Chudai Ki Pyaasi, Ek Andhi Ladki – Part 2
तक़रीबन पांच मिनट के बाद आशु बिलकुल ढीली पड़ चुकी थी और मेरा हाथ पकड़ कर उसने अपने लहंगे के ऊपर से ही अपने चूत से सटा दिया। मैंने भी उसकी अनचुदी नई नवेली चूत ऊपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया।
तक़रीबन पांच मिनट के बाद आशु बिलकुल ढीली पड़ चुकी थी और मेरा हाथ पकड़ कर उसने अपने लहंगे के ऊपर से ही अपने चूत से सटा दिया। मैंने भी उसकी अनचुदी नई नवेली चूत ऊपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया।
जैसे कि आपने पिछली सेक्स कहानी में पढ़ा की कैसे मैंने रजनी की दबा के चूत मारी और उसे पता भी नहीं लगने दिया।उसे मैंने बाद में दोस्त बनाया और वह आज तक मेरी दोस्त है और उसे यह भी नहीं पता की मैंने उसकी ताबड़ तोड़ चुदाई की थी।
कुछ देर बाद उसने गांड के छेद से अपना मुँह हटाया तो बोल जानु यह मेरी तरफ से तुम्हारी पहली और आखरी चुदाई है और मैं यह चाहता हूँ कि तुम यह चुदाई मरते दम तक याद रखो.
दोस्तों यह मेरी पहली हिन्दी सेक्स कहानी है जो की सच्ची है. मेरी किसी रजनी नाम की लड़की के साथ (जो की एक नर्स थी) सात साल से दोस्ती थी और में उस लड़की से बहुत खुल चुका था.