लगा, जिससे फचफच फच फच फच फच की आवाज निकल रही थी। तो कभी कभी पुच पुच पुच पुच की आवाज निकलने लगी।
मैं इधर गपा-गप गपा-गप अपना पूरा लंड सपना की बच्चेदानी तक पहुंचा रहा था, और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे जन्नत का सैर कर रहा हूं। इधर सपना “उहआह उहआ उईमां अरी उईआह, फक मी, फक मी, चोद दो मेरे राजा, आज मुझे चोद कर अपनी रखैल बना लो, चोदो मेरे राजा, और चोदो। जब तक तुम्हारा लंड ना जवाब देदे तब तक चोदो मेरे राजा। आज से मेरी चूत तुम्हारी हुई। घुसा दो हलक तक चूत फाड़ दो मेरे राजा। आज मुझे कली से फूल बना दो, मैं तुम्हारी दासी हूं आज से। प्लीज फक मी, और चोदो मेरे सईंया और चोदो, फाड़ दो मेरी गांड भी मार लो” बोल रही थी।
मैं सपना की आवाज सुन-सुन कर उत्तेजित हो रहा था, और अपनी स्पीड बढ़ाए जा रहा था, और मैंने तुरन्त सपना को कुतिया बनाया। फिर एक झटके में ही फिर से सपना को जमीन पर गिरा दिया और अब वो पेट के बल जमीन पर थी। पर मैंने अपने दोनों हाथों से सपना की चूचियों को पकड़ रखा था, और मसल रहा था, ताकि गन्ने की पत्तियों से सपना की चूचियों पर कोई जख्म ना हो।
और अब जब पीछे से मैं सपना को चोद रहा था, तो मैंने सपना की कद्दू जैसी गांड को देखा, जो इधर-उधर उछल रही थी। तब तक सपना के मुंह से आवाज आई, “मैं झड़ने वाली हूं, मैं गई मैं गई”। और मैंने तुरन्त चोदना बन्द कर दिया। मुझे पता था कि अगर सपना झड़ गयी तो कुछ देर मजा किरकिरा हो जाएगा।
मैंने सपना के शान्त होने का इन्तजार किया, और जैसे वो शान्त हुई, मैंने फिर सपना को चोदना शुरू कर दिया। अब जब जब मेरा 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा सपना की चूत में पीछे से घुसता, तो गप-गप की आवाज आती, जो हम दोनों को मदहोश कर रही थी।
फिर तुरन्त मैंने सपना को पकड़ कर उठाया, और फिर उसके पीछे खड़े होकर पीछे से ही सपना की चूत में अपना लंड घुसा दिया। मैंने अपने हाथों से सपना के कंधे को पकड़ रखा था, तो मैंने देखा सपना की चूचियां ऊपर-नीचे बहुत तेज उछल रही थी, जैसे कि कोई पेंडुलम एक वक्त के बाद ऊपर नीचे जाता है, वैसे ही सपना की चूचियां उछल रही थी।
पर चूचियां भारी होने के कारण ऊपर-नीचे होने की वजह से सपना को अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। तो फिर मैंने तुरन्त सपना की चूचियों को पकड़ लिया, और चोदना शुरू कर दिया।
और फिर सपना बोली, “मैं झड़ने वाली हूं”। तो मैं समझ गया इस बार नहीं रोक पाऊंगा। मैंने उसे पकड़ कर बगल किया, तांकि उसकी चूत का पानी कपड़े पर ना गिरे, नहीं तो खराब हो जाएगा। और सपना तुरन्त झड़ गयी।
सपना की टाईट चूत में अन्दर-बाहर होने की वजह से जैसे लंड घिस रहा था, और सपना की चूत की गर्मी मुझे भी झड़ने पर मजबूर कर दी और उस वक्त ऐसा लग रहा था कि जैसे कि कोल्हू में गन्ना जाता है और अन्दर ही पूरा रस निकल जाता है, उसी तरह मुझे महसूस हुआ और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। फिर कुछ सेकेण्डों में ही मैंने भी गन्ने की तरह अपने लंड का रस सपना के चूत नामक कोल्हू में अन्दर ही छोड़ दिया।
मुझे अब ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे सपना की टाईट चूत की गर्मी ने मेरे लंड का पूरा माल निकाल लिया था, और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो वीर्य के लार टपक रहे थे और मेरे लंड की नसें एक-दम सी दिख रही थी।
