Adla Badli, Sanyog Ya Saajish – Episode 5
एक गरमा गरम मसाज के बाद मैं अपने पति के दोस्त के साथ बिना प्रोटेक्शन के चुदवाने को तैयार हो गयी थी, उसके एक भरोसे के सहारे। क्या वो मेरा भरोसा रख पायेगा?
एक गरमा गरम मसाज के बाद मैं अपने पति के दोस्त के साथ बिना प्रोटेक्शन के चुदवाने को तैयार हो गयी थी, उसके एक भरोसे के सहारे। क्या वो मेरा भरोसा रख पायेगा?
पति का दोस्त अकेले होटल के कमरे में एक एक कर मेरे शरीर के अंगो की मालिश करता मुझे तड़पा रहा था। जब उसे लगा कि मैं काबू में आ चुकी हूँ, उसने अगला कदम उठाया।
पैरो की मसाज से शुरू करते हुए राज ने मेरी नंगी कमर और पीठ की मसाज करने की इजाजत ले ली थी। वो हदें पार करते हुए क्या मेरी इस मासूम इजाजत का गलत फायदा उठाएगा?
मेरी एक्सरसाइज के निरक्षण के बहाने राज मेरे बदन को छूने लगा। मेरे रोकने पर उसने मेरे बदन को छूने की ऐसी तिकड़म भिड़ाई कि मुझे उसको इजाजत देनी ही पड़ी।
हम दो कपल घूमने जाते है, पति मुझे होटल रूम में अपने दोस्त के साथ अकेला छोड़ देते हैं। दोस्त मेरा फायदा उठाने की कोशिश करता हैं, मैं बचने की कोशिश करती हूँ।
परिवार वाले अनजाने में, रिश्ते की परवाह बगैर एक दूसरे को चोदे जा रहे थे। क्या वो अपनी पहचान छिपा वहां से निकल पाए? पढ़ो मेरी हिन्दी सेक्स कहानी का आखिरी भाग।
मास्क के पीछे अपनी बहन को भाई नहीं पहचान पाया और अनजाने में उसको चोदने को तैयार था उसका साथ दे रहा था मेरा पति। मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में आगे जानिए!
हम चारो ग्रुप सेक्स के लिए तैयार थे पर आगे एक तूफ़ान आने वाला था जिसकी हमें कल्पना नहीं थी। हम एक ऐसे भंवर में फंस गये थे जिससे बाहर आ पाना मुमकिन नहीं था। मेरी पूरी हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी का मजा लीजिये।
मेरे पति, पहले प्यार संजू और भाभी ने प्लान बनाया और कही ना कही मैं भी उसमे शामिल हो गयी। मैं अपनी पहचान बिना उजागर किये सब मजे लेने के लिए तैयार हो गई। बाकि सब मेरे पहले देसी ग्रुप सेक्स की कहानी में जानिए।
मैं अपने पहले प्यार से चुदवा चुकी थी और अब बारी थी मेरे पति की। उनको मैंने उनके पहले प्यार के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा। उनका पहला प्यार कौन था ये इससे भी ज्यादा शॉकिगं था मेरे लिए।
संजू जो बचपन में मेरा पडोसी था, उसने मुझे अपने दिल की बात बता कर जैसे मुझे वश में कर लिया था। मैंने भी उसकी दीवानगी के मजा लेना ही सही समझा और उसके साथ बिस्तर साँझा किया। उमीद है आपको यह मेरी हिन्दी चुदाई स्टोरी जरुर पसंद आएगी।
जब बरसो बाद मेरा मिलना मेरे बचपन के दोस्त से हुआ तो पुराना प्यार बाहर आया। फिर हम दोनों ने जमकर एक दूसरे के जिस्म के वो मजे लिए जिसके बारे में बरसो पहले सिर्फ सोचते थे पर कर नहीं पाए थे।
शादी संपन्न होने के बाद हम कार से घर लौट रहे थे। उसने एक बार फिर से मेरे मजे लिए, इस बार कार की पिछली सीट पर जब कि उसके माँ बाप आगे की सीट पर बैठे थे। इसके बाद एक बहुत बड़ी मुसीबत हमारा इंतज़ार कर रही थी।
पिछली रात को प्रशांत के साथ बिन शादी सुहागरात मनाने के बाद आज शादी वाले दिन हमारा फिर से मिलन का वादा था। दो तड़पते बदन इतने लोगो की नजरे छिपाते कैसे मिलन करते हैं ये इस देसी हिन्दी स्टोरी में पढ़िए।
मेरी हिन्दी चुदाई की कहानी के इस भाग में पढ़िए, अपने पडोसी के साथ एक बेगानी शादी में मेरे नंग्न जिस्म पर मेरा पडोसी फ़िदा हो गया, उसने पहले मुझे मस्त किया और फिर मेरे जम के मजे लुट कर मेरे साथ सुहागरात मनाई।
एक शादी में शिरकत करते हुए महिला संगीत के दौरान और बाद में कैसे मेरे पडोसी ने मेरा फायदा उठाया और फिर मुझे पहले निवस्त्र कर दिया गया और मैं अपने नग्न जिस्म को छुपाने की लाख कोशिश करती रही, पर उसने तो मुझे ही अपनी भुजाओ में समां लिया।
रंजन समझ चूका था की मैं उससे चुदना चाहती हूँ, क्योकि मैंने खुद उसे हरी झंडी दिखाई थी. इसलिए इस बार मैंने पति को भी डबल क्रॉस किया। आगे पढ़िए क्या हमें इतना करने के बाद वो फल मिला जिसके लिए इतने पापड बेले थे।
पिछली बार साजिश में चोट खाने के बाद हमारी फिर से हिम्मत नहीं हो पा रही थी साजिश को आगे बढ़ाने की, पर फिर किस्मत से हमको फिर मौका मिला। तो हमने इसे एक बार फिर अजमाने का सोचा!
संदीप तो मेरी चूत में अपना बीज भर चूका था, उसके बाद बारी रोनक को थी. मैंने पहले ही महसूस कर लिया था की उसका लूँ संदीप से बड़ा और मोटा है. मजा लो मेरी इस आगे की सेक्स कहानी का!
कहानी के इस दूसरे भाग में पढ़िए किसे हमने अपना अगला शिकार चुना। जिसको साजिश के तहत सेक्स करना था और हमारे प्लान के मुताबिक डरा धमका कर हमेशा के लिए भगा देना था। मगर इस बार ये आसान नहीं था। हम खुद थोड़ा ऐसे फंस गए कि बहुत मुश्किल पेश आयी।