नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप लोग? आज मैं अपनी बहन की चुदाई कहानी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूं। मेरा नाम बबलू है, और आज मैं आपको मेरी बड़ी बहन दीपाली दीदी कि चुदाई की कहानी बताने वाला हूं।
मेरे दीपाली दीदी कि हाईट 5.6 फुट है। बड़े-बड़े बूब्स और मोटी सी गांड है। दीदी ने फिगर बहुत मेंटेन रखी है। चलते वक्त दीदी कि गांड ऐसे मटकती है, कि वो देख कर 2-3 आदमीयों का पानी निकल जाये। मेरी दीपाली दीदी जैसी चुदक्कड़ औरत मैंने आज तक नहीं देखी।
आज तक उसने कम से कम 50-60 लड़को, आदमियों और बुड्ढे आदमियों से चुदवाया होगा। फिर भी उनकी चूत और गांड एक-दम कड़क है। कई बार ग्रुप में एक साथ 5-5 आदमियों ने भी चोदा है। मेरे दोस्तों ने, मैंने, पापा के दोस्तों ने, ऐसे कई आदमियों से अब तक चुदने के बाद दीदी की हवस और भी बढ़ती जा रही थी।
जब हम दोनों घर पर अकेले होते है, तो वो मेरे सामने नंगी ही घूमती है। हम साथ में नंगे ही सोते है। 2-3 बार चोदने के बाद ही वो मुझे सोने देती है। तो अब मैं कहानी पर आ जाता हूं।
दीदी कि हवस बहुत बढ़ी थी, इसलिये वो बार-बार मुझसे कहती है: भाई यार कुछ जुगाड़ कर दे। बड़े दिन से जी भर कर चुदवाया नहीं है।
मैं भी हां बोलता हूं, पर कोई चांस नहीं मिल रहा था। 31 दिसंबर 3 दिनों पर आया था। तब ऑफिस के दोस्तों ने पार्टी का प्लॉन बनाया था। हमारा एक कलीग है राकेश, उसके अंकल का कोकण में एक गेस्ट हाऊस था, तो वहा पर 2 दिन की पार्टी का प्लॉन कर दिया था। 29 तारीख को शाम को हम सब कोकण जाने वाले थे। उसी दिन दोपहर को लंच करते वक्त एक दोस्त ने कहा कि, “यार काश दो दिन के लिये हमारे साथ कोई लड़की होती, तो सेलिब्रेशन कम्प्लीट हो जाता, दुगना आनंद मिलता।”
सब दोस्तों ने उसकी हां में हा मिला दी। तब राकेश ने मुझे कहा कि, “बबलू तेरी पहचान मैं है क्या कोई अच्छी कॉलगर्ल?”
मेरे मन में झट से दीपाली दीदी का नाम आ गया, और इनमें से कोई भी दीपाली दीदी को पहचानता नहीं था, तो टेंशन वाली बात नहीं थी। पर सोचा पहले दीदी से पूछ लेता हूं। मैंने कहा कि, “एक कॉल गर्ल है, पर उससे मैं पहले पूछ लेता हूं कि वो फ्री है कि नहीं।”
राकेश बोला, “ठीक है पर जल्दी कर।”
मैंने फोन उठाया, और साईड मैं जाकर दीदी को फोन लगाया।
दीदी: हा बोल बबलू भाई?
मैं: दीदी मुझे लगता है तुम्हारा जी भर के चुदवाने का समय आ गया है।
दीदी: वो कैसे?
और फिर मैंने दीदी कि सब बातें बता दी। पर दीदी ने कहा: अगर किसी को पता चला के हम दोनो भाई बहन है तो प्रॉब्लेम हो जायेगी।
मैं: अरे तुम उसका टेंशन मत लो। उनमें से कोई भी तुमको नहीं पहचानता।
दीदी: तो फिर ठीक है, कब निकलना है?
