चूत मांगे बाप का प्यार-5 (Chut Maange Baap Ka Pyaar-5)

पिछला भाग पढ़े:- चूत मांगे बाप का प्यार-4

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम प्रितंका गुप्ता है। मैं 23 साल की हूं, और पंजाब के लुधियाना शहर में रहती हूं। फिगर मेरा 34-29-36 है। आज मैं अपनी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके आई हूं। उम्मीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ कर अपना लंड हिलाया होगा। जिन लोगों ने अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, वो पहले उसको जरूर पढ़ लें।

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरे पापा मेरे साथ कुछ अजीब बर्ताव करने लगे थे, और मुझे हवस भरी नजरों से देखने लगे थे। मैं जब जॉब से आके कमरे में जा रही थी, तब पापा मेरी गांड घूर रहे थे। अब आगे-

थोड़ी देर में मैं लेगिंग्स और टीशर्ट पहन कर बाहर आ गई। पापा वहीं चेयर पर बैठे हुए थे। मैंने पापा से पूछा-

मैं: पापा भाई कहीं नज़र नहीं आ रहा?

पापा: बेटी वो भी तेरी मम्मी के साथ गया हुआ है। मुझे नहीं लगता वो दोनों आज आयेंगे।

मैं: ठीक है।

फिर मैंने डिनर परोसा, और डिनर खा कर हम दोनों टीवी देखने लगे। मैं बीच-बीच में पापा की तरफ देख रही थी। मैंने उनको कई बार मुझे घूरते हुए देखा। फिर सोने का टाइम हो गया, और हम दोनों अपने-अपने कमरे में चले गए। मैं सोचने लगी कि पापा को कुछ तो हुआ था, और यहीं सोचते हुए मेरी आंख लग गई।

मेरी आँखें खुली तब, जब रात में मुझे अपने शरीर पर कुछ महसूस हुआ। मुझे लगा कि मेरे पैर पर कुछ था, वो मेरी आँखें खुल गई। मैंने धीरे से देखा, और हैरान हो गई। मेरे पापा मेरे पैरों के पास बैठे थे, और मेरे पैरों पर अपनी जीभ फेर रहे थे। ये देख कर मेरी सांसे तेज़ हो गई। वैसे तो मैं खुद अपने पापा से चुदना चाहती थी, लेकिन मुझे डर भी लग रहा था। फिर मैंने अपनी आँखें फिर से बंद कर ली, और सोने का नाटक करने लगी।

मेरे पापा मेरे पैरों को कुछ देर चाटने के बाद ऊपर आए, और मेरी जांघों को मेरी लेगिंग्स के ऊपर से चूमने लगे। मेरी चूत में खलबली मचने लगी, और चूत पानी छोड़ने लगी। फिर पापा लेगिंग्स के ऊपर से मेरी चूत वाली जगह पर किस्स करने लगे। मैं पूरी कोशिश कर रही थी कि उनको मेरे जागे हुए होने का पता ना चले।

उसके बाद पापा ने मेरी टीशर्ट उठाई, और मेरी नाभी पर किस्स करके जीभ फेरने लगे। अब शायद उनसे कंट्रोल नहीं हुआ, तो वो मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठ चूसने लगे। अब तो मुझे जागना ही था, तो मैंने अपनी आँखें खोल ली, और अपने होंठ उनके होंठों से अलग करते हुए बोली-।।।‌ मैं: पापा आप ये क्या कर रहे हो? मैं आपकी बेटी हूं।

पापा: मैं जानता हूं कि तुम मेरी बेटी हो। और मैं ये भी जानता हूं कि तुम जवान हो गई हो, और तुम्हारी इस जवान चूत को एक मर्द के लंड की जरूरत है।

मैं: पापा ये आप क्या बोल रहे हो? आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते।

पापा: बेटी अब नाटक करने की जरूरत नहीं है। इतने दिन तक तूने मेरे कमरे के बाहर खड़ी रह कर हमारी चुदाई देखी। मैं जानता हूं तूने ऐसा क्यों किया। अभी भी जैसे ही मैंने तेरे पैरों पर अपनी जीभ फेरी, तो तू जाग गई थी। लेकिन तूने दिखाया नहीं कि तू जाग रही थी। तू जवान हो गई है। इस उमर में हर किसी को सेक्स की जरूरत होती है। तू किसी बाहर वाले के पास जाए, इससे अच्छा यहीं है कि मैं तेरी जरूरत यहीं पूरी कर दूं।

मैं अब पकड़ी जा चुकी थी, क्योंकि पता नहीं कैसे, लेकिन पापा सब जानते थे। तो मैंने कहा-

मैं: तो कीजिए ना पापा, बातों में टाइम क्यों गवा रहे है?

