सविता दीदी की जवानी के दीवाने-8 (Savita didi ki jawani ke deewane-8)

पिछला भाग पढ़े:- सविता दीदी की जवानी के दीवाने-7

पिछली सेक्स कहानी में आपने पढ़ लिया होगा कि कैसे मैंने दीदी को पिछली चुदाई याद करा कर उन्हें गर्म किया, और फिर सारी रात मैंने दीदी को हर पोजीशन में चोदा, और दीदी की हालत खराब कर दी। फिर हम रोज चुदाई करने लगे।

पर मेरे सिवा मेरे दोस्त लोग भी मेरी दीदी के लिए पागल हो चुके थे, और वो हर रोज सुबह दीदी के नहाने के वक्त आ जाते और दीदी के नहाने के बाद उनको घूरते, और ऐसा ही सिलसिला चलता रहा। पर मुझे इस बात की भनक तक नहीं थी, कि वो दोनों भी दीदी को ठोकना चाहते थे। आगे पढ़िए कि वो दोनों दीदी के करीब आए या नहीं, और उन दोनों ने दीदी की चुदाई कर पाई या नहीं। आगे पढ़िए-

रोहन और विजय हर रोज ठीक उसी समय आते जब दीदी के नहाने का समय होता था। क्योंकि 10-12 दिन में दीदी के नहाने का समय एक ही था। तो वो रोज 9 बजे आ जाते, और जब दीदी नहा कर बाहर निकलती तो वो दोनों दीदी को ऊपर से नीचे तक घूरते।

सविता दीदी दोनों के दिल और दिमाग पर छा चुकी थी, और अब इन्तजार था बस उस मौके का जब वो दोनों सविता दीदी की गांड का दीदार करते। वो दोनों आपस में बहुत सारी बातें भी करने लगे थे, कि यार कुछ भी हो सविता दीदी की बिना ठुकाई किए जाने नहीं देंगे।

पर उन दोनों को ये पता नहीं था कि मैं और सविता दीदी पहले ही चुदाई कर चुके थे, और यहां दिल्ली में भी चुदाई कर चुके थे। वक्त बीतता गया, और करीब एक महीना बीत गया। फिर एक दिन मुझे कुछ काम आ गया तो मैं सुबह जल्दी से ही बाहर चला गया, और मैंने सविता को बोला भी नहीं कि अन्दर से लाॅक कर लो। क्योंकि मैंने बोला था कि अभी 1 घण्टे में आ जाऊंगा, पर मुझे गुड़गांव साईड जाना पड़ गया। तो मैं एक घण्टे में नहीं आ पाया।

करीब 9 बजे के आस-पास रोहन और विजय फिर फ्लैट पर आ गए। पर उस वक्त दीदी बाथरूम में नहाने जा चुकी थी, और संयोग वश मैं फ्लैट पर नहीं था। ये बात रोहन और विजय को पता चल गया, और दीदी भी कभी बाथरूम का दरवाजा बन्द करके नहीं नहाती थी, क्योंकि रोहन और विजय जब भी आते थे तो हम तीनों हाल में ही रहते थे। पर आज जब मैं नहीं था तो रोहन मेरे बेडरूम में जब गया तो देखा कि दीदी बाथरूम का दरवाजा खोल कर नहा रही थी।

रोहन ने दीदी को जब नंगे नहाते देखा, तो उसने इशारे में विजय को बुलाया और दोनों नजारा देखने लगा। पर दीदी नहाने में मस्त थी। तभी रोहन के अन्दर का हैवान जाग गया, और वो तुरन्त अपने कपड़े उतारा और चुपके से बाथरूम में घुस गया। चूंकि दीदी का चेहरा दूसरी तरफ था, तो वो देख नहीं पायी कि कौन था। और रोहन मौके का फायदा उठा कर बाथरूम में घुस गया।

