चूत मांगे बाप का प्यार-3

पिछला भाग पढ़े:- चूत मांगे बाप का प्यार-2

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम प्रितंका गुप्ता है। मैं 23 साल की हूं, और पंजाब के लुधियाना शहर में रहती हूं। फिगर मेरा 34-29-36 है। आज मैं अपनी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके आई हूं। मेरी पिछली कहानी पर बहुत से लड़कों ने मुझे मैसेज किए, और मुझे कहा कि उनको मेरी कहानी बहुत पसंद आई, और मैं जल्दी से जल्दी नया पार्ट लिखूं। उन सब लड़कों को मैं प्यार देना चाहूंगी। जिन लड़कों ने अपने लंड की फोटो भेजी है, मैं उनकी भी शुक्र-गुजार हूं, क्योंकि उनके लंड देख कर मेरा चूत में उंगली करना आसान हो गया है। अब कहानी में आगे बढ़ते है-

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैं अपने पापा का लंड देखना चाहती थी, और उनके कमरे के बाहर काफी रातों तक खड़ा रहने के बाद मुझे वो मौका मिल गया था। मैं पापा और मम्मी का हॉट रोमांस देख रही थी, जिसमें पापा ने मम्मी को बड़े सलीके से चाटा और चूमा। फिर पापा अपने कपड़े उतारने लगे, और जब वो अपना अंडरवियर उतारने लगे, तो मेरी आंखों में चमक आ गई कि अब मैं अपने पापा का लंड देख पाऊंगी। लेकिन तभी मम्मी ने पापा को धक्का दे कर बेड पर लिटा दिया, और उनके ऊपर आ गई। अब आगे की कहानी-

जब मम्मी ने पापा को लंड बाहर निकालने से पहले ही लिया दिया, तो एक बार के लिए तो मैं बड़ी हताश हो गई, कि मम्मी ने ये क्या किया। लेकिन तब मैं ये नहीं जानती थी, कि आगे जो वो करने वाली थी, उसमें मुझे ज्यादा मजा आने वाला था।

मम्मी पापा ने ऊपर आई, और मम्मी की नंगी गांड बिल्कुल पापा के लंड वाली जगह के ऊपर थी। मम्मी की चूत का पानी पापा की अंडरवियर पर लग कर अपना निशान बना रहा था। फिर मम्मी पापा की तरफ झुकी, और उनकी छाती पर हाथ रखते हुए उनके होंठ चूसने लगी। पापा भी मम्मी का साथ देने लगे। मैंने देखा नीचे से मम्मी अपनी गांड पापा के लंड पर दबा रही थी।

किस करते हुए मम्मी अपने हाथों से पापा की मर्दानी छाती को नोच रही थी, और उसमें अपने नाखून दबा रही थी। कुछ देर किस्स करने के बाद मम्मी नीचे आई, और पापा की गर्दन चूमने लगी। मैं सोच रही थी कि कितना मजा आ रहा होगा मम्मी को पापा की खुशबू सूंघते हुए।

गर्दन के बाद मम्मी और नीचे आई, और उनकी छाती चूमने लगी, और निपल्स पर जीभ फेरने लगी। पापा आराम से अपनी आँखें बंद करके लेटे हुए थे, और उस खुले भोंसड़े वाली औरत की चटाई-चुसाई का मजा ले रहे थे। अब मम्मी, पापा के बदन को चूमते-चूमते उनकी नाभि तक पहुंच गई तक।

फिर मम्मी ने पापा के अंडरवियर को पकड़ा, और उसको नीचे करने लगी। मेरी आँखें पूरी खुल गई। जैसे-जैसे अंडरवियर नीचे होता गया, मेरी आँखें बड़ी होती गई आखिरकार मुझे पापा के लंड का गुलाबी टोपा नज़र आना शुरू हुआ, और फिर आगे-आगे पूरा लंड दिख गया। जैसे कि अंडरवियर हटा, पापा का लंड पूरा खड़ा हुआ उनकी नाभि को लगने लगा।

वाह क्या लंड था। उसको देखते ही मेरी जीभ और चूत दोनों पानी छोड़ने लगे। मुझे साइज तो नहीं पता, लेकिन इतना लंबा था कि किसी भी औरत की नाभि तक चीर दे जब चूत में डाला जाए तो। और मोटा इतना था कि एक बार इस लंड से चूत चुद जाए, तो उसके बाद एक बड़ा अंडा आराम से अंदर-बाहर हो सकता है। उनके लंड पर काले-काले झांट के बाल थे।