ये सुनते ही पापा मुस्कुराए, और मेरे होंठों से दोबारा होंठ जोड़ दिए। अब हम दोनों पागलों की तरह किस्स करने लगे। मेरे सपनों का मर्द आखिर आज मेरी बाहों में था। पापा मेरे होंठों को खींच-खींच कर पी रहे थे। फिर वो अपना एक हाथ मेरी चूत पर ले गए, और होंठ चूसते हुए मेरी चूत मसलने लगे। मैं तो पागल हो रही थी।

फिर पापा ने किस तोड़ी, और मेरे गर्दन चूमने लगे। उन्होंने अपना हाथ मेरी टीशर्ट के अंदर डाल दिया, और ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियां दबाने लग गए। मैं आह आह कर रही थी। फिर पापा ने मेरी टीशर्ट को गले से पकड़ा, और उसको फाड़ दिया। फिर ब्रा को मेरे चूचों से नीचे किया, और जानवर की तरह मेरे चूचे मसल कर पीने लगे।

वो चूचे चूस रहे थे, और नीचे मेरी चूत ने पानी छोड़ कर पैंटी गीली कर दी। मेरे चूचे लाल करने के बाद वो नीचे गए, और मेरी लेगिंग्स नीचे करके निकाल दी। अब मैं अपने बाप के सामने भीगी पैंटी में लेटी थी। पापा ने भीगी पैंटी को देख कर जब मेरी तरफ देखा, तो मैंने शर्म से आँखें दूसरी तरफ कर ली।

फिर पापा ने मेरी पैंटी उतारी, और उसको मुंह में डाल कर चूसने लगे। मैं अपने हाथों से अपनी चूत छुपा रही थी। मेरी चूत पर ज्यादा बाल नहीं थे। फिर पापा ने मेरे हाथों को चूत से हटाया, और उस पर अपना मुंह लगा कर चाटने लगे। मुझे तो जैसे स्वर्ग का एहसास होने लगा। मैं पापा के मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी। वो अपनी जीभ से मेरी चूत चोदने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था।

कुछ देर में उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए। जिस लंड का सपना मैं इतने दिन से देख रही थी, आज वो मेरे सामने था, और मेरी चूत में जाने के लिए तैयार था। पापा ने अपने हाथ पर थूका,‌‌ और थूक को अपने लंड पर मल लिया। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया। मुझे लगा था पहले वो लंड चुसवाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

तभी पापा ने मेरी चूत पर लंड से दबाव बनाया। मुझे दर्द होने लगा, और लंड अंदर जाने लगा। मेरा दर्द बढ़ने लगा, तो मैं पापा की छाती पर अपने नाखून चुभाने लगी। लेकिन पापा रुके नहीं, और दबाव बढ़ाते गए। धीरे-धीरे लंड मेरी चूत चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया। मैं चीखें मार रही थी, लेकिन पापा को कोई फरक नहीं था।

फिर पापा ने मेरे होंठ अपने होंठों से बंद किए, और जब तक मेरा दर्द कम नहीं हुआ, तब तक मेरे होंठ चूसते रहे, और चूचे दबाते रहे। जैसे ही मैंने थोड़ी राहत महसूस की, पापा ने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। पहले-पहले लंड के मेरे अंदर रगड़ खाने से मुझे दर्द हुआ, लेकिन जब चूत पूरी तरह चिकनी हो गई, तो मुझे मजा आने लगा। अब आप ने अपनी स्पीड बढ़ाई, और मेरे चूचे चूसते हुए मुझे चोदने लगे। मैं आह आह करते हुए कभी उनके चेहरे को अपने चूचों में दबाती, और कभी उनको गांड को चूत की तरफ धकेलती।

फिर पापा ने पूछा-

पापा: क्यों, मजा आ रहा है?

मैं: बहुत पापा, ऐसे ही करते रहिए।

पापा ने अपनी स्पीड और बढ़ाई, और, थप थप की आवाज कमरे में गूंजने लगी। मैं चोदो पापा चोदो पापा बोल रही थी। फिर पापा ने मुझे अपने ऊपर लिया। चूत में लंड लेते वक्त मैंने लंड पर चूत का खून लगा हुआ देखा। फिर मैं लंड के ऊपर बैठ कर उछलने लगी। पापा कभी मेरे चूचे दबाते, कभी उनको चूसते, कभी मेरे चूतड़ पकड़ कर मुझे उछालते। मैं तो जन्नत में थी, और फिर से झड़ गई।

फिर पापा ने मुझे नीचे उतार कर घोड़ी बनाया, और सामने से मेरे मुंह में लंड डाल दिया। मैंने उनका लंड चूसना शुरू किया, और कुछ ही सेकंड्स में मेरे मुंह में उनका बहुत सा माल निकला। मैं उनका सारा माल पी गई। फिर हम दोनों नंगे ही लेट गए।

उस रात पापा ने मेरी 3 बार चुदाई की। उन्होंने एक ही रात में मेरी चूत का भोंसड़ा बना दिया। उसके बाद जब भी उन्हें मौका मिलता है, तो वो मुझे खूब पेलते है। मैं भी अपने पापा की रंडी बन कर बहुत खुश हूं।

तो दोस्तों ये कहानी यहां खत्म होती है। जल्दी ही अगली कहानी लेकर आऊंगी। इसकी फीडबैक आप [email protected] पर दीजिएगा।

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