फिर रोहन ने दीदी के आंखों को पीछे से बन्द कर लिया और दीदी से चिपक कर खड़ा हो गया। रोहन का 8 इंच का जवान मोटा लंड, दीदी के गांड के बीच की दरारों से होता हुआ दीदी की चूत पर मंत्रमुग्ध कर देने वाला स्पर्श कर रहा था। जिस वजह से दीदी की मादक आवाज निकल गई, और वो रोहन को राजू समझ कर बोली-

दीदी: क्या कर रहे हो राजू, अभी रूक जाओ यार प्लीज।

रोहन: अचानक से राजू का नाम सुनते ही चौंक गया, और उसे एहसास हुआ कि शायद मेरे (राजू ) और दीदी के बीच में कुछ चल रहा था। पर वो वैसे ही चुप-चाप खड़ा रहा, और अपने लंड का मंत्रमुग्ध कर देने वाला स्पर्श पीछे से दीदी की चूत पर करता रहा, ताकि दीदी गर्म हो सकें।

दीदी: अरे राजू छोड़ो ना।

रोहन फिर चुप-चाप था।

दीदी: राजू प्लीज, राजू प्लीज अभी नहा लेने दो ना प्लीज।

रोहन फिर एक हाथ से दीदी की दोनों आंखो को ढकते हुए, मेरी  (राजू की ) आवाज में बोला-

रोहन: जानू आज मत रोको प्लीज। आज जो होता है हो जाने दो।

और फिर रोहन दूसरे हाथ से दीदी की चूचियों को मसलने लगता है।

दीदी उम्म्म्म उफ्फ आहहहह उम्म की आवाजें निकालते हुए अपने होठों को दबा रही होती है। ऐसा देख रोहन समझ जाता है कि सविता दीदी गर्म हो रही थी। ऐसा देख रोहन दीदी की पीठ पर अपनी चौड़ी छाती का स्पर्श भी करा देता हैं, और अपने चेहरे को दीदी के कंधे पर रख कर दीदी के कानों की बाली पर हल्की-हल्की फूंक मारने लगता है, जिस वजह से दीदी और उत्तेजित होती हैं।

उधर विजय ये सब चुपचाप देख रहा था, और अपने 7 इंच लंबे और 2.5 इंच मोटे लंड को पकड़ कर मसल रहा था। वो सीन देख देख कर अपने लंड को मसलने की स्पीड तेज कर रहा था। इधर रोहन के स्पर्श से दीदी पागल हुए जा रही थी, पर उन्हें अभी तक पता नहीं चला था कि वो मैं (राजू) नहीं बल्कि मेरा दोस्त रोहन था।

धीरे-धीरे रोहन की हवस और बढ़ती जाती है, जिसका गवाह रोहन का लंड टप टप टप टप करके ऊपर-नीचे हो होकर सविता दीदी के चूत को स्पर्श कर करके गर्म हो रहा था, और दीदी की चूत को गर्म कर रहा था।

रोहन के लंड से लार टपकना जैसे शुरू हुआ, इस बात का एहसास दीदी की चूत को हो गया, और दीदी की चूत गीली हो गयी। दीदी की चूत का पानी जैसे चूत को गीला करके चूत से रिस कर रोहन के लंड पर लगा, रोहन पागल सा हो गया, और वो हवस का मारा तुरन्त दीदी के आंखों पर से अपने हाथों को हटा लेता हैं।

फिर वो अपने दोनों हाथों को दीदी के पीछे से दीदी के हाथों के बीच में से ले जाकर के चूचियों को भींच देता है, और जोर-जोर से मसलने लगता है। फिर दीदी को पीछे से ही बिना लंड चूत में डाले धक्के देने लगता है। दीदी इन धक्कों का पूरा मजा ले रही थी, और अपनी आंखो को बन्द करके मदहोश होने लगी थी।

रोहन दीदी को गर्म होता देख दीदी को अपनी ओर खींच कर कस कर पकड़ लेता है, जिससे दीदी की पीठ रोहन के सीने से चिपक जाती है, और रोहन का लंड दीदी को गांड की दरारों के बीच से होता हुआ दीदी की चूत पर रगड़ने लगता है। इस वजह से दीदी और पागल हो रही थी, और वो भी अपनी गांड को लंड के स्पर्श का मजा दिला रही थी।

