मेरी बहन प्रिया दी की चुदाई-6 (Meri behan Priya di ki chudai-6)

पिछला भाग पढ़े:- मेरी बहन प्रिया दी की चुदाई-5

मैं: दी आपसे मिलने आ रहा है वो, ठीक रहेगा ना?

प्रिया दी: हां भाई सब ठीक है, तू फालतू में टेंशन लेता है। अच्छा चल मार्केट घूम कर आते है।

मैं: हां दी चलो ना‌।

हम दोनों मार्केट जाते है, घूमते-फिरते है। 7 बजे शाम को वापस घर आते है।

प्रिया दी: यॉर भाई, 7 बज गए, पता नहीं कब तक आएगा असलम।

मैं: अब आने ही वाला होगा दी, टाइम तो हो रहा है।

प्रिया दी: भाई तब तक मैं फ्रेश हो जाती हूं।

मैं: हां दी, मैं भी‌ फ्रेश‌ हो कर आता हूं‌।

मैं चला गया फ्रेस होने। मैं वापस हॉल में आकर बैठा। तभी कुछ देर बाद दी भी आती है। प्रिया दी वन पीस पहनी होती है।‌वो बहुत हॉट लगती है। बड़े-बड़े बूब्स मस्त क्लीवेज के साथ बाहर झांक रहे थे। पीछे उठी हुई गांड क्या मॉल दिख रही थी दी।

मैं: वॉव दी बहुत हॉट लग रही हो!

प्रिया दी: थैंक्स भाई।

हम दोनों बैठ कर कॉलेज की बातें करते रहते है। तभी दी के फ़ोन पर असलम का कॉल आता है।

प्रिया दी: हां असलम बोलो।

असलम: डार्लिंग 5 मिनट में तुम्हारे घर पहुंचने वाला हूं। तुम घर पर ही हो ना?

प्रिया दी: हां, घर पर ही हूं। तुम आओ।

असलम फोन रख देता है।

मैं: क्या हुआ दी?

प्रिया दी: कुछ नहीं भाई, असलम का फोन था। बोल रहा है 5 मिनट में घर पहुंच जाऊंगा।

फिर हम लोग ऐसे ही बात करते है। तभी कुछ देर बाद हमारे घर के सामने 3 गाड़ियां रूकती है। उसमे से लगभग 12-13 लोग उतरते है। गेट का बेल बजता है। मैं गेट खोलता हूं। असलम सामने था। मैं उसे अंदर आने को बोलता हूं‌। वो सब अंदर आते है। उनके साथ एक औरत होती है 40 के ऊपर की थी, और 2 लड़कियां भी थी।

वो सब हॉल में आते है। मैं गेट बंद करके अंदर आता हूं‌। प्रिया दी भी वही हाल में होती है। असलम और बाकी सब दी को देखते ही रह जाते है।

असलम: वाह! जैसा सुना था उससे भी मस्त मॉल है ये।

बाकी सब तारीफ करने लगते है: हां भाईजान, बहुत दमदार मॉल है।

प्रिया दी‌ मुस्कुरा देती है। फिर असलम दी पास आता है, और मेरी बहन की गांड पर पर हाथ फेरता है।

वो बोलता है: देखो सविता, क्या मॉल है ना?

सविता थी जो उन लोगों के साथ आयी थी, 40 + ऐज थी उसकी।

सविता: हां मालिक, ये मॉल तो है बिलकुल सोना है। बहुत पैसे कमाएगी बिस्तर पर।

फिर वो दी को पास लाता है। असलम और सब दी के साथ मज़े करते है। मैं साइड में खड़ा होकर ये सब देखता हूं।

कोई दी के बूब्स को मसल रहा था, कोई गांड।

सब तारीफ कर रहे थे: वाह भाईजान, ये आ‌ गयी कोठे पर तो कस्टमर की लाइन लग जाएगी।

असलम: क्यूं जावेद, देख रहा हैं ना मस्त मॉल?

जावेद: भाई इसमें पूछने वाली क्या बात है। ऐसी बहुत कम मिलती है, और ऐसी लड़कियों की डिमांड बाजार में बहुत है।

प्रिया दी: अच्छा अब बैठोगे भी ये ऐसे ही मुझे इस भीड़ में खड़ा करके सबसे मसलवाते रहोगे?

असलम: जरूर बैठेंगे मेरी जान।

सविता एक सोफे पर बैठती है, दूसरे पर असलम। प्रिया दी दूसरी साइड बैठने जाती है।

तभी असलम बोला: प्रिया तुम मेरी गोद में बैठो यॉर। वहां क्यूं बैठ रही हो?

प्रिया दी मुस्कुरा कर असलम की‌ गोद में बैठ जाती है।

फिर सविता बोलती है: प्रिया क्या प्रॉब्लम है तुम्हे हमारे यहां आने में?

