नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम प्रितंका गुप्ता है। मैं 23 साल की हूं, और पंजाब के लुधियाना शहर में रहती हूं। फिगर मेरा 34-29-36 है। आज मैं अपनी नई सेक्स कहानी लेके आई हूं। उम्मीद है आप सब ने मेरी पहले की कहानियां पढ़ी होंगी, और खूब लंड हिलाया होगा। अब सीधे कहानी पर आती हूं।
दोस्तों मैं अपने मां-बाप की इक-लौती बेटी हूं। मेरी मम्मी सरकारी नौकरी पर है, और पापा का बिजनेस है। मम्मी सुबह जा कर शाम को घर आती है, और पापा सुबह जा कर रात को। पापा रात को अक्सर घर काफी देर से आते है। क्योंकि उनको शराब पीने की भी आदत है, तो हफ्ते में 3 दिन वो शराब पी कर ही आते है। ये बात कुछ महीने पहले की है, जब मेरे पापा ने मुझे शराब के नशे में चोदा था।
हुआ कुछ ऐसा था कि मम्मी को उस रात किसी पार्टी पर जाना था, और क्योंकि पार्टी शहर से थोड़ी दूर थी, तो वो सुबह ही वापस आने वाली थी। मम्मी ने फोन करके ये बात पापा को बतानी चाही, लेकिन पापा का फोन कवरेज क्षेत्र के बाहर आ रहा था। इसलिए मम्मी ने मुझे ये बात बताई, और वो पार्टी पर चली गई।
उनके जाने के बाद मैं घर पर अकेली थी। अब पापा तो देर से ही आने वाले थे, तो मैंने थोड़ी मस्ती करने की सोची। दोस्तों हमारे घर में एक ही लैपटॉप है, और वो है मम्मी का लैपटॉप। मुझे जब भी लैपटॉप पर कोई काम करना होता है, तो मैं मम्मी-पापा के कमरे में जाके कर लेती हूं, क्योंकि लैपटॉप वहीं पड़ा होता है। मैंने सोचा क्यों ना आज लैपटॉप पर थोड़ी सेक्सी वीडियोस देख कर चूत को सहलाया जाए।
ये सोच कर मैं मम्मी-पापा के कमरे में चली गई, और बेड पर बैठ कर लैपटॉप चला लिया। मैंने लैपटॉप पर देसी सेक्स वाली एक वीडियो चलाई, और सीधी लेट कर, अपने सिर को तकिए से थोड़ा ऊपर कर लिया। फिर मैंने लैपटॉप को अपने पेट पर रख लिया, और चादर ऊपर लेके वीडियो देखने लगी। चादर के अंदर होने की वजह से पूरा सिनेमा वाला मज़ा आ रहा था, और कमरे की लाइट मैंने पहले ही बंद कर दी थी।
कुछ ही मिनट की वीडियो देख कर मैं गरम होनी शुरू हो गई, और अपनी चूत सहलाने लगी। मैंने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी हुई थी, और मैं शॉर्ट्स के ऊपर से अपनी चूत सहला रही था। धीरे-धीरे मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी, और मैंने शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाल लिया। अब मैं जोर-जोर से चूत को मसलने लगी, और उसके अंदर उंगली डालने लगी। मैं पूरी मदहोश थी, और मुझे आस-पास क्या हो रहा था कुछ खबर नहीं थी।
दोस्तों हमारे घर में हर एक के पास घर की अलग चाबी रहती है, ताकि जब भी जो भी घर आए, उसको दरवाजा खुलने का इंतेज़ार ना करना पड़े, और वो सीधा ही अंदर आ जाए। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब मैं अपनी चूत में उंगली करने में मदहोश थी, तब पापा घर आ चुके थे। मुझे तब पता चला जब कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आई।
आवाज सुनते ही मैंने जल्दी से लैपटॉप को वैसे ही बंद किया, और चादर में ही छुपी रही। पापा हल्की आवाज में गाना गुनगुना रहे थे। गाना सुन कर मैं समझ गई थी, कि पापा पी कर आए थे। क्योंकि वो पीने के बाद ही ऐसे गुनगुनाते है। पापा को ये नहीं पता था कि मम्मी पार्टी पर गई थी, इसलिए मुझे कुछ परेशानी नहीं हुई, और मैं वैसे ही लेटी रही।
