कजिन सिस्टर की सील तोड़ी-2 (Cousin Sister Ki Seal Todi-2)

पिछला भाग पढ़े:- कजिन सिस्टर की सील तोड़ी-1

नमस्कार दोस्तों, मेरी कजिन बहन की चुदाई कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत है। उम्मीद है आप सब पाठकों ने पिछला पार्ट पढ़ लिया होगा। अगर आपने अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ें। फिर ही आप मेरी सेक्स कहानी का पूरा मजा ले पाएंगें।

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि मैं काफी वक्त से अपनी कजिन बहन को चोदना चाहता था, लेकिन वो मेरे हाथ नहीं आ रही थी। फिर एक दिन उसको कॉलेज जाना था, और उसका एग्जाम था। लेकिन कोई छोड़ने वाला नहीं था। फिर जब वो मेरे पास आई, तो मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसको चुदाई के लिए राज़ी कर लिया। उसके बाद मैंने उसकी कुंवारी चूत की सील तोड़ी। अब आगे बढ़ते है-

आज खुशबू की सील टूट चुकी थी। मेरे लंड की ठुकाई से खुशबू कुछ कहने की हालत में नहीं थी। अब मैं उसके टाइट बूब्स को फिर से दबा कर चूसने लगा।

“आहा उन्ह्ह्ह्ह ऐसे टाइट चूचे मैंने कभी नहीं चूसे आहा।”

“आह भैया चूस लो आहा।”

बूब्स की रगड़ाई खुशबू मोम की तरह पिघलने लगी थी।

“ओह्ह्ह्ह्ह मम्मी आहा। भैया चूस लो रगड़ दो इनको आहा ओह्ह्ह्ह मम्मी।”

अब मैं उसके चिकने पेट पर किस करता हुआ उसकी चूत पर आ गया। तभी खुशबू ने टांगे भींच ली। लेकिन मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया, और उसकी फ्रेश चूत पर मुंह मार दिया। अब मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वो पलंग पर छटपटा रही थी।

“आह ऊंह सिसस्सस उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मम्मी आहा सिस्सस्स।”

उसे समझ नहीं आ रहा था, कि क्या करे?वो कभी मेरे बालों को नोच रही थी, तो कभी मेरे सिर को उसकी चूत पर दबा रही थी।

“ओह्ह्ह भैया आहा उन्ह्ह्ह्ह।”

तभी उसकी चिकनी चूत से पानी छलक आया।

“ओह्ह्ह्ह्ह मम्मी।”

अब मैंने उसकी चूत की बूंद-बूंद को चाट लिया। मैंने फिर से उसकी चिकनी चूत में लंड फंसाया, और उसे पलंग पर पेलने लगा।

“आईईईई आईईईई आहा आईईईई मम्मी बहुत दर्द हो रहा है भैया आहा आईईईई। सिस्सस्स आहा आईईईई।‌ आहा ओह्ह्ह्ह भैया।”

मैं उसकी निगोड़ी चूत में जम कर लंड ठोक रहा था। वो दर्द से झल्ला रही थी।

“आज पता चल रहा है खुश्बू लंड क्या होता है?”

“आईईईई सिस्सस्स हां भैया।”

अब मैं पलंग से नीचे उतर आया, और उसकी टांगों को मेरे मजबूत कंधो पर ले लिया। वो पलंग पर ही थी।

“आह आह आईईईई उन्ह्ह्ह आईईईईई सिस्सस्स आराम से मारो मेरी चूत आहा।”

“आईईईई आईईईई। सिस्सस्स।”

मेरे जोरदार धक्कों से उसकी चूत की परतें खुल रही थी। उसके बूब्स उठ-उठ कर पड़ रहे थे।

“आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह। ओह्ह्ह्ह मम्मी आह आहा आईईईई सिस्सस्स धीरे-धीरे आहा आईईईई।”

“आह बहुत ही मस्त चूत है तेरी तो। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

मेरे लंड से खुशबू की ऐसी हालत कर दी थी, कि वो कुछ बोल नहीं पा रही थी। बस चूत में लंड ठुकवा रही थी। अब मैंने खुशबू को पलंग से नीचे लिया, और उसे घोड़ी बना लिया।

“ओह्ह्ह्ह भैया। मेरी तो हालत पतली हो गई है। अब मत चोदो ना।”