तभी अचानक से रोहन का लंड दीदी की चूत की फांकों के बीच स्पर्श हुआ और तुरन्त दीदी का जोश बढ़ने लगा। वो आंखे बन्द करने लगी थी, और उस स्पर्श का आनन्द लेने लगी, और कुछ ही सेकण्ड में वो पागल सी हो गयी। फिर अचानक से दीदी आंखे बन्द करके मुड़ी, और सीधे रोहन को राजू समझ उसके होठों पर अपना होंठ रख दी, और रोहन को कस कर पकड़ ली।

पर जब तक वो देखती कि वो लड़का मैं (राजू ) नहीं बल्कि मेरा दोस्त रोहन था, उन्होंने अपने होठों को रोहन के होठों पर रख दिया था, और रोहन भी दीदी के होठों को चूसने लगा था, और कस कर पकड़ कर गले लगा लिया था।

मौके की नजाकत को देखते हुए, रोहन ने सोचा अभी दीदी आंखे बन्द की थी, तो मौका है लंड पेल देता हूं चूत में। ये सोच कर रोहन ने अपना लंड दीदी की चूत की फांको पर सेट किया, और फिर रगड़ने लगा, और अचानक से दीदी की चूत में धकेल दिया। तो दर्द के मारे दीदी का सारा नशा उतर गया। फिर कुछ एक सेकण्ड बाद जब सविता दीदी ने आंखे खोली, तो सामने विजय खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था।

फिर जब दीदी रोहन को देखी तो वो चौंक गयी, और तुरन्त रोहन को झटके से दूर करने लगी। पर अब तक तो रोहन दीदी की चूत में अपना 2 इंच लंड पेल चुका था, जिस वजह से रोहन अचानक से दीदी से दूर ही नहीं हुआ। पर दीदी ने एक झटके में उसे अलग कर दिया और वो तेज झटकने की वजह से बाथरूम से बाहर आ गया था। जैसे ही रोहन बाहर हुआ, दीदी ने तुरन्त अपना बाथरूम का दरवाजा बन्द कर लिया।

रोहन और विजय हक्के-बक्के होकर बन्द दरवाजे को देखते रह गये, जैसे उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया। रोहन और विजय दोनों ने अपने लंड को दीदी की चूत में पेलने के लिए तैयार कर लिया था, पर दीदी ने जब रोहन को धक्के देकर बाथरूम के बाहर किया, तो ऐसा लगा कि खड़े लंड पर धोखा हो गया।

पर इधर दीदी बाथरूम के अन्दर से जोर-जोर से बोल रही थी, कि जाओ यहां से नहीं तो मैं भाई को बता दूंगी, जो तुम दोनों ने मेरे साथ किया। वो जोर-जोर से रो रही थी, पर शायद कहीं ना कहीं दीदी के अन्दर की ज्वाला भी रोहन ने भड़का दी थी, और दीदी भी मजे ले रही थी। पर वो उसे (राजू ) समझ कर शायद उसका साथ दे रही थी।

क्या वो दोनों अपनी मन की मुराद पूरी कर पाएंगे? क्या वो अपने दोस्त की बहन को चोद पाएंगे? क्या वो सविता दीदी की चूत का रसपान कर पाएंगे? क्या रोहन की सविता दीदी की गांड मारने की इच्छा पूरी हो पाएगी? या फिर उन दोनों को निराशा मिलेगी? और क्या सविता दीदी अपने छोटे भाई राजू से ये बात बताएंगी कि जो रोहन और विजय ने उनके साथ किया? जानने के लिए बने रहे आपके अपने राजू भाई के साथ।

कहानी आगे जारी रहेगी।

कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको कहानी कैसी लग रही है, आपका कमेंट ही मेरे लिए लिखने की प्रेरणा है। खुश रहिए, मस्त रहिए, अपने लंड को हिलाते रहिए।

जो भी चूत/लंड मिले, जोर-जोर से चोदते/चुदवाते रहिए। धन्यवाद !