फिर हम दोनों थोड़ी देर के लिए निढाल होकर एक-दूसरे के बगल में सो गए, और फिर सपना बोली, “बहुत मजा आया मुझे, तुम्हें कैसा लगा”? मैंने कहा, “मुझे भी चरम सुख प्राप्त हुआ और जयपुर से ज्यादा मजा आया”। तो सपना भी बोली, “हां वहां से ज्यादा मजा आया”।
हम दोनों शायद भूल गए थे कि हम दोनों खेत में हैं, और कुछ देर में ही मेरा लंड फिर से तैयार हो गया। फिर मैंने सपना को इशारे में गांड की तरफ इशारा किया तो वो बोली, “भैया अभी नहीं”। तो मैंने बोला, “आज लेलो मजा”। चूंकि शाम ढल गयी थी पर हम दोनों खेत में बीचो-बीच में थे, और गन्ने की फसल ऊंची-ऊंची थी, तो ऊपर का आसमान नहीं दिख रहा था।
मैंने थोड़ी विनती करके सपना को मना लिया गांड मरवाने के लिए, क्योंकि वासना की आग इतनी जल्दी से खत्म नहीं होती, और मैंने सपना को पीछे पलट दिया। फिर लंड में थूक लगा कर गांड पर सेट कर दिया, और एक झटका दिया। पर लंड फिसल गया, क्योंकि पहली बार गांड मारने जा रहा था मैं, और अभी तक सपना की गांड कोई मारा भी नहीं था, तो गांड भी अभी सील पैक थी।
तो सपना बोली, “आराम से डालो”, और सपना ने अपने गांड को ढीला किया। फिर मैंने सपना की गांड के छेद को फैलाया, और लंड को सेट करके धीरे-धीरे दबाना शुरू किया। सपना के मुंह पर ब्रा रख कर मैंने बन्द कर लिया, क्योंकि पहली बार गांड मरवाने पर लड़कियां चिल्ला देती है ये मैंने सुना था अपने दोस्तों से।
फिर धीरे-धीरे मैंने लंड अन्दर करना शुरू किया। सपना बहुत तेज चिल्लायी पर उसकी आवाज तो ब्रा तक ही रहा गयी। उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे।
वो छटपटाने लगी, और छूटने का प्रयास करने लगी। पर ऐसा कहां होने वाला था, क्योंकि ऐसा मौका पता नहीं कभी आएगा भी या नहीं ये मुझे पता था। तो मैंने सपना को तेजी से कस कर दबोच रखा था, और उसके शान्त होने का इंतजार करने लगा।
तभी घर से फोन आ गया कि, “कहां हो दोनों? शाम हो गयी है आ जाओ जल्दी घर”। इतना सुनते ही सपना उठने का प्रयास करने लगी। तो मैंने “हां मां आ रहे हैं, थोड़ा दूर निकल आए मार्केट के तरफ घूमने” बोला, और फोन काट दिया।
सपना बोली, “चलो”। मैंने बोला कि, “नहीं, अब गांड मार लेंगे तब चलेंगे”। तो सपना बोली कि, “मां जान जाएंगी, और मैं चल भी नहीं पाउंगी। तो शक हो जाएगा मां को”।
मैंने तुरन्त फिरसे मां को फोन किया कि, “मां सपना कि एक फ्रेंड मिल गयी है। आज उसका बर्थडे है, तो वो बहुत विनती कर रही है कि बहुत दिन बाद मिली है। तो आप बोलो तो हम दोनों चले जाएं उसके घर? कल सुबह आ जाएंगे”।
तो मां बोली, “नहीं रहने दो, घर आ जाओ”। तो मैंने बोला, “7th में वो साथ पढ़ती थी, बहुत दिन बाद मिली है वो, बाकी मैं तो हूं ही साथ सपना के”। तो ये सुन कर मां बात मान गयी। वो बोली कि, “ठीक है चले जाओ”।
फोन काटते ही मैंने बोला, “चलो बात बन गयी”। तो सपना बोली, “भैया आप झूठ क्यूं बोले”? तो मैंने बोला, “आज तुम्हारी गांड मारने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं”। तो सपना बोली कि, “इतना भी क्या है मेरी गांड में”? तो मैंने मक्खन लगाते हुए बोला कि, “तुम्हे बहुत ज्यादा पसन्द करता हूं, बाकी गांड को तुम्हारी जब से मैंने देखा है, तब से तुम्हारी गांड की सवारी करने का मन है”।