फिर मेरी मम्मी ने एक प्यासी कुतिया की तरह पापा के लंड को अपने हाथ में लिया, और उस पर एक किस्स की। उसके बाद वो लंड पर ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर जीभ फेरने लगी, जैसे आइसक्रीम चाट रही हो। चाट वो रही थी, और स्वाद इधर मेरी जीभ को आ रहा था।

फिर मम्मी ने मुंह खोला, और लंड मुंह में ले लिया। आह, क्या अदभुत नजारा था। काश मैं ये कर पाती। अब मेरी मां, पापा के लंड को किसी रंडी की तरह चूस रही थी। वो पूरा लंड मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जा नहीं रहा था। मम्मी के मुंह से थूक निकल कर पापा के लंड पर बह रहा था। पापा भी हल्की आवाज में आह आह करने लगे थे।

कुछ देर बाद पापा ने आँखें खोली, और मम्मी के सर पर अपना हाथ रखा। फिर पापा ने मम्मी के मुंह को वहीं पर रोका, और नीचे से अपनी कमर ऊपर-नीचे करके मम्मी का मुंह चोदने लगे। पापा जोर-जोर से मुंह चोद रहे थे। बीच-बीच में पापा लंड मम्मी के मुंह के अंदर घुसा कर रुक जाते, और जब वो सांस रुकने से तड़पने लगती, तो उनका मुंह छोड़ते। कुछ देर दोनों ऐसे ही मजा लेते रहे।

अब मम्मी ने लंड मुंह से निकाला, तो वो थूक से पूरा गीला और चिकना हो चुका था, चूत में जाने के लिए बिल्कुल तैयार। अब मम्मी सीधी होके बैठी पापा के ऊपर, और उनके लंड पर अपनी नंगी गांड रगड़ने लगी। पापा भी मम्मी के चूतड़ों को पकड़ कर उनको आगे-पीछे होने में मदद करने लगे।

फिर मम्मी ने गांड थोड़ी ऊपर उठाई, पापा के लंड को हाथ में लेके सीधा किया, और चूत के मुंह पर टिका कर धीरे-धीरे उस पर बैठने लगी। जैसे-जैसे लंड चूत में जा रहा था, मम्मी आह आह कर रही थी। इधर मेरी चूत में भी झटके लग रहे थे। कुछ ही सेकंड्स में लंड मम्मी की चूत में पूरा अंदर था, और मम्मी की आँखें बंद थी। उनके चेहरे पर दर्द और मज़े के मिले-जुले भाव थे।

फिर मम्मी ने अपने दोनों हाथ पापा की छाती पर रखे, और अपनी गांड ऊपर-नीचे करने लगी। अब लंड मम्मी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और मम्मी आह आह कर रही थी। हाय बड़ा मजा आ रहा था। पापा ने मम्मी के चूतड़ पकड़े, और चुदाई की स्पीड को तेज किया। मम्मी की आहें तेज होने लगी। फिर पापा ने मम्मी को कुछ इशारा किया, जिसके बाद मम्मी पापा की तरफ झुकी, और पापा मम्मी के बूब्स को चूसने लगे। क्या नज़ारा था दोस्तों। नीचे लंड चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और ऊपर से बूब्स चूसे जा रहे थे।

कुछ देर ऐसा ही चला। अब चूत और लंड के मिलन से पच-पच की आवाजें आ रही थी। फिर पापा ने मम्मी को नीचे किया, और टांगे मोड़ कर फुल स्पीड पर धक्के मारने लगे। मम्मी की चीखें निकलने लगी, और थप-थप की आवाजें आ रही थी। मम्मी को दर्द हो रहा था, लेकिन पापा किसी जंगली की तरह उनकी ठुकाई कर रहे थे। असली चुदाई तो अब चल रही थी, जिसे कहते है हार्डकोर चुदाई।

20 मिनट मम्मी को चोदने के बाद पापा ने लंड चूत से निकाला, और हिलाते हुए अपनी पिचकारी मम्मी के नंगे बदन पर बिखेर दी। उनके वीर्य की बूंदे मम्मी के पेट से लेके उनकी छाती तक पड़ गई। मैंने भी वहीं खड़े रह कर फिंगरिंग की, और पानी निकाल कर वहां से आ गई।

इसके आगे क्या हुआ वो आपको मेरी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी की फीडबैक मुझे [email protected] पर दें।

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