पड़ोसन बनी दुल्हन-25
भाभी सेठी साहब का लन्ड देख के हैरान रह गयी लेकिन उन्हें ये लुंड अपने मुँह में लेना था ही और उन्होंने मेरी तरफ देखा लन्ड हाथ में पकडे हुए।
भाभी सेठी साहब का लन्ड देख के हैरान रह गयी लेकिन उन्हें ये लुंड अपने मुँह में लेना था ही और उन्होंने मेरी तरफ देखा लन्ड हाथ में पकडे हुए।
मेरी और भाभी की नज़दकीया तो बढ़ ही रही थी और भाभी को सेठी साब काफी पसंद आने लगे थे जिससे और नए रिश्ते बनते चले गए।
औरत को समझना मुश्किल तोह होता है लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं, अब मेरी भाभी भी सेठी साहब के प्रति उत्तेजना दिखा रही थी जो मुझे समझ आ रहा था।
मेरी भाभी को मेरे और सेठी साहब के बारे में पता चल गया था और सेठी साहब तो रात भर मेरी चुदाई करने ही वाले थे, अब मुझे डर भी लग रहा था की क्या करू।
अंजू ने फ़ोन उठाते ही हँसी मजाक के लहजे में पूछा, “जीजू सा, प्रणाम! ननद सा से बात किये बगैर चैन नहीं पड़ता क्या आपको? ननदसा अभी बाथरूम में है।
राज और सुषमा की चुदाई जोरशोर से चल रही थी और अब सुषमा को भी पता चल गया की राज को इसकी गांड मारनी है, लेकिन क्या वो अपनी गांड मरवा लेगी पढ़िए कहानी में।
माँ बनने की उत्सुकता और अपने मन पसंद दूसरे मर्द से चुदवाने की कामुकता क्या रंग लाती है।
अगर मेरी पत्नी मेरे दोस्त की बाँहों में नंगी सोई हुई थी तो मेरी बाँहों में भी तो उसकी बीबी पूरी नंगी सोई हुई थी!
पढ़िए कैसे अब सुषमाजी अब राज के सामने नंगी हो के उससे चुदाई की भीक मांगने लगी और राज को उसके बचे की माँ बनने की प्राथना करने लगी।
सुषमाजी ने अपने आप को राज की सौंपा और उसकी रखैल, रंडी और छिनाल तक बनने को तैयार हो गयी और राज की निजी संपत्ति बानी।
अब चलते है दूसरी तरफ जहा सुषमा और राज के बिच की दूरिया भी कम होने लगी थी जब वह दोनों अकेले थे और उनके साथियो ने तो शारीरिक सम्भन्ध बना लिए थे।
सेठी साहब का जबरदस्त लण्ड मेरी चुत में ऐसी हलचल मचा रहा था जिसे में शब्दों में बयान नहीं कर सकती, मैंने अपने आप को उनकी दूसरी बीवी मान लिया था।
मैंने सेठी साहब को कंडोम पहनने से मन कर दिया और उसके बाद उनके प्रेम के सागर में दुब कर एक ऐसे सुख की प्राप्ति की जो मैंने आज तक महसूस नहीं किया था।
जिंदिगी कई मोड़ लेती है, इसी तरह अब मेरी जिंदगी में भी एक बहोत बड़ा मोड़ आने वाला था क्युकी अब मई सेठी साहब के साथ बिस्तर पर नंगी लेती हुई थी।
दो पडोसी युगल कैसे एक दूसरे से घूल कर एक बन गए। और कैसे अब एक औरत ने अपना जिस्म एक प्यारे मर्द के नाम कर दिय।
पड़ोसन का मर्द जिसे मैं सेठी साहब कह कर बुलाती थी, पढ़िए कैसे मैं उनके बिस्तर को गरम करने लगी और मजे में चुद गयी.
एक गैर मर्द के साथ मैंने कैसे हम बिस्तर होने को तेयार हो गयी, ये सब पढ़िए आप मेरी इस सेक्स कहानी में और मजे से मुठ मारिये.
मेरी इस कहानी मेरी पढ़िए कैसे मेरी नटखट बीवी मेरे पडोसी के साथ अपने माइके जाने को तेयार हो गयी. क्योकि वो सेठी का लंड लेना चाहती थी!
पढ़िए कैसे मेरी बीवी ने मेरी रजामंदी से हमारे पडोसी सेठी साहब के लंड को गरम किया और उससे चुदने को तेयार हो गयी!
मेरी खुद की बीवी तो बहोत खुबसूरत थी ही, पर जैसे की हर मर्द की फितरत होती ही है. की अपनी से जादा दुसरे की बीवी जादा मस्त लगती है!