और फिर मैंने बिना देरी करते हुए सपना की गांड में अपना लंड फिर से पेलना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में सपना की गांड से खून आ गया, पर सपना खून नहीं देखी और उसकी गांड से खून निकलता देख मैं खुश था। मैंने स्पीड अपनी बढ़ा दी। सपना बोली, “उई मां मर गयी, उई आह उह आह की आवाज निकाल रही थी”।
और मेरा लंड सपना की गांड में खुदाई किए जा रहा था। करीब 20 मिनट गांड मारने के बाद मैं सपना की गांड में ही झड़ गया।
फिर कुछ देर बाद मैंने फिर से सपना को पलट दिया और खुद नीचे लेट गया, और सपना को ऊपर आने का इशारा किया। फिर सपना मेरे लंड के ऊपर आकर बैठ गयी, और उसकी चूत में मेरा लंड अन्दर-बाहर होने लगा। सपना मेरे लंड पर बैठ कर उछल रही थी, और उसकी चूचियां भी बाउंस कर रही थी। वो एक-दम से हिलोरे मार रही थी।
फिर मैंने अपना लंड सपना की गांड पर सेट किया, और सपना को अपने ऊपर लिटा कर सपना की चूचियों को एक के बाद एक को अपने मुंह में भर कर पीने लगा। मैंने लंड से गांड में फटाफट पेलना शुरू कर दिया और 10 मिनट में ही मैं फिरसे झड़ गया। सपना भी इसी बीच झड़ गयी।
अब हम दोनों एक-दम से अस्त-व्यस्त हो गए, और दोनों के चेहरे पर थकान दिख रही थी। अब सपना बोली, “अब कहां जाओगे, किसके बर्थडे में”? तो मैंने बोला, “होटल चलें”? तो सपना बोली, “मेरी चलने की हिम्मत नहीं है”।
मैंने बोला, “तुम्हें उठा कर ले चलता हूं, पर रोड पर ठीक से चलना”। तो वो बोली, “ठीक है”। और मैं रोड पर पहुंच कर कैब बुक किया। फिर रास्ते में ही दर्द की दवा और वैसलीन ले लिया मैंने, और फिर दोनों एक अच्छे होटल में गए, जो एक पुराने दोस्त का था, जिसे मेरी फैमिली के बारे में कुछ नहीं पता था। तो उसे ये नहीं पता था कि सपना मेरी सगी बहन थी।
फिर हम दोनों रूम में गए, और फिर खाना आर्डर कर दिया। कुछ देर बाद वो दोस्त आया और बोला, “भाई किसी बात का टेंशन मत लेना, आराम से मजे लो”। और फिर मुझसे कान में बोला, “एक बात बोलूं, बुरा ना माने तो”?
मैंने बोला, “क्या बात बोलो”? तो उसने कान में बोला, “भाई माल एक-दम मस्त है, अगर तुम्हारा हो जाए तो एक मौका दे देना। सब कुछ रहना, खाना-पीना सब कुछ फ्री मेरे तरफ से”।
मुझे गुस्सा तो आया पर मैंने सोचा अगर इसे पता चल गया कि मेरी बहन थी, तो बवाल हो जाएगा। मैंने बोला, “भाई गर्लफ्रेन्ड है, कोई काल-गर्ल नहीं है यार, नहीं तो मौका दे देता तुझे भी”।
तो वो कुछ नहीं बोला और चला गया, और इशारे में बोल गया कि, “फाड़ दो इसकी आज”। पर उसे क्या पता मैंने पहले ही इसकी फाड़ दी थी तभी लाया हूं। पर हमारे पास मौका था फिर से सेक्स करने का। पर मैंने सोचा कि कोई हिडेन कैमरा जरूर लगाया होगा इसने। तो मैंने सोचा कि बाद में ब्लैकमेल कर सकता था, तो मैंने उसे इशारे में मना कर दिया कि बजाने के लिए नहीं लाया हूं और फिर हम दोनों खाना खाए और सो गए।
फिर रात में 3 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने सपना को जगा कर इशारा किया। वो बोली कि, “थकी हूं मैं”। पर मैंने उसे बोला, “एक बार प्लीज”, और बाथरूम में जाकर फिरसे सेक्स किया मैंने। फिर रास्ते में दर्द की जो दवा लिए थे, उसे सपना को रात में ही दे दिए थे तो उसका कुछ दर्द खत्म हो गया था। और वैसलीन सपना की चूत और गांड में ही रात में लगा दिए 3 बजे, और फिर सो गए। जब सुबह नींद खुली तो 9 बज गए थे, तो हम दोनों चेक आउट करके टैक्सी पकड़ कर घर पहुंचे।