प्रिया दी: आंटी जी मैं कोई कोठे वाली नहीं हूं‌। वो तो मैं शौंक‌ से करती हूं अपने बॉयफ्रेंड या फ्रेंड लोगों के साथ, या जो कोई पसंद आ गया तो।

असलम: प्रिया तुम यहीं काम हमारे यहां तो कर सकती हो। वहां पैसे भी मिलेंगे।

प्रिया दी: असलम मेरे पास पैसों की कमी नहीं है। मेरे पास सब कुछ है।

असलम: ठीक है, तुम मत पैसे लेना। तुम बस एन्जॉय करना। बाकि पैसा हम लोग रख लेंगे।

सविता: प्रिया बेटी तुम अपनी जवानी ऐसे ही बर्बाद मत करो। ज़ब अपनी जवानी लुटवा ही रही हो, तो सही जगह चलो। वहां तुम्हें सब कुछ मिलेगा। रूम, खाना-पीना, बस एन्जॉय तुम करो जो यहां कर रही हो। वहीं काम हमारे यहां कर सकती हो।

ये सब बात होती ही रहती है। तभी उनमें से एक लड़की जो उन लोगों के साथ दो लड़कियां आयी होती है, उसमें से एक मेरे पास आकर बोलती है-

लड़की: तुम इसके भाई हो?

मैं: हां, और आप कौन हो!

लकड़ी: मैं स्वेता हूं। असलम जी के कोठे पर धंधा करती हूं।

मैं: अच्छा स्वेता कोई काम था?

पूजा: तुम अपनी बहन को बेचना चाहते हो?

मैं: अभी इसके बारे में सोचा नहीं हूं‌। क्या बताऊं यॉर।

स्वेता: अगर तुम अपनी बहन को बेचना चाहते हो, तो तुम इन लोगों के पास (असलम) के पास मत बेचना।

मैं: ऐसा क्यूं?

स्वेता: ये लोग सस्ते में तुम्हारी बहन को खरीद लेंगे। तुम्हारी बहन बहुत मस्त मॉल है। मुंह मांगी कीमत मिलेगी इसकी।

मैं: तो मैं किसको बेचूंगा?

स्वेता: तुम अपनी बहन की नीलामी करना, अच्छा रेट लगेगा।

मैं: मैं किसके पास ले जाकर नीलामी कराऊंगा?

स्वेता: मैं तुम्हे कई कोठे वालों का नम्बर दे रही हूं। तुम्हे बेचना होगा अपनी बहन को तो उन लोगों को बुला कर अपनी बहन दिखा कर नीलामी करा देना।

मैं स्वेता से 10 कोठे मालिक लोगों नम्बर लेता हूं।

मैं: थैंक्स स्वेता।

स्वेता: बहुत प्यारे भाई हो तुम। बहुत किस्मत वाली है तुम्हारी बहन, जो तुम्हारे जैसा भाई मिला।

तभी दी मुझे बुलाती है।

मैं: हां दी‌।

प्रिया दी: इन लोगों के लिए कुछ खाने-पीने के लिए लाओ।

असलम: अरें नहीं, तुम हो ना खाने की मॉल तो बाहर का क्या खाना?

बहुत देर तक बात-चीत होती है। वो सब मिल‌ कर दी को अपने कोठे पर बुलाना चाहते है। काफ़ी बात-चीत के बाद प्रिया दी बोली-

प्रिया दी: ठीक है, मुझे कुछ दिन का टाइम दो,‌ मैं सोच कर बताती हूं‌ आप लोगों को।

वो सब थोड़ा ख़ुश हुए: ठीक है।

सविता: प्रिया तुम अच्छे से सोच लो। लेकिन तुम्हें हमारे यहां जरूर आना चाहिए एक बार।

प्रिया दी: ठीक है आंटी जी, जल्दी ही बताउंगी।

सविता: तो ठीक है, अब हम लोग चलते है। 11 बज गए है, तुम लोग भी खाना खाओ और सो जाओ।

सविता: आ जाओ सब, जिसको मसलना है मसल ले अच्छे से।

सब 8-9 लोग थे। एक साथ दी को चारों तरफ से टूट पड़ते है। कोई चूमता है तो कोई बूब्स दबाता है। कोई नीचे से चूत गांड में ऊंगली करता है। प्रिया दी भी हसने लगती है‌ उन लोगों के बीच में। लगभग 10 मिनट दी को सब प्यार करते है।

सविता: छोड़ो सब उसको, चलो।

सब दी को छोड़ देते है। दी के गाल और बूब्स लाल हो गये थे, लेकिन दी खुश थी।

सविता: असलम ये प्रिया बेटी गैंग-बैंग वाली मॉल है।

असलम: सही बोली सविता, ये अकेले नहीं गैंग-बैंग में बहुत मज़ा देती है।

आमिर: सविता तुम तो मेरी मुंह की बात छीन ली। मैं भी यहीं बोलने वाला था।

असलम: हम लोग जा रहे है प्रिया। तुम जल्दी ही बताना, हम तुम्हे यहां से ले जायेंगे।

फिर वो सब चले गए।‌‌मैं गेट बंद किया।

प्रिया दी: चलो खाना खा लेते है।

मैं: हां दी, मुझे भी भूख लगी है।

हम दोनों खाना खाने लगते है।

मैं: दी क्या सोची हो। आप जाओगी इन लोगों के साथ रंडीखाने?

प्रिया दी‌( मुस्कुरा कर): अब क्या बताऊं भाई? मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। मैं क्या बोलूं उन लोगों को?

मैं:…………………..

अब आगे की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में।

क्या होगा मेरी बहन का? क्या जाएगी मेरी बहन असलम के कोठे पर, या होगी नीलामी? ये सब नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा। जिन भाई बहन को मेरी स्टोरी पसंद आयी, वो लोग जरूर कमैंटस करे और बताये। मुझे आप लोगों के कमैंटस का इंतज़ार रहता है।

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धन्यवाद।