नाराज़ हुए बाप ने बेटी की चुदाई की-2 (Naraaz Hue Baap Ne Beti Ki Chudai Ki-2)

पिछला भाग पढ़े:- नाराज़ हुए बाप ने बेटी की चुदाई की-1

दोस्तों, मैं प्रितंका अपनी बाप बेटी की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आ गई हूं। उम्मीद है इस कहानी के पिछले पार्ट को पढ़ कर आपके लंड ने पानी जरूर निकाला होगा। पिछला पार्ट जिन्होंने अभी तक नहीं पढ़ा है, तो उसको ज़रूर पढ़े। आपको उसको पढ़ कर मजा आएगा।

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैंने अपने पापा को किसी औरत के साथ देखा, जो उनकी गर्लफ्रेंड थी। क्योंकि मैं भी अपने पापा को पसंद करती थी, इसलिए मुझे ये देख कर बहुत बुरा लगा। फिर जब पापा अपनी गर्लफ्रेंड के साथ होटल में गए, तो मैं भी उनके पीछे रंग में भंग डालने पहुंच गई। जब उनकी गर्लफ्रेंड को पता चला कि वो शादी-शुदा थे, तो वो उनको छोड़ कर चली गई।

इससे पापा को बहुत गुस्सा आया, और उन्होंने मुझे पकड़ लिया। वो जानते थे कि मैं उनको पसंद करती थी, और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती थी। फिर पापा ने मुझे चूसा, और नंगा कर दिया। अब मेरे बदन पर सिर्फ पैंटी थी। चलिए कहानी में आगे बढ़ते है-

पापा मेरी जांघों को चाटते हुए मेरी पैंटी तक आ चुके थे। मेरी पैंटी मेरी रसीली चूत के पानी से पूरी गीली हो चुकी थी। पहले पापा ने अपना मुंह पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर लगाया, और उसको चाटने लगे। वो पैंटी के गीले हिस्से को मुंह में खींच-खींच कर चूसने लगे। इससे मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ रही थी।

फिर पापा ने पैंटी के इलास्टिक में अपने दोनों हाथों की उंगलियों डाली, और उसको नीचे खींचने लगे। मैंने गांड थोड़ी ऊपर उठाई, ताकि वो आसानी से पैंटी को निकाल सके। मेरी पैंटी उतर गई, और अब मैं अपने पैदा करके वाले बाप के सामने पूरी नंगी लेती थी। मेरी चूत बिना बालों के बिल्कुल चिकनी था। चिकनी चूत को देख कर हर हरामी मर्द के मुंह में पानी आ जाता है। ऐसा है हाल मेरे ठरकी बाप का था।

उन्होंने नंगी चूत को देखते ही पहले मुझे देखा, और फिर चूत पर अपना मुंह लगा दिया। अब मेरा बाप मेरी चूत को पी रहा था। मुझे तो जन्नत जैसा महसूस हो रहा था। पापा चूत को मुंह में भर कर जीभ को अंदर-बाहर करने लगे, और मेरी चूत के दाने के साथ खेलने लगे। इससे ज्यादा मजा मैंने कभी फिंगरिंग करते भी महसूस नहीं किया था।

पापा एक पक्के खिलाड़ी है। वो मेरी चूत को चूसते हुए अपने दोनों हाथ मेरे चूचों पर ले आए, और उनको दबाने लगे। अब नीचे से चूत पे उनका मुंह लगा था, जो किसी पंप की तरह चूत को चूस रहा था, और ऊपर से वो मेरे चूचों को दबा रहे थे, तो कभी निप्पल खींच रहे थे। वो तब तक मेरी चूत को चूसते रहे, जब तक कि मेरा पानी नहीं निकल आया, जो उन्होंने सारा पी लिया।

चूत का पानी पीने के बाद पापा नंगे हो गए। अब उनका खतरनाक लंड मेरे सामने था। लंड देख कर एक बार तो मैं घबरा ही गई, कि कहीं उसको लेके मैं मर ना जाऊं। लेकिन फिर मुझे याद आया कि चूत कितना भी बड़ा लंड ले सकती है। फिर पापा अपना लंड हाथ में लेके सीधे लेट गए, और बोले-

