Party Me Neelam Ki Chut Mili
ये कहानी मेरी होने वाली किरायेदार के बारे में है। उसका नाम नीलम था। उसकी उम्र यही कोई 28-30 के लगभग थी, उसके साथ मेरा योन सम्बन्ध केसे बना कहानी में पढ़िए!
ये कहानी मेरी होने वाली किरायेदार के बारे में है। उसका नाम नीलम था। उसकी उम्र यही कोई 28-30 के लगभग थी, उसके साथ मेरा योन सम्बन्ध केसे बना कहानी में पढ़िए!
ये कहानी इस साइट को पसन्द करने वाले एक दोस्त राजीव अरोड़ा ने भेजी है। जो के *** पंजाब से ही है और उसने एक भाभी एक अनोखा दान दिया। कहानी पढ़िए और मजा लीजिये!
आपने मेरी एक पुरानी कहानी तो पढ़ी होगी। जिसमे मैंने एस.टी.डी/पी.सी.ओ में एक पड़ोसन भाभी के साथ रोमांस के दौरान ऊपर से उसकी बेटी आ जाने जिक्र किया था!
मेरा घर एक छोटे से गांव में होने की वजह से शहर से बस, ऑटो या टैक्सी लेकर आना पड़ता था। जो के मेरे गांव से 20 किलोमीटर दूरी पे था। सो उस दिन जैसे ही हरियाणा..
उस शादी में अरुण के अन्य 2 दोस्त विकास, संजीव भी शामिल हुए थे। जो देखने में ही चालू किस्म के लफंगे लोफर लगते थे, उनके कानो में बालिया, गले में मोटी चांदी की
एक दिन मैं बिजली का बिल भरने, बिजली घर गया हुआ था। वहाँ पर प्रदीप भी मुझसे पहले लाइन में खड़ा था। लाइन बड़ी होने की वजह से मैं उसे अपना बिल पकड़ा कर, खुद उसके
अंदर जाकर क्या देखता है के गौरी खाट पे पड़ी है। उसके पास उसके बेटे के इलावा कोई भी नही है। जिसे शयद स्तनपान कराते कराते सो गयी थी। उसके कपड़े नींद की वजह से
जब एक दिन मैं फेसबुक पे अपने खास दोस्त दीप बंगड़ से उसकी ही एक पोस्ट पे हंसी मज़ाक कर रहा था तो उसी पोस्ट पे एक अजनबी लड़की अमृता के भी कुछ कमेंट्स आये हुए थे।
मेने पास से गुज़रते ही उनको नमस्ते बोला और माँ के साथ बरामदे में ही पड़े खाट पे बैठ गया। माँ उठकर मेरे लिए पानी लेने चली गयी। अब मैं, पूजा और उसके दोनों बच्चे
ये करीब पिछले 6-7 साल की बात होगी। जब मैं पढ़ाई कर रहा था। तो मेरे घर के बिलकुल सामने एक भाभी रहती है। उसका नाम सुनीता है, उसकी उम्र 25 वर्ष, रंग गोरा, गठीला बदन, पंजाबी सूट में तो कयामत लगती थी।
ये बात पिछले 8 साल की है जब मै अपने मामा जोके खुद के स्कूल के प्रिंसिपल है, उनके स्कूल में पढ़ने के लिए अपने नौनिहाल गया हुआ था। मेरे मामा अभी तक कुंवारे थे।
पिछले हफ्ते मैं रिश्तेदारी में एक शादी पे गया हुआ था। वहां मेरा कालज टाइम का दोस्त अक्षय भी आया हुआ था। ये कहानी मुझे उसने ही सुनाई और साईट पे छापने की विनती की।
ये बात तब की है, जब मैं घर से बाहर दूसरे शहर में पढ़ाई के लिए गया हुआ था। जिस घर में मुझे रहने के लिए एक कमरा मिला था। उनका एक 4 साल का एक बच्चा रोहित था। जो अक्सर मेरे साथ खेलने मेरे कमरे में आ जाता था।
ये इसी गर्मियो की बात है के मैं एक दिन अपने घर में अकेला था। हमारा पूरा परिवार रिश्तेदारी में बुआ की लड़की की आ रही शादी के लिए कपड़े वगैरा खरीदने बाज़ार गया हुआ था।
ये राजस्थान के एक छोटे से गांव की कहानी है। जहां भीमा एक गरीब मज़दूर, जो अपनी पत्नी शांति और बेटे विजय के साथ अपने मालिक जमीदार राजेन्द्र सिंह की हवेली के बाहर एक छोटी सी झोपडी में रहता था।
ये बात करीब 6 महीने पुरानी है जब हमारे एरिये की सड़के बन रही थी। आपको तो पता ही है सड़क वालो की लेबर में औरते भी होती है। उनके बारे में तो सब जानते ही है।
ये बात तब की है जब मैं पढ़ाई पूरी करके घर से कुछ कामकाज के लिए सपनों की महानगरी मुम्बई में आया था। उस वक़्त मैं बहुत खुश था के जिस शहर को देखने के लिए बचपन से टीवी या अखबार में ही देखकर दिल बेहला लेता था.
अब हम दोनों जीजू साली अस्पताल में राज की माँ की देखभाल के लिए रुक गए। माजी और सोनिया को खाना खिलाया । इतने में रात हो गयी। हम दोनों हाल में ही एक बेंच पर बैठे थे। करीब 12 बजे तक हम दोनो बाते करते रहे।
ये पिछले साल की बात है के एक दिन हम दोनों पति पत्नी मेरे सुसराल गये हुए थे। सोनिया ने हमारा बहुत बढ़िया तरीके से स्वागत किया। वो उस वक़्त घर पे अकेली थी।
घर से थोड़ी दूर जाके बस स्टैंड है वहां से होकर बाज़ार जाना पड़ता है, तो वहां मेरे पड़ोस का लड़का सोनू दिखा, वो भी शायद बाज़ार ही जा रहा था। उसने हाथ सेे रुकने का इशारा किया और मेने बाइक रोक ली।