“मैं तो जम कर पेलूंगा तुझे।”

अब मैंने उसकी चूत में लंड रखा, और उसकी चिकनी कमर पकड़ कर बजाने लगा।

“आह आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा ओह्ह्ह्ह्ह भैया। आह आहा आईईईई।”

मेरे लंड के झटको से खुश्बू के साथ उसका पलंग भी हिल रहा था।

“आह आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

“आहा मेरी घोड़ी।”

खुशबू नीचे गर्दन करके घोड़ी बनी हुई थी। मैं उसकी चूत की गहराई को नाप रहा था।

“आह आह उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स्स।”

“आहा आईईईई ओह्ह्ह्ह भैया।”

मैं बीच-बीच में खड्डे में गाड़ी के पड़ने के जैसे उसकी चूत में लंड पेल रहा था। खड्डे में लंड पड़ते ही वो एक-दम से बिलबिला रही थी।

“आहा आईईईई आईईईई आहा।”

तभी खुशबू का झरना बहने लगा।

“आह आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिसस्सस्स।”

अब मैं खड़ा हो गया, और खुश्बू नीचे बैठ गई। अब खुशबू मेरे मोटे काले लंड को मसलने लगी।

“आहा भैया बहुत खतरनाक है ये।”

“हां खुशबू।”

वो उसके गोरे-गोरे हाथों में मेरे लंड को मसल रही थी। मेरे लंड फूल कर कुप्पा हो रहा था। अब खुश्बू मेरे मोटे लंड को चूसने की कोशिश करने लगी।

“आहा खुशबू, उन्ह्ह्ह।”

लेकिन उसके अनुभव की कमी साफ-साफ नज़र आ रही थी।

“आहा चूस मेरी रानी, आहा।”

खुशबू लंड से खेल रही है। वो झटके मारने की पूरी कोशिश कर रही थी। अब मैंने खुश्बू का सिर पकड़ा, और उसके मूंह को चोदने लगा।

“आह आईईईई उन्ह्ह्ह।”

मैं घपा-घप उसके मुंह में लंड पेल रहा था। खुशबू मुंह खोल कर उसने मुंह में लंड ठुकवा रही थी।

“आहा उभ्ह्ह्ह्ह आहा खुश्बू।”

तभी मैंने जोर से पूरा लंड उसके गले में उतार दिया, और वो छटपटाने लगी। लेकिन मैं उसके गले से लंड बाहर नहीं निकाल रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड बाहर निकाला। अब खुशबू की आंखों से आंसू बह रहे थे। अब मैंने उसे वापस पलंग पर पटका, और उसे फिर से चोदने लगा।

“आह आह उन्ह्ह्ह आईईईई आईईईई आहा उन्ह्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

“ओह्ह्ह भैया। आहा उन्ह्ह्ह्ह।”

“आह आह आईईईई सिस्सस्स्स आह।”

मेरा मोटा तगड़ा मूसल उसकी छोटी सी चूत को गहरा कर रहा था। लंड कितना गहरा वार करता है, आज खुशबू को अच्छी तरह से समझ में आ रहा था।

“आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

“ओह्ह्ह्ह्ह भैया मर गई मैं। आहा।”

“आहा आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा।”

अब मेरे लंड का तूफान थमने वाला था। तभी मैंने खुशबू की निगोड़ी चूत में लंड थाम दिया, और मेरा लंड उसकी चूत ने पिघल कर पानी-पानी हो गया था।

“ओह्ह्ह्ह खुशबू। आहा मजा आ गया।”

थोड़ी देर मैं खुशबू के जिस्म से चिपका और उसके जिस्म की गर्मी लेता रहा। आज पहली बार में ही खुशबू बुरी तरह से बज चुकी थी। मेरा लंड उसकी चूत की रगड़ से छिल गया था, और खुश्बू की टाइट चूत की परते खुल गई थी।

“ओह्ह्ह भैया। क्या हालत की है आपने मेरी चूत की। मर गई मैं तो।”

“तुने जो इतने दिन तड़पाया है ना मेरे लंड को। उसकी सजा दी है इसने।”

“हां भैया।”

अब मैं खुशबू की सील तोड़ कर मेरे घर आ गया।

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