पापा: चल कुतिया, इसको चूस कर गीला कर।

उनका हुकुम मानते हुए मैं उनके लंड के पास आई, और उसको मुंह में लेके चूसने लगी। पापा का लंड मेरे मुंह में पूरा नहीं आ रहा था, लेकिन वो मेरे सर को लंड के ऊपर दबा-दबा कर मेरा मुंह चोद रहे थे। 5 मिनट की लंड चुसाई में पापा ने मेरा बुरा हाल कर दिया।

फिर उन्होंने लंड बाहर निकाला, और मुझे धक्का देके सीधा लिया दिया। वो मेरी टांगों के बीच आए, और लंड चूत पर रगड़ते हुए बोले-

पापा: बहुत गर्मी है ना तेरी चूत में हरामजादी, आज तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा।

ये बोल कर पापा ने चूत में झटका मारा। पहले झटके में उनका आधा लंड चूत के अंदर गया, और चीख मेरे मुंह से बाहर निकली। पापा ने साइड से मेरी पैंटी ली, और मेरे मुंह में डाल दी, ताकि मेरी चीख गूंजे ना। दर्द की वजह से मेरे हाथ अपने आप ही पापा की छाती पर चले गए, और उनको धीरे करने के लिए पीछे की तरफ धकेलने लगे। लेकिन पापा ने मेरे हाथ पकड़े, और ऊपर करके बिस्तर पर लगा दिए। फिर उन्होंने अपना और वजन मुझ पर डाला, और दे दना दन चूत में धक्के देने लगे।

इससे इतना दर्द हुआ, कि मेरी जान ही निकलने लगी। मेरे चीखों की आवाजें ह्म्म्म ह्म्म्म करके आ रही थी, क्योंकि मुंह तो पैंटी ने बंद कर रखा था। ऐसे करते हुए पापा ने पूरा लंड चूत में घुसा दिया और रुक गए।

वो बोले: कैसा लग रहा है रंडी अपने बाप का लंड लेके?

मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे। फिर पापा ने पैंटी मेरे मुंह से निकाली, और होंठ चूसने लगे। होंठ चूसते हुए उन्होंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। थोड़े दर्द के बाद अब मुझे मजा आने लगा। मैं भी किस्स में पापा का साथ देने लगी।

मेरा दर्द कम हुआ देख पापा ने लंड तेजी से मेरी चूत में पेलना शुरू किया। उन्होंने मुझे निप्पल पर जोर से काटा, जिससे मुझे काफी दर्द हुआ, और मेरी चीख निकल गई। मुझे दर्द देकर उनको मजा आ रहा था। अब वो मुझे फुल स्पीड पर चोदने लगे। मेरी चूत धड़ाधड़ पानी छोड़ रही थी, जिससे लंड आराम से अंदर-बाहर हो रहा था।

कुछ देर वैसे ही चोदने के बाद पापा ने मुझे घोड़ी बनाया, और पीछे से लंड पेल दिया। अब वो हर धक्के के साथ मेरे चूतड़ पर थप्पड़ मारने लगे। चुदाई के मजे के साथ थप्पड़ का दर्द एक अलग ही एहसास दे रहा था। मेरे चूतड़ पूरे लाल हो चुके थे, लेकिन पापा थप्पड़ पे थप्पड़ मारते रहे। साथ में वो मुझे रंडी, कुतिया, छिनाल, हरामजादी, कुलटा, सब तरह की गालियां दे रहे थे। मैं अब तक तीन बार झड़ चुकी थी, और में चूत जवाब दे चुकी थी।

अगले 10 मिनट में पापा ने अपना लंड चूत से निकाला, और मेरी गांड पर अपनी पिचकारी छोड़ दी। मेरी लाल हुई गांड पर जब माल गिरा, तो मुझे दर्द से थोड़ा आराम मिला। उस दिन के बाद पापा अक्सर मुझे होटल में लेके जाते है, और जबरदस्त तरीके से पेलते है।

आपको मेरी चुदाई कहानी कैसी लगी, फीडबैक [email protected] पर दें।