सपना हल्का-फुल्का लंगड़ा रही थी। मां ने पूंछा क्या हुआ तो मैंने बोला, “पार्टी में फिसल कर गिर गयी थी, पर ज्यादा चोट नहीं आई है”। तो मां ने सपना को जींस निकाल कर आने को बोला। जब वो निकाल कर आई तो मां ने पूंछा, “कहां लगी है चोट”? अब उन्हे क्या पता कि जो भी चोट आई थी सब की सब चूत और गांड में आई थी, क्योंकि लड़ाई तो चूत और लंड में हुई थी और गांड और लंड में हुई थी।
फिर सपना ने झूठ बोला कि, “घुटने पर थोड़ी लगी है”। और मां ने उसके घुटने पर मूव लगाया। फिर दोपहर में दोनों खाना खाए तो मैंने सपना को इशारे में बोला, “कैसा लगा, मजा आया”? तो वो मुस्कुरा कर हां में जबाव दी।
फिर मैंने पूछा, “आज भी चलें”? तो वो मना कर दी। फिर मैंने जब वजह पूछी, तो वो अपने रूम में गयी और अपनी चूत का फोटो खींच कर मेरे पास भेजी। मैंने जब सपना की चूत की हालत देखी, मुझे खुद तरस आने लगा। उसकी चूत फूल गयी थी, और उसकी भूरी-भूरी झांटे अब चूत को छुपाने में नाकाम हो रहो थी, और चूत एक-दम लाल हो गयी थी, जैसे किसी ने मिर्ची डाल दी हो।
फिर मैं बाजार गया, और सपना के लिए जूस वगैरह ले आया, और दवा भी ले आया। पर हम दोनो ये भूल गए थे कि कल खेत में मैंने अपना वीर्य चूत में छोड़ दिया है। फिर 2 दिन बाद मैं जयपुर चला गया, और फिर एक महीने बाद जब सपना को पीरियड नहीं आया तो उसने मुझे बताया। फिर मैंने उसे बोला कि, “तुम चेक करो”। तो वो बोली, “मैं मेडिकल पर नहीं जाऊंगी कुछ लेने, अब तुम जानो”।
मैंने तुरन्त मां के फोन करके कहा कि, “मां सपना को कुछ दिन के लिए यहां भेज दो जयपुर, मेरी मेड नहीं आ रही खाना बनाने। और इस समय आफिस का काम ज्यादा रहता है, तो खाना खाने और बनाने में दिक्कत हो रही है”। तो मां ने बोला, “ठीक है बेटा”। पर उन्हे क्या पता कि सपना पेट से थी, और फिर उसे भेजने का फैसला लिया। फिर मैंने 2nd AC का टिकट बुक किया और दूसरे दिन सपना आयी तो मैंने स्ट्रिप लाया, और जब चेक किया तो सपना के प्रैग्नेंन्सी का पता चला। अब हम दोनो को नहीं समझ आ रहा था।
फिर मैंने अपने एक दोस्त से बताया कि मेरी गर्लफ्रेन्ड के साथ ऐसा हो गया था। तो वो बताया और मैं दवा लेकर आया, और सपना को खाने को बोला। तो वो खाने से मना कर दी। मैंने दो दिन तक उसकी विनती की, पर वो मान नहीं रही थी। अब समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। और मैं उसका ख्याल रख रहा था। पर वो दवा खाने से मना कर रही थी। फिर मुझे एक दिन जान-बूझ कर उसके जूस में दवा घोल कर देना पड़ा और फिर दो दिन बाद सब ठीक हो गया। पर सपना समझ गयी कि मैंने उसे जूस में गोली दे दी थी।
अब वो मुझसे बोलना बन्द कर दी थी, पर मैंने उसका 15 दिन तक बहुत ख्याल रखा और उसकी तबियत में सुधार हो गया। अब वो फिर पहले की तरह खिलने लगी। मैंने फिर एक रात में सपना से उसकी मर्जी पूछी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया, और मैं उसके हां का इंतजार अब भी कर रहा हूं, किजब वो हां बोले तब मैं उसकी चुदाई कर सकूं।