मैं: आज रात को। तुम अपनी पैकिंग करके रखना, और चूत के बाल भी साफ कर देना।
दीदी: हां मैं तैयार होकर बैठती हूं। तुम मुझे कॉल कर देना।
मैंने ओके बोल कर फोन रख दिया, और दोस्तों को बता दिया। मैंने दोस्तो को ये भी बताया कि हम 5 जन थे, तो 1 दिन का वो 10 हजार लेगी। सब ने ओके बोल दिया। तभी यश ने कहा, “यार बबलू पहले उसकी फोटोज तो मंगवा ले, फिर डिसाईड करेंगे।” फिर मैंने दीदी को बताया कि अच्छे से सेक्सी वाले 4-5 पिक भेज दो। दीदी ने तुरंत फ़ोटोज भेज दिये। सबको वो फ़ोटोज दिखाये तो सब खुश हो गये, और दीपाली दीदी को डन कर दिया।
राकेश तो दीदी को चोदने को बहुत ही उतावला हो रहा था। दीदी को 8 बजे तैयार होकर हमारे ऑफिस के पास वाले कैफे मैं इंतजार करने को कहा। हम सब टाइम पर ऑफिस से निकल पड़े। सब ने अपने-अपने बैग सुबह ही भर के ऑफिस मैं लाकर रखे थे। सुहास ने अपनी स्कोर्पियो गाड़ी ली थी। दीपाली दीदी को हमने पिक किया, और हम सब कोकण की ओर निकल पड़े।
सुहास गाड़ी चला रहा था, मैं उसके बाजू में बैठा था, सागर, यश, राकेश, और दीपाली दीदी बीच वाली सीट पर बैठे थे। गाड़ी पुणे से बाहर निकलते ही हम सब ने बियर निकाली और पीने लगे।
राकेश ने दीदी को भी बियर ऑफर की, और दीदी ने भी एक्सेप्ट की। सुहास छोड़ कर हम सब बियर पी रहे थे। राकेश तो गाड़ी में ही दीदी के साथ चालू हो गया था। उसने अपना हाथ दीदी की ड्रेस के अंदर डाला था, और जोर-जोर से बूब्स दबा रहा था। दीदी भी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी। इधर यश और सागर भी मजे ले रहे थे। ऐसे ही मजा करते-करते आगे जा रहे थे।
11 बजे हम सब ने होटल में खाना खाया और वापस निकल पड़े। तब राकेश बोला कि, “यार मुझसे अब रहा नहीं जाता। मैं और दीपाली हम दोनों पीछे वाली सीट पर जाते है। मैं चलती गाड़ी मैं इसकी चूत मारुंगा।” हम सब ने हंस कर कहा, “ठीक है, जी ले अपनी जिंदगी।”
दोनो पीछे जाकर बैठ गये, और चालू हो गये। राकेश ने 5 मिनट में दीदी को पूरा नंगा कर दिया, और खुद भी नंगा हो गया। दीदी ने अब राकेश का लंड अपने मुंह में लिया था, और लॉलीपॉप कि तरह चूस रही थी। दीदी को तो लंड चूसने का बहुत अनुभव था, इसलिये वो मस्त लंड चूस रही थी। राकेश आहें भर रहा था। उसको बहुत मजा आ रहा था। वो आंखे बंद करके मजे ले रहा था।
8-10 मिनट लंड चूसने के बाद राकेश ने उसे गोद में ले लिया, और 7 इंच बड़ा और मोटा लंड दीदी कि चूत में घुसा दिया। दीदी के मुह से आह आह ऐसी आवाजें आने लगी। राकेश जोर-जोर से नीचे से धक्के मार रहा था। अब दीदी भी मजे लेकर राकेश के लंड पे कूद रही थी। 15-20 मिनट चोदने के बाद राकेश ने पानी चूत में ही छोड़ दिया।
राकेश ने कपड़े पहने, और चलती गाड़ी में वो आगे आ गया और यश पीछे चला गया। उसने जाते ही दीदी को थोड़ा झुकाया, और पीछे से लंड उसकी चूत में घुसा दिया। राकेश के वीर्य के वजह से दीदी की चूत गिली हो चुकी थी, इसलिये यश का लंड आसानी से अंदर घुस गया। अब यश दीदी के बाल पकड़ कर पीछे से जोर-जोर से धक्के दे रहा था, और दीदी जोर-जोर से चिल्ला रही थी। यश का लंड ज्यादा लंबा नहीं था, पर मोटा बहुत था। 10-15 मिनट बाद यश ने सारा पानी दीदी के मुह में छोड़ दिया। दीदी वो सब पी गई।
यश बोला: अब कौन इस रंडी को चोदना चाहता है?
मैंने और सुहास ने कहा कि, “हम दोनों तो आराम से गेस्ट हाऊस जाकर चोदेंगे।”
सागर बोला: मैं सिर्फ इससे लंड चुसवाऊंगा।
ये कह कर वो पीछे चला गया, और दीदी के मुह में लंड घुसा दिया, और दीदी के मुंह को वो चोदने लगा। सागर 5 मिनट में ही झड़ गया और आगे आकर बैठ गया। दीदी ने कपड़े पहने और वो पीछे ही बैठ गयी। वो थक गयी थी तो वो सो गयी।
सुबह के 5:30 बजे हम गेस्ट हाऊस पहुंच गये। गेस्ट हाऊस बहुत बड़ा और सुंदर था। चारों तरफ हरियाली, पीछे मस्त स्विमिंग पूल था। राकेश ने सब को कमरे दिखा दिये। 10 बजे सब एक साथ घूमने जायेंगे ये तय हुआ और आराम करने सब अपने-अपने रूम में चले गये। सब के जाने के बाद में दीदी के रूम में गया और पूछा कि मजा आया के नहीं?
तब दीदी ने कहा: बहुत मजा आया। मैं पहली बार चलती गाड़ी में चुदी हूं, वो भी 3-3 मर्दों से।
मैं: ये तो कुछ भी नहीं, 2 दिन में हम सब मिलकर तुम्हारी चूत फाड़ देंगे।
दीदी: मैं तो राह देख रही हूं कि तुम सब कब मेरी चूत में समा जाते हो।
ये सुन कर दोनो हंस पड़े.
ये बहन की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी ये [email protected] पर बताना। दो दिन हमने दीदी को कैसे चोदा, ये कहानी लेकर जल्द ही मिलेंगे।