मां चुदी नाना जी से (Maa Chudi Nana Ji Se)

दोस्तों मेरा नाम अंजली है, और मैं आपके सामने बाप-बेटी की चुदाई कहानी लेके आई हूं। मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज फर्स्ट ईयर में पढ़ती हूं। मेरे परिवार में मैं, मेरा छोटा भाई, मम्मी, और पापा है। हम लोग दिल्ली में रहते है, लेकिन उत्तर प्रदेश से है। वहीं गांव में हमारा घर है। पापा की नौकरी की वजह से हम पिछले 2 सालों से दिल्ली में रह रहे है।

मेरी मम्मी का माइका भी उत्तर प्रदेश में है। उनके घर में सिर्फ उनके मम्मी पापा है। उनका एक बड़ा भी था, लेकिन उसकी गलत हरकतों की वजह से नाना जी ने उनको अपने घर से निकाल दिया था। अब मैं आपको अपनी मम्मी के बारे में बता देती हूं।

मेरी मम्मी का नाम सुषमा हैं, और वो 42 साल की एक खूबसूरत औरत है। उनका शरीर कसा हुआ है, और वो 35-36 की लगती है। उनका फिगर 36-32-38 का है, जिसको देख कर बुड्ढे से लेके जवान मर्दों का दिल उन पर आ जाता है। मोहल्ले का कोई ऐसा मर्द नहीं है, जो मम्मी से फ्लर्ट ना करता हो।

मम्मी ज्यादातर साड़ी पहनती है, जिसमे वो बहुत सेक्सी लगती है। लेकिन कभी-कभी वो लेगिंग्स और कुर्ती भी पहनती है। जब भी वो लेगिंग्स और कुर्ती पहनती है, तो उनका सेक्सी जिस्म और ज्यादा सेक्सी दिखने लगता है। उनके बूब्स और गांड का उभार देख कर हर मर्द के मुंह में पानी आ जाता है। चलिए अब मैं मुख्य कहानी पर आती हूं।

2 महीने पहले मम्मी को नाना जी का फोन आया। उन्होंने कहा कि नानी जी की तबियत बहुत खराब थी, और वो मम्मी को याद कर रही थी। तो नाना जी ने हम सब को गांव आने को कहा। पापा काम की वजह से, और छोटा भाई अपनी परीक्षा की वजह से नहीं जा सकते थे। तो मैं और मम्मी गांव चले गए।

वहां जा कर देखा तो नानी बिस्तर पकड़े हुए थी। डॉक्टर ने उनको आराम करने के लिए कहा था। नानी हम दोनों से मिल कर बहुत खुश हुई। हमने बहुत सारी बातें की उनसे, और फिर आराम करने चले गए। दोपहर का वक्त था, और हम शाम को उठे। फिर मम्मी ने रसोई में जा कर सब के लिए खाना बनाया। खाना खाने के बाद हम कुछ देर नानी के पास बैठे। अब उनकी हालत में सुधार लग रहा था।

फिर रात हो गई, और मैं और मम्मी सोने चले गए। हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेटे हुए थे। हम दोनों के बीच थोड़ी बातें हुई, और फिर हम दोनों सो गए। कुछ देर बाद थोड़ी आवाज हुई, और मेरी नींद खुल गई। मैंने थोड़ी आँखें खोली, तो देखा मम्मी कहीं जा रही थी। मैंने आवाज दे कर पूछा, लेकिन तब तक मम्मी बाहर जा चुकी थी।

दोस्तों मेरी मम्मी को कभी-कभी नींद में चलने की आदत है। हर 5-6 दिन में वो एक बार नींद में जरूर चलती है। मुझे लगा वो नींद में फिर से चल रही थी, तो मैं उठी, और उनको वापस लाने के लिए उनके पीछे गई। बाहर जाके देखा, तो मम्मी सीधी चले जा रही थी। फिर मैंने देखा कि मम्मी ने नाना जी के कमरे का दरवाजा खटखटाया। तभी दरवाजा खुला, और मम्मी अंदर चली गई।

मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मम्मी इतनी रात गए नाना जी के कमरे में क्या करने गई थी। नानी के बीमार होने की वजह से वो अलग कमरे में सोती थी। फिर मैं भी उनके कमरे के बाहर गई, और खिड़की से अंदर देखने लगी। वो दोनों कुछ बात कर रहे थे। नाना जी ने कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था, और मम्मी ने लंबी नाइटी पहन रखी थी। तभी मैंने कुछ ऐसा देखा, जिसको देख कर मेरे पैरों तले से जमीन खिसकने लगी।