फिर पापा मेरे करीब आके लेट गए, और कुछ ही मिनट में मुझे उनके खर्राटों की आवाज आने लगी। मैं एक तरफ मुंह करके लेटी हुई थी, और पापा मेरे पीछे बिल्कुल मेरे नजदीक थे। फिर मैंने हल्के से चादर अपने चेहरे से हटाई, और पापा की तरफ देखा। वो सो चुके थे। फिर मैंने वहां से उठने का सोचा। जैसे ही मैं थोड़ा सा हिली। मेरी गांड पर पीछे से कुछ टच हुआ। वो पापा का लंड था।
पापा का लंड मेरी गांड पर लगते ही मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया। उनका लंड बड़ा सख्त लग रहा था, और सेक्सी वीडियो देख कर मैं तो पहले से ही गरम हुई पड़ी थी। मेरे मन में उनके लंड को छू कर देखने की इच्छा होने लगी। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ पीछे किया, और उनके लंड पर रखा। वाह! क्या तगड़ा लंड था, और पूरा खड़ा हुआ था।
लंड पर हाथ रखते ही मेरे मन। में गंदे-गंदे खयाल आने लगे। मैं सोच रही था कि क्यों ना पापा के नशे में होने का फायदा उठाऊं, और इस लंड को अपनी चूत में लेके चूत की आग ठंडी कर लूं। मैंने ज्यादा देर नहीं सोचा, और जल्दी से अपनी शॉर्ट्स और पैंटी नीचे कर दी। फिर मैंने पापा के पजामे में हाथ डाला, और पजामा नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया।
अब मैं पापा के नंगे लंड पर पीछे हो कर अपनी गांड रगड़ने लगी। पापा को मजा आने लगा, और वो भी अपनी कमर हिलाने लगे। उनकी आँखें बंद ही थी। मेरी चूत अब गीली हो चुकी थी, तो मैंने अपनी टांगे थोड़ी खोली, और टांगों के बीच से हाथ ले जा कर लंड को चूत पे सेट कर लिया। फिर मैंने गांड को पीछे की तरफ किया, और लंड का टोपा चूत के अंदर चला गया।
मेरे मुंह से आह निकल गई, और नींद में पापा के मुंह से भी आह निकली। अब पापा ने नींद में ही, आँखें बंद रहते हुए, अपने हाथ मेरे चूतड़ों पर रखे, और कमर आगे-पीछे करने लगे। उनका लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर होने लगा, और मेरी चूत को चुदाई का मजा मिलने लगा। मैं भी अपना गांड आगे-पीछे करके पूरा लंड अंदर ले रही थी। मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी, जिससे छप-छप की आवाज आ रही थी।
फिर पापा ने सीमा-सीमा बोलना शुरू किया, और अपनी स्पीड तेज़ करने लगे। सीमा मेरी मां का नाम है, तो मैं समझ गई वो मुझे मम्मी समझ रहे थे। पापा ने मेरे बूब्स पाकर लिए, और धक्का-पेल चुदाई करने लगे। थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और मैं ठंडी हो गई। लेकिन पापा और 5 मिनट मुझे चोदते रहे।
फिर 5 मिनट बाद मुझे अपनी चूत में पापा का गरम लावा महसूस होने लगा। मुझे बहुत सुकून मिल रहा था। धीरे-धीरे पापा का लंड सिकुड़ गया, और मेरी चूत से बाहर निकल गया। फिर पापा दूसरी तरफ मुंह करके सो गए, और मैं वहां से आ गई।
मुझे इस चुदाई में बहुत मज़ा आया। अगर आपको भी सेक्स कहानी पढ़ कर मजा आया हो, तो मेरी कहानी Anjaan Ladkon Se Parking Mein Chudi को भी जरूर पढ़िए, और मुझे pritankagupta3@gmail.com पर फीडबैक दे।