मैंने देखा कि मम्मी जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई, और बेड पर बैठे नाना जी का पजामा खोल कर लंड बाहर निकाल लिया। फिर मम्मी ने उनके लंड को मुंह में डाल लिया, और उसको चूसने लग गई। ये देख कर मैं बहुत हैरान थी। मैं सोच रही थी, कि एक बेटी अपने बाप के साथ ऐसा कैसे कर सकती थी?

फिर नाना जी अपना हाथ मम्मी के सर पर रख, और जोर से नीचे की तरफ दबा दिया। इससे उनका लंड मम्मी के गले तक चला गया, और मम्मी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मम्मी के मुंह से बहुत सारी थूक बाहर निकल रही थी, जिससे नाना जी का लंड एक-दम चिकना हो गया था।

कुछ देर लंड चूसने के बाद मम्मी ने लंड मुंह से बाहर निकाला। मैंने देखा नाना जी का लंड 8 इंच का हो चुका था, और मम्मी की थूक से चिकना होके चमक रहा था। इतना बड़ा लंड देख कर तो मेरे मुंह में भी पानी आने लगा। वैसे मैं कभी चुदी नहीं हूं, लेकिन मुझे पॉर्न देखने का बहुत शौंक है। उन विडियोज में मैंने ऐसा बड़ा लंड देखा हुआ है।

फिर मम्मी ने अपनी नाइटी उतार दी। नीचे मम्मी ने कुछ भी नहीं पहना था, तो वो अब नाना जी के सामने पूरी नंगी थी। नाना जी ने भी अपने बचे हुए कपड़े उतार दिए, और पूरे नंगे हो गए। नाना जी ने मम्मी को बिस्तर पर सीधा लिटाया, और उनकी चूत चाटने लगे। वो किसी कुत्ते की तरह मम्मी की चूत चाट रहे थे, और मम्मी आह आह कर रही थी। वो नाना जी के सिर को अपनी चूत में दबा कर मजा ले रही थी।

कुछ देर तक चूत चाटने के बाद नाना जी खुद भी बिस्तर पर सीधे हो कर लेट गए। अब मम्मी नाना जी के ऊपर आई, और उनके लंड को अपनी चूत पर सेट करने लगी। लंड सेट होते ही मम्मी आह आह करते हुए लंड पर बैठ गई। नाना जी का पूरा लंड मम्मी की चूत में समा गया, और मम्मी के चेहरे पर परम संतुष्टि के भाव दिखने लगे। अब मैं समझ चुकी थी कि मम्मी नाना जी से क्यों चुदने आई थी।

दरअसल मेरे पापा का लंड सिर्फ 5 इंच का है, और इतने लंड से मम्मी कभी संतुष्ट नहीं होती थी। ये सब मुझे इसलिए पता है, क्योंकि मैं मम्मी पापा की चुदाई अक्सर उनके कमरे के बाहर खड़ी रह कर देखा करती हूं।

अब मम्मी नाना जी के लंड पर उछल रही थी। नाना जी कभी मम्मी के चूतड़ दबा रहे थे, और कभी उनके उछलते बूब्स को मसल रहे थे। मम्मी बस आह आह करके उनके लंड का मजा ले रही थी। कुछ देर बाद नाना जी ने मम्मी को घोड़ी बना लिया, और पीछे से उनकी चूत पेलने लगे। वो इतनी तेज चोद रहे थे, की मम्मी की चूत से बहुत पानी निकल रहा था। साथ में नाना जी मम्मी के चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहे थे।

पूरे एक घंटे की चुदाई के बाद नाना जी ने अपना लंड मम्मी की चूत से निकला, और अपने माल की पिचकारी उनके मुंह पर डाल दी। मम्मी उनका सारा माल उंगली पर लेके मुंह में डालने लगी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो वापस आने लगी, तो मैं भाग कर कमरे में वापस चली गई।

दोस्तों हम 7 दिन वहां पर रहे, और हर रात मैंने मम्मी की चुदाई देखी। आपको मेरी ये बाप-बेटी चुदाई कहानी कैसी लगी जरूर बताना।